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Parshuram Mahadev Temple: राजस्थान में स्थित है,भगवान परशुराम का ऐतिहासिक मंदिर, जानिए देसूरी में स्थित इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में सब कुछ ।

Parshuram Mahadev Temple
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Parshuram Mahadev Temple: भारत के राजस्थान (Rajasthan) राज्य में स्थित परशुराम महादेव मंदिर  (Parshuram Mahadev Temple) एक ऐसा अद्भुत स्थान है, जहां आस्था और प्रकृति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा यह प्राचीन मंदिर न सिर्फ भगवान शिव के भक्तों को आकर्षित करता है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों को भी अपनी ओर खींचता है। इस मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाएं और इसकी अनूठी वास्तुकला आपको अवश्य मंत्रमुग्ध कर देगी। मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियों की चढ़ाई भले ही थकाऊ लगे, लेकिन जब आप मंदिर परिसर में कदम रखेंगे तो आपकी सारी थकान एक पल में दूर हो जाएगी। 

आइए, इस लेख के माध्यम से परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) की यात्रा पर निकलते हैं और जानते हैं इस मंदिर से जुड़े रोचक तथ्यों और रहस्यों के बारे में। साथ ही, आसपास के पर्यटन स्थलों का भी लुत्फ उठाते हैं…

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परशुराम महादेव मंदिर के बारे में (About Parshuram Mahadev Temple)

मंदिर का मोबाइल नंबर099283 11999 
मंदिर का पतादेसूरी गाँव, पाली (राजस्थान)
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटआधिकारिक वेबसाइट उपलब्ध नहीं है 
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क 
निकटतम रानी रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी26.7 किलोमीटर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी28.7 किलोमीटर
उदयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 128.0 किलोमीटर

परशुराम महादेव मंदिर कहाँ है (Where is Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) राजस्थान के पाली जिले में देसूरी गाँव के पास स्थित एक प्रसिद्ध और भव्य मंदिर है। यह अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित है और हरियाली और मनोरम परिदृश्यों से घिरा हुआ है। मंदिर की मुख्य आकर्षण 3,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित प्राचीन गुफा है। गुफा तक पहुंचने के लिए भक्तों को 500 खड़ी सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं, जो शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं लेकिन आध्यात्मिक रूप से पुरस्कृत भी होती हैं। गुफा उस स्थान के रूप में मानी जाती है जहां भगवान परशुराम ने ध्यान किया और भगवान शिव की पूजा की थी। गुफा के अंदर एक प्राकृतिक शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का पवित्र प्रतीक माना जाता है। मंदिर श्रावणी शुक्ल सप्तमी के दौरान बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

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परशुराम महादेव मंदिर का इतिहास  (History of Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple), जिसे परशुराम महादेव गुफा मंदिर भी कहा जाता है, राजस्थान के अरावली पर्वत में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर है। 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर भगवान विष्णु के एक अवतार और सात अमर प्राणियों में से एक परशुराम द्वारा अपने फरसे से चट्टानों को काटकर बनाया गया था। मंदिर में एक स्वयंभू शिवलिंग है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह स्थल पर स्वाभाविक रूप से उभरा है। मान्यता है कि परशुराम ने यहाँ कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शिव से एक दिव्य धनुष और एक अविनाशी तीर प्राप्त हुआ। मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और 500 सीढ़ियाँ चढ़कर इसे पहुँचा जा सकता है। मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 3600 फीट है। कहा जाता है कि परशुराम ने इस स्थान पर अपना फरसा प्राप्त किया था, और भक्तों का मानना है कि यहीं पर उन्हें दिव्य धनुष और तीर का आशीर्वाद मिला था।

परशुराम महादेव मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) राजस्थान की प्राचीन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह मंदिर राजसमंद और पाली जिलों की सीमा पर अरावली पर्वत श्रृंखला में देसूरी गांव के निकट स्थित है। मंदिर की वास्तुकला और स्थान के बारे में दो महत्वपूर्ण बातें हैं:

  • गुफा मंदिर की अनोखी संरचना: परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) एक गुफा मंदिर है जिसका निर्माण पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वयं भगवान परशुराम ने अपने फरसे से एक विशाल पत्थर को काटकर किया था। गुफा की दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है और भीतर एक प्राकृतिक शिवलिंग है जिस पर गोमुख से जल टपकता रहता है। मंदिर का यह गुफा स्वरूप राजस्थानी वास्तुकला की एक विशिष्ट विशेषता को दर्शाता है।
  • पहाड़ी पर मंदिर का अद्भुत स्थान: यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3600 फीट की ऊंचाई पर अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। ऊपर से आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य के शानदार नज़ारे दिखते हैं, खासकर मानसून और गर्मियों में। मंदिर का यह पहाड़ी स्थान राजस्थानी मंदिर वास्तुकला का एक प्रमुख पहलू है।

