Karni Mata Temple : राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) जिले में स्थित करणी माता मंदिर एक ऐसा अनोखा धार्मिक स्थल है जो न केवल अपनी भव्य वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ पाए जाने वाले हज़ारों चूहों के कारण भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतार करणी माता को समर्पित है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ हज़ारों की संख्या में काले चूहे निवास करते हैं जिन्हें पवित्र और सुरक्षित माना जाता है।
संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित यह भव्य मंदिर अपनी जटिल नक्काशी और चांदी के द्वार के लिए भी जाना जाता है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि लोगों के मन में करणी माता के प्रति कितनी श्रद्धा और विश्वास है। मंदिर में चूहों को देखते हुए भी यहाँ कोई दुर्गंध नहीं आती जो इसकी एक और खासियत है। करणी माता मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि एक अद्वितीय सांस्कृतिक अनुभव भी प्रदान करता है। यहाँ आने वाले पर्यटक चूहों को मंदिर में इधर-उधर दौड़ते, भक्तों द्वारा चढ़ाया गया भोजन खाते और यहाँ तक कि लोगों की गोद में चढ़ते हुए देख सकते हैं।
तो चलिए आज के इस विशेष लेख के जरिए हम जानते हैं की करणी माता कौन हैं?, करणी माता की कथा क्या है?, करणी माता मंदिर का इतिहास क्या है?, हम इस मंदिर के बारे में और भी विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे इसीलिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूरपढ़िए…
माता करणी मंदिर के बारे में (About Karni Mata Temple)
करणी माता मंदिर का फोन नंबर | 01512226701 |
करणी माता मंदिर का पता | NH 89, Deshnok, Rajasthan 334801 |
करणी माता मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट | https://matakarnitemple.com/ |
करणी माता मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल | https://www.facebook.com/share/QMgdEwRPyLtVmmax/ |
करणी माता मंदिर की इंस्टाग्राम प्रोफाइल | https://www.instagram.com/karnimataji |
Google Map | https://maps.app.goo.gl/mZ2qCxdXkrU8b1PVA |
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी | 349 किलोमीटर दूर |
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी | 330 किलोमीटर दूर |
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी | 30 किलोमीटर दूर |
करणी माता मंदिर कहां है? (Where is Karni Mata Temple)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple) राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है। करणी माता का जन्म 14वीं शताब्दी में हुआ था और उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार किए थे।
करणी माता मंदिर की स्थापना 15वीं शताब्दी में हुई थी। हालांकि, मंदिर का वर्तमान स्वरूप 20वीं सदी की शुरुआत में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह द्वारा तैयार किया गया था। मंदिर मुग़ल शैली में डिज़ाइन किया गया है और संगमरमर एवं लाल पत्थर से निर्मित है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार चांदी का बना हुआ है।
करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple) में हज़ारों काले चूहे निवास करते हैं, जिन्हें ‘काबा’ कहा जाता है। ये चूहे पवित्र माने जाते हैं और भक्तों द्वारा इन्हें दूध व मिठाइयां खिलाई जाती हैं। मान्यता है कि चूहों को भोजन कराने से सौभाग्य और आशीर्वाद मिलता है। करणी माता मंदिर न केवल एक पूजा स्थल है, बल्कि एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मारक भी है। यह राजस्थान (Rajasthan) की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और भारतीय संस्कृति व इतिहास में रुचि रखने वाले हर किसी के लिए एक अवश्य देखने लायक स्थान है।
करणी माता की कथा (Karni Mata’s Story)
करणी माता (Karni Mata) का जन्म 1444 विक्रमी में जोधपुर (Jodhpur) जिले के सुआप गाँव में चारण जाति के मेहाजी और देवल देवी के घर हुआ था। बचपन का नाम रिदु बाई था और बाल्यकाल में ही कई चमत्कार दिखाने के कारण करणी माता के नाम से प्रसिद्ध हुईं। उनका विवाह साठीका बीकानेर के देपाजी बीठू के साथ हुआ, जिनके वंशज देपावत कहलाते हैं।
