पूर्णिमा 2025 कैलेंडर (2025 Purnima List): हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा मनाई जाती है, जो चंद्रमा के पूर्ण रूप में आने का प्रतीक है। 2025 में भी कई महत्वपूर्ण पूर्णिमाएँ आने वाली हैं, जिनमें पौष पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा, फाल्गुन पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा, और अन्य शामिल हैं। इन पूर्णिमाओं का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी है।
ये पूर्णिमाएँ हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझने और समृद्ध बनाने में मदद करती हैं। इन पूर्णिमाओं के दौरान, लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। इन पूर्णिमाओं का महत्व इस प्रकार है कि यह हमें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है और हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करता है। इन पूर्णिमाओं के दौरान, लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
इस लेख में, हम आपको 2025 में आने वाली पूर्णिमाओं की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन पूर्णिमाओं के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे।
इस विशेष लेख के माध्यम से हम 2025 में आने वाली पूर्णिमाओं के बारे में विस्तार से जानेंगे तो कृपया हमारे इसलिए को अंत तक जरूर पढ़ें….
महीना | पूर्णिमा का नाम | तारीख | पूर्णिमा का महत्त्व |
जनवरी | पौष पूर्णिमा | 14 जनवरी 2025 | धार्मिक स्नान और दान |
फ़रवरी | माघ पूर्णिमा | 13 फरवरी 2025 | तीर्थस्थानों में स्नान और व्रत |
मार्च | फाल्गुन पूर्णिमा | 14 मार्च 2025 | होली का त्यौहार |
अप्रैल | चैत्र पूर्णिमा | 13 अप्रैल 2025 | हनुमान जयंती |
मई | वैशाख पूर्णिमा | 12 मई 2025 | बुद्ध पूर्णिमा |
जून | ज्येष्ठ पूर्णिमा | 11 जून 2025 | वट सावित्री व्रत |
जुलाई | आषाढ़ पूर्णिमा | 10 जुलाई 2025 | गुरु पूर्णिमा |
अगस्त | श्रावण पूर्णिमा | 9 अगस्त 2025 | रक्षा बंधन और नारियल पूर्णिमा |
सितम्बर | भाद्र पूर्णिमा | 8 सितंबर 2025 | अनंत चतुर्दशी |
अक्टूबर | आश्विन पूर्णिमा | 7 अक्टूबर 2025 | शरद पूर्णिमा |
नवंबर | कार्तिक पूर्णिमा | 6 नवंबर 2025 | देव दीपावली |
दिसंबर | मार्गशीर्ष पूर्णिमा | 4 दिसंबर 2025 | दत्तात्रेय जयंती |
1. पौष पूर्णिमा | Paush Purnima
पौष पूर्णिमा, विक्रम संवत के दसवें महीने की शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि होती है। यह दिन विशेष रूप से देवी शाकम्भरी की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इसी दिन देवताओं की करुण पुकार को सुनते हुए आदिशक्ति जगदम्बा शाकम्भरी का रूप धारण कर शिवालिक हिमालय में प्रकट हुई थीं। इस पावन दिन को श्रद्धापूर्वक मनाना एक विशेष धार्मिक अवसर माना जाता है। वर्ष 2025 में यह पूर्णिमा 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी, जब भक्तगण देवी शाकम्भरी की पूजा-अर्चना करेंगे।
- दिनांक- 14 जनवरी
- दिन- मंगलवार
2. माघ पूर्णिमा | Magh Purnima
माघ पूर्णिमा, माघ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, यही कारण है कि इसे माघ पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक कार्यों और पुण्य लाभ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग दान, पुण्य और अन्य शुभ कार्यों में भाग लेते हैं। गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों को कपड़े देना इस दिन का मुख्य उद्देश्य होता है। भोजन में विशेष रूप से घी, फल और गुड़ का प्रसाद शामिल किया जाता है। वर्ष 2025 में माघ पूर्णिमा 13 फरवरी को मनाई जाएगी, जब भक्तगण पुण्य कमाने के लिए इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएंगे।
- दिनांक- 13 फरवरी
- दिन- गुरुवार
3. फाल्गुन पूर्णिमा | Falgun Purnima
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा कहा जाता है, जो विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन को खास बनाने के लिए भक्तगण सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक उपवास रखते हैं, ताकि वे इस दिन के पुण्य लाभ को प्राप्त कर सकें। फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व शुद्धि और भक्ति का प्रतीक है। आने वाले वर्ष 2025 में यह पवित्र तिथि 14 मार्च को मनाई जाएगी, जब भक्तगण पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ इस दिन का महत्व महसूस करेंगे।
- दिनांक- 14 मार्च
- दिन- शुक्रवार
4. चैत्र पूर्णिमा | Chaitra Purnima
