Home General Maha Shivratri Celebration : भारत के वो हिस्से जहां मनाया जाता है...

Maha Shivratri Celebration : भारत के वो हिस्से जहां मनाया जाता है महाशिवरात्रि का महा उत्सव

Join Telegram Channel Join Now

Maha Shivratri Celebration : हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक, महाशिवरात्रि, भगवान शिव की पूजा का पर्व है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन, भक्त भगवान शिव का व्रत रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं और रात भर जागते हैं। महाशिवरात्रि का त्योहार कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। यह माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया था। इसके अलावा, इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह भी हुआ था। महाशिवरात्रि के दिन, भक्त भगवान शिव का व्रत रखते हैं। वे दिन भर उपवास करते हैं और रात भर जागते हैं। भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, उन्हें बेल पत्र, भांग, धतूरा और फल चढ़ाते हैं। महाशिवरात्रि का त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर के अंधकार को दूर करके प्रकाश की ओर बढ़ना चाहिए। महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है(Why is Maha Shivratri Celebrated) , माघ मेले में महा शिवरात्रि शाही स्नान (Maha Shivratri Shahi Snan at Magh Mela) , भारत में महा शिवरात्रि कहाँ मनाई जाती है (Where is Maha Shivaratri Celebrated in India) , महा शिवरात्रि मनाने के स्थान (Places to Celebrate Maha Shivratri) , ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर, तमिलनाडु( Isha Yoga Center, Coimbatore, Tamil Nadu) , नीलकंठ महादेव मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड( Nilkanth Mahadev Temple, Haridwar, Uttarakhand) , उमानंद मंदिर, गुवाहाटी , असम( Umananda Temple, Guwahati, Assam) , भवनाथ तलेटी, जूनागढ़, गुजरात( Bhavnath Taleti, Junagadh, Gujarat) , मतंगेश्वर मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश(Matangeshwar Temple, Khajuraho, Madhya Pradesh) , महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश(Mahakaleshwar Temple, Ujjain, Madhya Pradesh) श्रीशैल मल्लिकार्जुन मंदिर, आंध्र प्रदेश(Srisaila Mallikarjuna Temple, Andhra Pradesh) , भूतनाथ मंदिर, मंडी, हिमाचल प्रदेश(Bhootnath Temple, Mandi, Himachal Pradesh) , तिलभांडेश्वर मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेशTilbhandeshwar Temple, Varanasi, Uttar Pradesh) , नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, देवभूमि द्वारका, गुजरात(Nageshwar Jyotirlinga, Devbhoomi Dwarka, Gujarat) , लोकनाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा(Lokanatha Temple, Puri, Odisha) , श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, वेरावल, गुजरात( Shree Somnath Jyotirlinga Temple, Veraval, Gujarat) इत्यादि इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़िए।

Maha Shivratri Celebration overview

टॉपिकMaha Shivratri Celebration : भारत के वो हिस्से जहां मनाया जाता है महा शिवरात्रि का महा उत्सव
लेख प्रकारआर्टिकल
त्योहारमहाशिवरात्रि
प्रमुख देवताभगवान शिव
तिथिफाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी”
महत्वभगवान शिव की पूजा का पर्व
उत्सवउपवास, पूजा-अर्चना, अनुष्ठान, भजन-कीर्तन, शिव तांडव नृत्य
पारण तिथि09 मार्च 2024

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है (Why is Maha Shivratri Celebrated)

महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) के पीछे कई पौराणिक कथाएँ और विश्वास हैं, जिनमें से सबसे प्रचलित यह है कि इसी दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) का विवाह (marriage) हुआ था। इसलिए, यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है। एक अन्य कथा के अनुसार, इसी रात्रि को शिव (Lord Shiva) ने नीलकंठ (Neelkanth) रूप धारण करके समुद्र मंथन से निकला विष पी लिया था, जिससे सृष्टि की रक्षा हुई। इस कारण उन्हें विश्व का संहारक और संरक्षक माना जाता है।

माघ मेले में महाशिवरात्रि शाही स्नान (Maha Shivratri Shahi Snan at Magh Mela)

महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri), माघ मेले का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व है। मकर संक्रांति से शुरू होने वाला यह मेला महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शाही स्नान के साथ समाप्त होता है। 2024 में, महाशिवरात्रि 9 मार्च को है, और इस दिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज में संगम में स्नान करेंगे। शाही स्नान का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में, संगम को त्रिवेणी संगम कहा जाता है, जहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन शाही स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है।

