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Sundha Mata Temple: जानिए राजस्थान के जालौर में स्थित सुंधा माता मंदिर का इतिहास-पौराणिक महत्व और प्रवेश शुल्क के बारे में

Sundha Mata Temple
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Sundha Mata Temple: सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) – राजस्थान (Rajasthan) के जालोर जिले में स्थित एक प्राचीन और पवित्र तीर्थ स्थल। यह मंदिर चामुंडा देवी को समर्पित है और भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। 

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) की स्थापना के बारे में कई किंवदंतियाँ प्रचलित हैं, जो इसके धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दर्शाती हैं। मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला की एक पहाड़ी पर स्थित है, जो प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। इस मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और यहाँ की मूर्तियाँ और नक्काशी देखते ही बनती हैं। सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी एक आकर्षक स्थल है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अध्यात्म और प्रकृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है।  आइए, इस लेख के माध्यम से सुंधा माता मंदिर की यात्रा पर निकलते हैं और इसके इतिहास, महत्व और विशेषताओं को विस्तार से जानते हैं…

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  • सुंधा माता मंदिर के बारे में (About Sundha Mata Temple)
मंदिर का मोबाइल नंबर09460169921 
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.sundhamata.in/ 
मंदिर का पताराजपुरा तहसील के पास सुंधा माता रोड ⚊जसवंतपुरा, सुंधामाता, राजस्थान 307515
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी19 किलोमीटर
निकटतम मालवाड़ा रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी17 किलोमीटर 
जोधपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी156.0 किलोमीटर 
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सुंधा माता मंदिर कहाँ है (Where is Sundha Mata Temple)

सुंधा माता मंदिर, जो भारत के राजस्थान राज्य के जालोर जिले में स्थित है, एक प्राचीन मंदिर है जो देवी चामुंडा को समर्पित है, यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला में, 1220 मीटर की ऊचाई पर स्थित है। यह मंदिर गुजरात और राजस्थान के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

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सुंधा माता मंदिर का इतिहास (History of Sundha Mata Temple)

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) भीनमाल, जालोर में स्थित एक प्राचीन और पवित्र हिंदू मंदिर है। यह मंदिर अरावली पर्वत श्रृंखला की सुंधा पहाड़ी पर लगभग 1220 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है।

यह माउंट आबू से लगभग 64 किलोमीटर और भीनमाल शहर से 20 किलोमीटर दूर है। मंदिर का निर्माण लगभग 900 साल पहले जालोर के पीले पत्थरों का उपयोग करके किया गया था। मंदिर देवी चामुंडा को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है। मंदिर को दो मुख्य भागों में बांटा गया है – पहले भाग में भुभुवनेश्वर महादेव का प्राचीन शिव मंदिर है, जहां शिवलिंग स्थापित है। दूसरा भाग सुंधा माता का मुख्य मंदिर है, जहां देवी चामुंडा की मूर्ति मौजूद है। पौराणिक मान्यता है कि देवी सती के शरीर के अवशेष विभिन्न स्थानों पर गिरे थे, जिससे शक्ति पीठ का उदय हुआ। यहां सती का नाक गिरने से इस पहाड़ी को ‘अघाटेश्वरी’ नाम मिला। यह स्थल आदि देव का तपोभूमि भी माना जाता है, जिन्होंने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई के बाद, महाराणा प्रताप ने अपने संकटकाल के दौरान सुंधा माता मंदिर में शरण ली थी। 

मंदिर में तीन ऐतिहासिक शिलालेख इसके इतिहास की जानकारी देते हैं। पहला शिलालेख 1262 का है, जो चौहानों की विजय और परमारों के पतन का वर्णन करता है। दूसरा और तीसरा शिलालेख 1326 और 1727 के हैं।

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सुंधा माता मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Sundha Mata Temple)

  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) की वास्तुकला अद्वितीय और अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण पीली जैसलमेर स्टोन से हुआ है, जो इसकी सुंदरता को बढ़ाता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर विभिन्न हिंदू देवताओं और देवियों की सूक्ष्म नक्काशी है, और दीवारों पर विभिन्न पौराणिक कथाओं की सुंदर चित्रकारी है। मंदिर का मुख्य हॉल, या मंडप, में ऊंचे स्तंभ हैं जिन पर सूक्ष्म नक्काशी है, और छत पर रंग-बिरंगी चित्रकारी है।
  • मंदिर के गर्भगृह में काली पत्थर की चामुंडा देवी की सुंदर मूर्ति है। यह मूर्ति विभिन्न गहनों और फूलों से सजी हुई है, और भक्त उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं और फूल चढ़ाते हैं। मंदिर में नंदी बैल भी है, जिसे भगवान शिव की वाहन माना जाता है, और भक्त उसे प्रवेश करने से पहले प्रार्थना करते हैं।

सुंधा माता मंदिर का महत्त्व (Importance of Sundha Mata Temple)

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple), भीनमाल जालोर का महत्व दो मुख्य बिंदुओं में इस प्रकार है:

  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple), जालोर ज़िले के भीनमाल में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो चामुंडा देवी को समर्पित है। यह मंदिर लगभग 900 साल पुराना है और 1220 मीटर की ऊंचाई पर अरावली पर्वत श्रेणी में सुंधा पर्वत पर स्थित है। मान्यता है कि सती के शरीर के टुकड़े गिरने के स्थान शक्तिपीठ बन गए और कहां जाता है कि इस मंदिर में माता सती की नाक गिरी थी। यहाँ के प्राचीन शिलालेख चाहमान शासक द्वारा विक्रम संवत 1319 में मंदिर में मंडप के निर्माण का उल्लेख करते हैं, जो इसकी ऐतिहासिक प्रमाणिकता को दर्शाता है।
  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों के लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर के आसपास का वातावरण मनमोहक और आकर्षक है, जो हरियाली और सुंदर प्राकृतिक परिदृश्यों से घिरा हुआ है। नवरात्रि (Navaratri) के दौरान भारी संख्या में भक्त मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। पहाड़ी की चोटी तक पहुँचने के लिए रोपवे का निर्माण भी किया गया है। यह मंदिर धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इसके अलावा, मंदिर के आसपास का क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है जो पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।

सुंधा माता मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach Sundha Mata Temple)

वायु मार्ग से (By Air): 

  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) से निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर हवाई अड्डा है जो की मंदिर से केवल 156 किलोमीटर दूर है, अगर आप इस मंदिर की यात्रा करना चाहते हैं तो आपके लिए जोधपुर हवाई अड्डे पर उतरना लाभदायक रहेगा जोधपुर हवाई अड्डा उतारने के बाद आप बस यह टैक्सी से मंदिर पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा (By Railway): 

  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) से निकटतम रेलवे स्टेशन मालवाड़ा रेलवे स्टेशन है इस रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आप बस या टैक्सी बुक करके मंदिर पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग द्वारा (By Road): 

  • सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) में दर्शन करने के लिए बस से यात्रा करना भी काफी सुगम होगा क्योंकि निकटतम बस स्टैंड केवल 19 किलोमीटर दूर है वहां से बस से यात्रा करते हुए आप मंदिर पहुंच सकते हैं।

सुंधा माता मंदिर में प्रवेश शुल्क (Sundha Mata Temple Entry Fee)

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) में दर्शन के लिए अगर आप जाते हैं तो आपको किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं देना होगा, यदि आप दान इत्यादि करना चाहते हैं तो आप अपनी इच्छा अनुसार दान-दक्षिणा दे सकते हैं।

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विशेष आयोजन (Special Event)

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple), भीनमाल जालोर, राजस्थान (Rajasthan) में स्थित है, और यह भारतीय संस्कृति और धर्म के अनुसार विभिन्न आयोजनों का केंद्र बिंदु है। यहां नवरात्रि के दौरान एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें गुजरात (Gujarat) और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसके अलावा, यह मंदिर भक्तों के लिए एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जहां वे दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर के चारों ओर वर्षभर जलप्रपात बहते हैं, जो यात्रियों को आकर्षित करते हैं।

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Conclusion:-

सुंधा माता मंदिर (Sundha Mata Temple) एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है जो महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। मंदिर का वास्तुकला एक अद्भुत है, और आसपास की पहाड़ियों और घाटियों का प्राकृतिक सौंदर्य इसके आकर्षण में चार चांद लगाता है। मंदिर से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रिय जनों के साथ अवश्य साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़े। इस लेख से उत्पन्न अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो तो अपने प्रश्नों को कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए हम आपके सभी प्रश्नों के जवाब देने का हर संभव प्रयास करेंगे, ऐसे ही और फिर रोचक लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें। 

FAQ’S 

Q. सुंधा माता मंदिर कहां स्थित है? 

Ans. सुंधा माता मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के जालौर जिले में स्थित है, यह मंदिर सुंधा पर्वत पर 1220 मीटर की ऊंचाई पर विराजमान है।

Q. सुंधा माता मंदिर किस देवी को समर्पित है? 

Ans. सुंधा माता मंदिर देवी चामुंडा को समर्पित है, जिन्हें देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है।

Q. सुंधा माता मंदिर का ऐतिहासिक महत्व क्या है? 

Ans. मंदिर में सुंधा शिलालेख नामक प्राचीन अभिलेख है, जिसके अनुसार चौहान शासक चचिगदेव ने विक्रम संवत 1319 में मंदिर में मंडप का निर्माण करवाया था।

Q. सुंधा माता मंदिर के परिसर में कौन से वन्य जीव पाए जाते हैं? 

Ans. सुंधा माता मंदिर के परिसर में मोर और अन्य पक्षी पाए जाते हैं, जो यहां के शांत और सुंदर वातावरण को और अधिक सुंदर बनाते हैं।

Q. सुंधा माता मंदिर का निर्माण किस शैली में किया गया है? 

Ans. सुंधा माता मंदिर का निर्माण राजस्थानी शैली में किया गया है और इसमें जैन मंदिरों की तरह सजावट के लिए संगमरमर के खूबसूरती से तराशे गए स्तम्भ हैं।

Q. सुंधा माता मंदिर में किस त्यौहार के दौरान भारी भीड़ जुटती है? 

Ans. नवरात्रि के दौरान सुंधा माता मंदिर में भक्तों की भारी संख्या में उपस्थिति होती है, जो अपनी प्रार्थनाएं समर्पित करने और देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।