एक जनश्रुति के अनुसार, करणी माता के पुत्र की मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी शक्ति से उसे पुनर्जीवित किया और यमराज से कहा कि उनका कोई भी वंशज यमराज के पास नहीं जाएगा। देशनोक में मान्यता है कि करणी माता के देपावत वंशज मृत्यु के बाद चूहा बन जाते हैं। इसलिए उन्हें चूहों वाली देवी भी कहा जाता है।
करणी माता (Karni Mata) का मुख्य मंदिर देशनोक, बीकानेर (Bikaner) में स्थित है जहाँ हज़ारों चूहे मंदिर के आसपास घूमते रहते हैं। इन्हें काबा कहा जाता है और सफेद चूहे का दर्शन शुभ माना जाता है। बीकानेर के राठौड़ राजवंश करणी माता को अपनी कुलदेवी मानते हैं। चैत्र और आश्विन नवरात्र में यहाँ बड़ा मेला लगता है।
मान्यता है कि करणी माता (Karni Mata) एक गुफा में पूजा करती थीं जो आज भी मंदिर में मौजूद है। मंदिर का निर्माण बीकानेर के शासक गंगासिंह ने करवाया था। मंदिर में चूहों की रक्षा के लिए महीन जाली लगी है और भक्त भी सावधानी से चलते हैं। करणी माता राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात (Gujarat) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में भी लोकप्रिय हैं।
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मंदिर में रहते हैं हजारों चुहे (Thousands of Rats live in The Temple)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple) राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर जिले के देशनोक गांव में स्थित एक अनोखा मंदिर है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां हजारों की संख्या में काले चूहे निवास करते हैं, जिन्हें कब्बा कहा जाता है। ये चूहे करणी माता के वंशज माने जाते हैं और उन्हें पवित्र समझा जाता है।
मान्यता है कि देशनोक के चारण जाति के लोगों का मृत्यु के बाद चूहे के रूप में पुनर्जन्म होता है और वे माता के मंदिर में आ जाते हैं। करणी माता के सौतेले पुत्र लक्ष्मण की मृत्यु के बाद, माता ने यमराज से प्रार्थना की कि लक्ष्मण और उनकी भावी पीढ़ियों को चूहों के रूप में पुनर्जन्म दिया जाए।
मंदिर में लगभग 20,000 काले चूहे रहते हैं, जिनमें से कुछ सफेद रंग के भी होते हैं। सफेद चूहों को देखना शुभ माना जाता है। भक्त इन चूहों को प्रसाद खिलाते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाने से बचते हैं। अगर गलती से कोई चूहा मर जाता है तो उसके बदले चांदी का चूहा चढ़ाना पड़ता है।
आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में चूहों के रहने के बावजूद मंदिर परिसर में कोई दुर्गंध या प्लेग का प्रकोप नहीं फैलता। इसे माता करणी के चमत्कार के रूप में देखा जाता है।
करणी माता (Karni Mata) मेला वर्ष में दो बार मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में आयोजित होता है, जब दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु मंदिर में माथा टेकने आते हैं। नवरात्रि (Navratri) के पावन त्यौहार के समय भी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
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करणी माता मंदिर कैसे पहुंचे? (How To Reach Karni Mata Temple)
जयपुर से करणी माता मंदिर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से इस प्रकार पहुंच सकते हैं:
रेल मार्ग:
- जयपुर से बीकानेर के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध हैं। बीकानेर रेलवे स्टेशन लगभग सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। बीकानेर पहुंचने के बाद आप टैक्सी या कैब से करणी माता मंदिर, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है, आसानी से जा सकते हैं।
सड़क मार्ग:
- जयपुर से बीकानेर के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। बीकानेर पहुंचने के बाद आप टैक्सी या कैब किराए पर लेकर करणी माता मंदिर पहुंच सकते हैं। यदि निजी वाहन से जा रहे हैं तो जयपुर से NH11 पर बीकानेर की ओर बढ़ें और वहां से मंदिर के लिए रवाना हो जाएं।
हवाई मार्ग:
- जयपुर हवाई अड्डे से उदयपुर हवाई अड्डे के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं। उदयपुर हवाई अड्डा करणी माता मंदिर से लगभग 24-25 किलोमीटर दूर है। यहां से आप टैक्सी या कैब किराए पर लेकर आसानी से मंदिर पहुंच सकते हैं।