शाही स्नान की शुरुआत अखाड़ों द्वारा की जाती है। सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं, उसके बाद ज्योतिषियों द्वारा पंचांग पढ़ा जाता है। पंचांग पढ़ने के बाद, अखाड़ों के महंत स्नान करते हैं। शाही स्नान के दौरान, संगम में भक्तों की भारी भीड़ होती है। शाही स्नान के बाद, भक्त संगम में दान करते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज में रात्रि जागरण भी होता है।

भारत में महाशिवरात्रि कहाँ मनाई जाती है (Where is Maha Shivaratri Celebrated in India)

भारत (India) में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri), भगवान शिव (Lord Shiva) के प्रति समर्पित एक महत्वपूर्ण त्योहार, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार फरवरी-मार्च में अमावस्या की रात को मनाया जाता है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करते हैं और रात भर जागरण करते हैं।

भारत के कुछ प्रमुख स्थानों में महाशिवरात्रि का उत्सव:

उत्तराखंड:

  • केदारनाथ: भगवान शिव (Lord Shiva) के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ में महाशिवरात्रि का उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
  • गंगोत्री: गंगा नदी के उद्गम स्थल, गंगोत्री में भी भव्य उत्सव आयोजित किया जाता है।

मध्य प्रदेश:

  • उज्जैन: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भव्य मेला आयोजित होता है।
  • ओंकारेश्वर: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

आंध्र प्रदेश:

  • श्रीशैलम: भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक, श्रीशैलम में महाशिवरात्रि का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

तमिलनाडु:

  • चिदंबरम: भगवान शिव के पंचाक्षर मंदिरों में से एक, चिदंबरम में भव्य उत्सव आयोजित होता है।

केरल:

  • वायनाड: त्रिवेंद्रम में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को आध्यात्मिकता और आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रेरित करता है.

महाशिवरात्रि मनाने के स्थान (Places to Celebrate Maha Shivratri)

भारत (India) में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का त्यौहार अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर में अनेक स्थानों पर भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और रात भर जागरण करते हैं।

यहां कुछ प्रमुख स्थानों की जानकारी दी गई है:

उत्तराखंड:

  • केदारनाथ: भगवान शिव (Lord Shiva) के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ में महाशिवरात्रि का उत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
  • गंगोत्री: गंगा नदी के उद्गम स्थल, गंगोत्री में भी भव्य उत्सव आयोजित किया जाता है।

मध्य प्रदेश:

  • उज्जैन: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga) में भव्य मेला आयोजित होता है।
  • ओंकारेश्वर: ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

आंध्र प्रदेश:

  • श्रीशैलम: भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों of (Jyotirlinga) में से एक, श्रीशैलम (srisailam) में महाशिवरात्रि का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।

तमिलनाडु:

  • चिदंबरम: भगवान शिव के पंचाक्षर मंदिरों में से एक, चिदंबरम में भव्य उत्सव आयोजित होता है।

केरल:

  • वायनाड: त्रिवेंद्रम में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर है, जहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर, तमिलनाडु ( Isha Yoga Center, Coimbatore, Tamil Nadu)

ईशा योग केंद्र, जिसे आधिकारिक तौर पर ईशा फाउंडेशन (Isha Foundation) के नाम से जाना जाता है, भारत (India) के तमिलनाडु राज्य के कोयंबटूर शहर में स्थित एक आध्यात्मिक केंद्र है। इसकी स्थापना 1992 में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की थी। यह केंद्र योग विज्ञान, ध्यान, और मानवीय चेतना के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करता है।

ईशा योग केंद्र 150 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें विभिन्न प्रकार के भवन और सुविधाएं शामिल हैं। इनमें योग प्रशिक्षण कक्ष, ध्यान कक्ष, आवासीय सुविधाएं, पुस्तकालय, और एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र शामिल हैं। केंद्र का मुख्य आकर्षण 112 फीट ऊंचा आदि योगी प्रतिमा है, जो भगवान शिव का प्रतीक है। ईशा योग केंद्र विभिन्न प्रकार के योग कार्यक्रम आयोजित करता है, जिनमें योग शिविर, योग कक्षाएं, और ध्यान कार्यक्रम शामिल हैं। इन कार्यक्रमों में दुनिया भर से लोग भाग लेते हैं। केंद्र योग विज्ञान के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए पुस्तकें, ऑडियो, और वीडियो भी प्रकाशित करता है।