चैत्र पूर्णिमा, हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है और यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा के लिए समर्पित है। इसे चैती पूनम भी कहा जाता है। इस दिन को लेकर अनेक धार्मिक मान्यताएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगा में वास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ आकाश में प्रकट होते हैं, जिन्हें अमृततुल्य माना जाता है। वर्ष 2025 में यह पवित्र पूर्णिमा 13 अप्रैल को मनाई जाएगी, जब श्रद्धालु इस दिन का लाभ उठाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।
- दिनांक- 13 अप्रैल
- दिन- रविवार
5. वैशाख पूर्णिमा | Vaishakh Purnima
वैशाख पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसे विशेष रूप से बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती के नाम से जाना जाता है। यह दिन वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के दसवें अवतार, गौतम बुद्ध का अवतरण हुआ था। उनके उपदेशों और जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण घटनाएँ इस दिन को और भी खास बना देती हैं। वर्ष 2025 में यह पवित्र दिन 13 मई को मनाया जाएगा, जब लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ इस दिन का महत्व समझेंगे।
- दिनांक- 13 मई
- दिन- मंगलवार
6. ज्येष्ठ पूर्णिमा | Jyestha Purnima
ज्येष्ठ पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यधिक शुभ और पवित्र दिन के रूप में मनाई जाती है, जो विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भक्तिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। इसे वट सावित्री पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। यह दिन एक विशेष धार्मिक अवसर है, जब स्त्रियाँ अपनी श्रद्धा और समर्पण के साथ अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। 2025 में यह पूर्णिमा 11 जून को मनाई जाएगी, जब भक्तगण इस दिन को बड़े श्रद्धा भाव से मनाएंगे।
- दिनांक- 11 जून
- दिन- बुधवार
7. आषाढ़ पूर्णिमा | Ashadha Purnima
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, जो विशेष रूप से ज्ञान और गुरु के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। यह दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन को पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए विशेष स्नान और दान करने की परंपरा भी है, जो भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि लाने का कार्य करती है। 2025 में यह पवित्र आषाढ़ पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी, जब श्रद्धालु इस दिन को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाएंगे।
- दिनांक- 10 जुलाई
- दिन- गुरुवार
8. श्रावण पूर्णिमा | Shravan Purnima
श्रावण पूर्णिमा, जो सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक दिन है। इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है, जो भाई-बहन के रिश्ते को और भी पवित्र बनाता है। श्रावण पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। यह दिन व्रत रखने का भी महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन की पूजा से सभी कष्ट और दुख समाप्त हो जाते हैं। नदियों में स्नान करने और दान देने की परंपरा भी इस दिन की विशेषता है। 2025 में यह पवित्र पूर्णिमा 9 अगस्त को मनाई जाएगी, जब श्रद्धालु अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस दिन को पूरी श्रद्धा से मनाएंगे।
- दिनांक- 9 अगस्त
- दिन- शनिवार
9. भाद्रपद पूर्णिमा | Bhadrapada Purnima
भाद्रपद पूर्णिमा, जो भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को आती है, हिंदू धर्म में एक अत्यधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। इस दिन को विशेष रूप से भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और अपनी श्रद्धा से पूजा करते हैं। एक महत्वपूर्ण परंपरा के अनुसार, इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है, और उसके चारों ओर परिक्रमा करने का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा, पितरों के सम्मान में दान-पुण्य किया जाता है, विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए जिनकी मृत्यु पूर्णिमा के दिन हुई हो। यह दिन श्रद्धा, समर्पण और पितृतर्पण का प्रतीक है। 2025 में यह पवित्र पूर्णिमा 8 सितंबर को मनाई जाएगी, जब लोग इस दिन के धार्मिक और आत्मिक लाभ के लिए पूजा-अर्चना करेंगे।
