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Shri Durga Stotra: नवरात्रि में जरूर करिए श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ, मां दुर्गा करेंगी आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण 

Shri Durga Stotra
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श्री दुर्गा स्तोत्र (Shri Durga Stotra): हिंदू धर्म में दुर्गा माता (Mata Durga) की पूजा का विशेष महत्व है, और उनकी आराधना करने के लिए दुर्गा स्तोत्र एक महत्वपूर्ण साधन है। दुर्गा स्तोत्र (Durga Stotra) माता दुर्गा (Mata Durga) की महिमा, शक्ति, और कृपा का वर्णन करता है, और इसके पाठ से हमें माता की आशीर्वाद और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुर्गा स्तोत्र क्या है और इसका महत्व क्या है? दुर्गा स्तोत्र का पाठ करना हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का संचार करता है, और यह हमें माता की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है। इस लेख में, हम दुर्गा स्तोत्र के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके महत्व को समझेंगे। साथ ही, हम आपको दुर्गा स्तोत्र की लिरिक्स का पीडीएफ भी प्रदान करेंगे, जिसे आप डाउनलोड कर सकते हैं और स्तोत्र को अच्छे से पढ़ सकते हैं। 

तो चलिए शुरू करते हैं यह बेहद खास लेख और जानते हैं पवित्र श्री दुर्गा स्तोत्र (Shri Durga Stotra) के बारे में….

दुर्गा स्त्रोत क्या है? (Durga Stotra kya Hai)

Durga Stotra kya Hai

दुर्गा स्त्रोत (Durga Stotra) हिन्दू धर्म में देवी दुर्गा (Devi Durga) को समर्पित एक स्तुति गीत है। यह प्रार्थना दुर्गा की विभिन्न गुणों और रूपों की प्रशंसा करती है। स्त्रोत के अनुसार, दुर्गा को सत्य, अनन्तता और परम सत्ता का मूर्त रूप माना जाता है। यह माना जाता है कि उन्होंने अपने भक्तों पर कृपा बरसाने के लिए एक भौतिक रूप धारण किया है और उन्हें परम शक्ति और सभी सृजन का स्रोत माना जाता है। दुर्गा स्त्रोत (Durga Stotra) में देवी को एक मां के रूप में, शक्ति के स्रोत के रूप में और शांति के प्रतीक के रूप में सभी प्राणियों में मौजूद बताया गया है। इसमें कई संस्कृत श्लोक भी शामिल हैं, जिन्हें आमतौर पर दुर्गा स्त्रोत के हिस्से के रूप में पढ़ा जाता है।

दुर्गा स्तोत्र लिरिक्स (Durga Stotra Lyrics)

जय भगवति देवि नमो वरदे
जय पापविनाशिनि बहुफलदे।
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे
प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥१॥

जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे
जय पावकभूषितवक्त्रवरे।
जय भैरवदेहनिलीनपरे
जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥२॥

जय महिषविमर्दिनि शूलकरे
जय लोकसमस्तकपापहरे।
जय देवि पितामहविष्णुनते
जय भास्करशक्रशिरोवनते॥३॥

जय षण्मुखसायुधईशनुते
जय सागरगामिनि शम्भुनुते।
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे
जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥४॥

जय देवि समस्तशरीरधरे
जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे।
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे
जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥५॥

एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:।
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥६॥

दुर्गा स्तोत्र लिरिक्स पीडीएफ (Durga Stotra Lyrics PDF)

दुर्गा स्तोत्र लिरिक्स PDF Download

इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे दुर्गा स्तोत्र (Durga Stotra) की लिरिक्स पीडीएफ के जरिए साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ को आप बेहद आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं और फिर दुर्गा स्त्रोत (Durga Stotra) को सरलता पूर्वक लिख सकते हैं।

Conclusion:-

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (श्री दुर्गा स्तोत्र) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. श्री दुर्गा स्तोत्र क्या है?

श्री दुर्गा स्तोत्र एक पवित्र पाठ है जिसमें देवी दुर्गा की स्तुति और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इसमें देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों और उनकी शक्तियों का गुणगान किया जाता है, और यह भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम माना जाता है।


2. श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ क्यों किया जाता है?

श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ देवी दुर्गा से शक्ति, सुरक्षा, और सभी प्रकार की बुराईयों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है, लेकिन इसे किसी भी समय अपने जीवन में शांति और समृद्धि के लिए पढ़ा जा सकता है।


3. श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन इसे करने का सबसे शुभ समय प्रातःकाल होता है। स्तोत्र का पाठ करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनकर देवी दुर्गा के समक्ष दीपक जलाना चाहिए। नियमित पाठ करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।


4. क्या श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ केवल नवरात्रि में ही किया जा सकता है?

नहीं, श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ आप वर्ष के किसी भी समय कर सकते हैं। हालांकि, नवरात्रि के दौरान इसका विशेष महत्व होता है क्योंकि यह समय देवी दुर्गा की पूजा का होता है। नवरात्रि के अतिरिक्त आप विशेष अवसरों या जरूरत पड़ने पर भी इसका पाठ कर सकते हैं।


5. श्री दुर्गा स्तोत्र के क्या लाभ हैं?

श्री दुर्गा स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन
  • मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता
  • नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से रक्षा
  • आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि

6. क्या श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ सभी कर सकते हैं?

हां, श्री दुर्गा स्तोत्र का पाठ हर व्यक्ति कर सकता है। यह स्तोत्र सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त है और इसे करने के लिए किसी विशेष विधि की आवश्यकता नहीं होती। इसे कोई भी श्रद्धा और भक्ति के साथ कर सकता है।