नीलकंठ महादेव मंदिर ( Nilkanth Mahadev Temple, Haridwar, Uttarakhand)

हरिद्वार (Haridwar) में स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और पंच केदारों में से एक है, जो कि भगवान शिव के पांच पवित्र मंदिरों में से एक है।

मंदिर का महत्व:

  • शिव का विषपान: समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया था, जिससे उनका गला नीला हो गया था और उन्हें नीलकंठ नाम मिला।
  • पंच केदार: यह मंदिर पंच केदारों में से एक है, जो भगवान शिव के पांच पवित्र मंदिरों में से एक है।
  • मोक्ष प्राप्ति: ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से मोक्ष प्राप्ति होती है।

उमानंद मंदिर, गुवाहाटी, असम (Umananda Temple, Guwahati, Assam)

उमानंद मंदिर (Umananda Temple) , जो भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है, भारत (India) के असम (Assam) राज्य के गुवाहाटी शहर में स्थित एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर ब्रह्मपुत्र नदी के बीच में उमानंद द्वीप पर स्थित है, जो इसे एक अद्वितीय और आकर्षक स्थान बनाता है। मंदिर का निर्माण 1694 में राजा प्रताप सिंह ने करवाया था और यह अपनी शानदार वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

महाशिवरात्रि: उमानंद मंदिर (Umananda Temple) में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान, मंदिर को रंगीन रोशनी से सजाया जाता है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। मंदिर में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भजन, कीर्तन और नृत्य शामिल हैं।

भवनाथ तलेटी, जूनागढ़, गुजरात ( Bhavnath Taleti, Junagadh, Gujarat)

भवनाथ तलेटी गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर के लिए जाना जाता है, जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जूनागढ़ शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर, यह मंदिर पवित्र गिरनार पर्वत की तलहटी में स्थित है।

  • मंदिर: भवनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और इसका वास्तुकला शैली हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रभावों को दर्शाती है। मंदिर का मुख्य द्वार नक्काशीदार है और भगवान शिव (Lord Shiva) की विभिन्न मूर्तियों से सजाया गया है। गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जो कि भगवान शिव का स्वयंभू प्रतीक है।
  • महाशिवरात्रि: भवनाथ तलेटी में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, भक्त पूरे भारत से आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

मतंगेश्वर मंदिर, खजुराहो, मध्य प्रदेश (Matangeshwar Temple, Khajuraho, Madhya Pradesh)

मतंगेश्वर मंदिर (Matangeshwar Temple) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खजुराहो में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 950-955 ईस्वी में चंदेल राजा दंग द्वारा बनवाया गया था। खजुराहो के पश्चिमी समूह में स्थित, यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और कामुक मूर्तियों के लिए जाना जाता है।

  • मंदिर: मतंगेश्वर (Matangeshwar Temple)मंदिर पत्थर से बना है और इसमें एक गर्भगृह, मंडप और शिखर है। गर्भगृह में भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है। मंडप में नक्काशीदार स्तंभ हैं और दीवारों पर कामुक मूर्तियां हैं। शिखर ऊँचा और नक्काशीदार है।
  • महाशिवरात्रि: मतंगेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, भक्त पूरे भारत से आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश (Mahakaleshwar Temple, Ujjain, Madhya Pradesh)

महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन शहर में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित, यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

  • मंदिर: महाकालेश्वर मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी में हुआ था और इसका जीर्णोद्धार कई राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर का गर्भगृह भूमिगत है और इसमें भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें गणेश मंदिर, कार्तिकेय मंदिर और नंदी मंदिर शामिल हैं।
  • महाशिवरात्रि: महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, लाखों भक्त पूरे भारत से आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

श्रीशैल मल्लिकार्जुन मंदिर, आंध्र प्रदेश (Srisaila Mallikarjuna Temple, Andhra Pradesh)

श्रीशैल मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित, यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

  • मंदिर: श्रीशैल मल्लिकार्जुन मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और इसका जीर्णोद्धार कई राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर का गर्भगृह छोटा है और इसमें भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें भवानी मंदिर, गणेश मंदिर और कार्तिकेय मंदिर शामिल हैं।
  • महाशिवरात्रि: श्रीशैल मल्लिकार्जुन मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, लाखों भक्त पूरे भारत से आते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।

भूतनाथ मंदिर, मंडी, हिमाचल प्रदेश (Bhootnath Temple, Mandi, Himachal Pradesh)