परशुराम महादेव मंदिर का महत्व (Importance of Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) राजस्थान के देसूरी में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के अवतार परशुराम ने इस गुफा मंदिर में भगवान शिव (Lord Shiva) की कठोर तपस्या की थी और उनसे दिव्य शस्त्र प्राप्त किए थे। मंदिर अरावली पर्वतमाला में समुद्र तल से 3600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। गुफा मंदिर के अंदर एक शिवलिंग है जिसमें एक छिद्र है, जो कथित तौर पर पानी से नहीं भरता। 

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परशुराम महादेव मंदिर में प्रवेश शुल्क क्या है (What is The Entry Fee at Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple), देसूरी (राजस्थान) में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है। यह मंदिर भक्तों के लिए निःशुल्क खुला है। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन और पूजा कर सकते हैं बिना किसी प्रवेश शुल्क के। हालाँकि, मंदिर ट्रस्ट द्वारा भक्तों के ठहरने और भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसके लिए शुल्क लिया जा सकता है। मंदिर में दान देना पूरी तरह से श्रद्धालुओं की इच्छा पर निर्भर करता है।

परशुराम महादेव मंदिर में दर्शन का समय क्या है (What Are The Darshan Timings at Parshuram Mahadev Temple)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) राजस्थान (Rajasthan) के पाली जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यह मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और भक्त इसमें सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक दर्शन कर सकते हैं। 

परशुराम महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (How To Reach Parshuram Mahadev Temple)

वायु मार्ग से (By Air): 

  • परशुराम महादेव मंदिर से निकटतम एयरपोर्ट उदयपुर एयरपोर्ट है, जो मंदिर से केवल 128 किलोमीटर दूर स्थित है। एयरपोर्ट से उतरकर आप बस या टैक्सी की सहायता से मंदिर पहुंच सकते हैं

सड़क मार्ग द्वारा (By Road):

  • परशुराम महादेव मंदिर से निकटतम बस स्टैंड केवल 28.7 किलोमीटर दूर है, यहां से बस में बैठकर आप मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा (By Railway): 

  • परशुराम महादेव मंदिर से 26.7 किलोमीटर दूर रानी रेलवे स्टेशन स्थित है रानी रेलवे स्टेशन उतरकर आप बस या टैक्सी से मंदिर तक का रास्ता तय कर सकते हैं। 

विशेष आयोजन (Special Event)

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) देसूरी, राजस्थान में कई विशेष आयोजन होते हैं। महाशिवरात्रि और परशुराम जयंती के अवसर पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। सावन के महीने में मंदिर के पास एक मेला लगता है जो हज़ारों भक्तों को आकर्षित करता है। इसके अलावा, मंदिर में स्थित गुफा के ऊपरी हिस्से को गाय के कूबड़ की तरह माना जाता है और इसे देखने के लिए भी लोग आते हैं। मंदिर के निकट तीन कुंड हैं जो पूरे वर्ष जल से भरे रहते हैं और इनका भी धार्मिक महत्व है।

Conclusion:-

परशुराम महादेव मंदिर (Parshuram Mahadev Temple) अपनी अद्भुत वास्तुकला, प्राचीनता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान परशुराम और भगवान शिव की तपस्या से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं का केंद्र है। परशुराम महादेव मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़े। इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो अपने प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे, ऐसे ही और फिर रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें। 

FAQ’S 

Q. परशुराम महादेव मंदिर कहां स्थित है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के देसूरी क्षेत्र में स्थित है।

Q. परशुराम महादेव मंदिर किस पर्वत श्रृंखला में स्थित है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित है।

Q. किसी को परशुराम महादेव मंदिर कैसे पहुंचना होता है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए किसी को 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

Q. परशुराम महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर को कर्ण को युद्ध कला सिखाने की जगह माना जाता है। यह भी माना जाता है कि केवल उन्हीं लोगों ने परशुराम महादेव मंदिर का दर्शन किया है, जो बद्रीनाथ मंदिर के द्वार खोल सकते हैं।

Q. परशुराम महादेव मंदिर के पास मेला कब आयोजित किया जाता है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर के पास सावन मास में मेला आयोजित किया जाता है।

Q. हवाई यातायात से परशुराम महादेव मंदिर कैसे पहुंचा जा सकता है?

Ans. परशुराम महादेव मंदिर तक हवाई यातायात के माध्यम से उदयपुर हवाई अड्डे से पहुंचा जा सकता है।