- दिनांक- 8 सितम्बर
- दिन- सोमवार
10. आश्विन पूर्णिमा | Ashwin Purnima
आश्विन पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि आश्विन पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से साधक को शुभ फल मिलता है, और यह दिन भगवान चंद्र देव तथा धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने के लिए भी समर्पित है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से व्यक्ति की समृद्धि में वृद्धि होती है और उसे आशीर्वाद प्राप्त होता है। 2025 में यह पवित्र आश्विन पूर्णिमा 7 अक्टूबर को मनाई जाएगी, जब लोग इस दिन को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाएंगे।
- दिनांक- 7 अक्टूबर
- दिन- मंगलवार
11. कार्तिक पूर्णिमा | Kartik Purnima
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि होती है, जो विशेष रूप से धार्मिक महत्व रखती है। इसे “धूलि पूर्णिमा” और “गंगा स्नान” के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की पूजा का महत्व होता है। विशेष रूप से इस दिन दीपदान की भी परंपरा है, जहां लोग दीप जलाकर अंधकार को दूर करने का कार्य करते हैं। यह दिन विशेष रूप से तीर्थ यात्राओं के लिए आदर्श माना जाता है और भक्तजन इस दिन को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं। 2025 में यह पूर्णिमा 12 नवंबर को मनाई जाएगी।
- दिनांक- 12 नवंबर
- दिन- बुधवार
12. मार्गशीर्ष पूर्णिमा | Margashirsha Purnima
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि हर साल एक विशेष धार्मिक महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। इसे अगहन पूर्णिमा, मोक्षदायिनी पूर्णिमा और बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन विशेष रूप से पूजा और व्रत रखने का महत्व है, जिससे न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि आत्मिक उन्नति भी होती है। यह पूर्णिमा तिथि भक्तों के लिए विशेष पुण्य अर्जन का अवसर प्रदान करती है। 2025 में यह पवित्र पूर्णिमा 4 दिसंबर को मनाई जाएगी, जब श्रद्धालु इसे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएंगे।
- दिनांक- 4 दिसंबर
- दिन- शनिवार
इन्हें भी देखें:- प्रदोष व्रत लिस्ट 2025 | एकादशी व्रत 2025 लिस्ट | संकष्टी चतुर्थी व्रत 2025 लिस्ट | योगिनी एकादशी 2025| सावन शिवरात्रि व्रत कथा | महाशिवरात्रि व्रत कथा | मासिक शिवरात्रि | महाशिवरात्रि गाने | महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं | महा शिवरात्रि 2025 | महाशिवरात्रि पूजा विधि | वैशाख पूर्णिमा | वैशाख पूर्णिमा के उपाय | पूर्णिमा व्रत उद्यापन विधि | गुरु पूर्णिमा व्रत कथा | शरद पूर्णिमा | बुद्ध पूर्णिमा | कार्तिक पूर्णिमा
Conclusion:-Purnima 2025 List
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FAQ’s:-Purnima 2025 List
Q. पौष पूर्णिमा कब मनाई जाती है और इसका महत्व क्या है?
Ans. पौष पूर्णिमा विक्रम संवत के दसवें महीने की शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी शाकम्भरी की पूजा के लिए समर्पित होता है।
Q. माघ पूर्णिमा कब मनाई जाती है और इस दिन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
Ans. माघ पूर्णिमा माघ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन लोग दान, पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करने का कार्य करते हैं।
Q. फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व कब मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है?
Ans. फाल्गुन पूर्णिमा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन शुद्धि और भक्ति का प्रतीक होता है, और भक्तगण उपवास रखते हैं।
Q. चैत्र पूर्णिमा कब मनाई जाती है और इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता क्या है?
Ans. चैत्र पूर्णिमा हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है, और इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है।
Q. वैशाख पूर्णिमा का महत्व क्या है और इसे किस दिन मनाया जाता है?
Ans. वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, और यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म और उनके उपदेशों को समर्पित होता है।
Q. ज्येष्ठ पूर्णिमा कब मनाई जाती है और इस दिन कौन सी विशेष पूजा की जाती है?
Ans. ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून को मनाई जाती है, और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।