भूतनाथ मंदिर (Bhoothnath Temple) हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के मंडी शहर में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और मंडी शहर का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है।

  • मंदिर: भूतनाथ मंदिर (Bhoothnath Temple) का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और इसका जीर्णोद्धार कई राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर का गर्भगृह छोटा है और इसमें भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर और नंदी मंदिर शामिल हैं।
  • महाशिवरात्रि: भूतनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव है। यह त्योहार भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

तिलभांडेश्वर मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश Tilbhandeshwar Temple, Varanasi, Uttar Pradesh)

तिलभांडेश्वर मंदिर (Tilbhandeshwar Temple)  वाराणसी (Varanasi), उत्तर प्रदेश में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। गंगा नदी के किनारे स्थित, यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है।

  • मंदिर: तिलभांडेश्वर मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और इसका जीर्णोद्धार कई राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर का गर्भगृह भूमिगत है और इसमें भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर और नंदी मंदिर शामिल हैं। 
  • महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि भगवान शिव (lord shiva) को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर प्रदान करता है। तिलभांडेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव है। यह त्योहार भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, देवभूमि द्वारका, गुजरात (Nageshwar Jyotirlinga, Devbhoomi Dwarka, Gujarat)

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga) द्वारका, गुजरात (Gujarat) में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlinga) में से एक माना जाता है।

  • मंदिर: नागेश्वर मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ था और इसका जीर्णोद्धार कई राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर का गर्भगृह छोटा है और इसमें भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है। मंदिर के परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं, जिनमें गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर और नंदी मंदिर शामिल हैं।
  • महाशिवरात्रि: नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि का त्योहार एक अद्भुत और आध्यात्मिक अनुभव है। यह त्योहार भक्तों को भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

लोकनाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा (Lokanatha Temple, Puri, Odisha)

लोकनाथ मंदिर (Loknath Temple), पुरी, ओडिशा में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था और यहाँ स्थापित शिवलिंग ‘लोकनाथ’ के नाम से जाना जाता है। लोकनाथ मंदिर ‘बंगाली शैली’ में बनाया गया है और इसकी वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का ‘स्वयंभू’ लिंग स्थापित है, जिसके चारों ओर ‘नंदी’ और ‘गणेश’ की मूर्तियाँ हैं।

  • महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि, लोकनाथ मंदिर में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस दिन, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं। मंदिर को रंगीन लैंप, फूलों और मालाओं से सजाया जाता है।

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, वेरावल, गुजरात ( Shree Somnath Jyotirlinga Temple, Veraval, Gujarat)

श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर (Shri Somnath Jyotirlinga Temple), गुजरात (Gujarat) के वेरावल शहर में स्थित, बारह ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और हिंदू धर्म ( के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।

  • महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, लाखों भक्त मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। भक्त भगवान शिव (Lord Shiva) का अभिषेक करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Summary

महाशिवरात्रि का त्योहार हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण संदेश देता है। यह हमें सिखाता है कि भक्ति, आस्था, और आध्यात्मिकता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमें सकारात्मक ऊर्जा से प्रेरित करता है और हमें जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति देता है। महाशिवरात्रि के पावन पर्व से संबंधित यह लेख अगर आपको पसंद आया हो इसे अपने मित्र गणों के साथ अवश्य साझा कीजिए  हमारे अन्य आर्टिकल को भी अवश्य पढ़ें

FAQ’s

Q. महाशिवरात्रि के दिन क्या किया जाता है?

Ans.  महाशिवरात्रि के दिन भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं, जागरण करते हैं और शिव मंदिर में दर्शन करते हैं।

Q. महाशिवरात्रि कब मनाई जाती है?

Ans. महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है।

Q. महाशिवरात्रि का अभिषेक कैसे किया जाता है?

Ans. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, जल आदि से अभिषेक किया जाता है।

Q. महाशिवरात्रि का जागरण क्यों किया जाता है?

Ans. महाशिवरात्रि के दिन रातभर जागरण करके भगवान शिव की भक्ति की जाती है।

Q. महाशिवरात्रि का महत्व क्या है?

Ans. महाशिवरात्रि भगवान शिव के प्रति समर्पण और भक्ति का त्योहार है। 

Q. महाशिवरात्रि के दिन क्या किया जाता है?

Ans. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं, भगवान शिव का अभिषेक करते हैं, ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हैं और रातभर जागरण करते हैं।