करणी माता मंदिर का समय (Karni Mata Temple Timings)
गर्मियों के मौसम में करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) सुबह 4:00 बजे दर्शन के लिए खोल दिया जाता है और फिर मंदिर के कपाट रात में 10:00 बजे बंद कर दिए जाते हैं, साथ ही सर्दियों के मौसम में करणी माता मंदिर दर्शन के लिए सुबह 5:00 बजे खोला जाता है और मंदिर के कपाट रात में 9:00 बजे बंद कर दिए जाते हैं।
करणी माता मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है? (What is The Entry Fee To Karni Mata Temple)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir), बीकानेर में प्रवेश निःशुल्क है। मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। परंतु यदि आप अपनी स्वेच्छा से दान दक्षिणा देना चाहते हैं अपनी इच्छा अनुसार दान एवं दक्षिण दे सकते हैं।
करणी माता मंदिर में आरती का समय क्या है? (What is The Aarti Timing At Karni Mata Temple)
करणी माता मंदिर में चार मुख्य आरती की जाती हैं, मंदिर में होने वाली आरती की समय सारणी कुछ इस प्रकार है-
आरती | आरती का समय |
मंगला आरती | सुबह 4.30 बजे |
भोग आरती | सुबह 8:00 बजे |
शृंगार आरती | दोपहर के 3:45 बजे |
शयन आरती | रात 9:00 बजे |
करणी माता जी की फोटो (Photo of Karni Mata)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) से संबंधित इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे करणी माता की बेहद खास और दुर्लभ तस्वीरें साझा कर रहे हैं, इन तस्वीरों के माध्यम से आप करणी माता (Karni Mata) के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं साथ ही इन तस्वीरों को सरलतापूर्वक डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।
करणी माता मंदिर की फोटो (Photo of Karni Mata Mandir)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) से संबंधित इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे करणी माता मंदिर की कुछ तस्वीरें साझा कर रहे हैं, अगर आप चाहे तो इन तस्वीरों को डाउनलोड (Download) भी कर सकते हैं।
विशेष आयोजन (Special Event)
करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) में नवरात्रि (Navratri) के दौरान विशेष आयोजन होते हैं। इस दौरान दूर-दूर से भक्त और श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए आते हैं।मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और माता से आशीर्वाद लेते हैं।
Conclusion
करणी माता मंदिर (Karni Mata Temple Bikaner), धार्मिक श्रद्धा और चमत्कारों का अद्भुत संगम है। यहाँ चूहों का अस्तित्व, मंदिर की पवित्रता और देवी करणी माता के चमत्कारों का प्रतीक माना जाता है। करणी माता मंदिर से संबंध दिया विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो हमारे अन्य सभी लेख को भी एक बार जरूर पढ़िए और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर हमेशा विज़िट करें।
FAQ’s
Q. करणी माता मंदिर का स्थान कहां है?
Ans. करणी माता मंदिर, जिसे “चूहों का मंदिर” भी कहा जाता है, राजस्थान, भारत के देशनोक में स्थित है, जो बीकानेर से मात्र 30 किलोमीटर दूर है।
Q. करणी माता का जन्म कब हुआ था?
Ans. करणी माता का जन्म मान्यता है कि हिंदुओं की जाटि जाति में हुआ था।
Q. मंदिर में चूहों का क्या महत्व है?
Ans. मंदिर प्रसिद्ध है अपने 20,000 काले चूहों, जिन्हें “कबा” कहा जाता है, के लिए, जो करणी माता के सैनिकों को माने जाते हैं और उन्हें उनके द्वारा दूसरा मौका दिया गया था
Q. मंदिर में गलती से चूहे के मर जाने पर क्या होता है?
Ans. यदि कोई मंदिर में चूहा मारता है, तो उन्हें मंदिर को सोने या चांदी की चूहा मूर्ति दान करने की आवश्यकता होती है।
Q. मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है?
Ans. मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन बीकानेर रेलवे स्टेशन है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
Q. मंदिर के अंदर चूहों की संख्या क्या है?
Ans. करणी माता में मंदिर में लगभग 25,000 चूहे रहते हैं, जिन्हें कबा भी कहा जाता है।