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Hariyali Amavasya 2024: कब मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या जाने इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त महत्व एवं उपाय

Hariyali Amavasya 2024
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हरियाली अमावस्या 2024 तिथि, महत्व और उपाय (Hariyali Amavasya Kab Hai): हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) एक ऐसा त्योहार है जो प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध को दर्शाता है। यह एक ऐसा दिन है जब हम प्रकृति की गोद में समा जाते हैं और उसकी अनंत देन का आभार व्यक्त करते हैं। C (Hariyali Amavasya) का महत्व सदियों से हमारे जीवन में रचा-बसा है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने आसपास फैली हरियाली को निहारते हुए, उसके महत्व को समझते हैं। यह वह समय है जब प्रकृति अपने श्रृंगार रूप में खिलती है और हमें अपने वैभव से अभिभूत कर देती है। इस दिन का शुभ मुहूर्त भी बेहद खास है, जिसके बारे में हम आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। 

आखिर क्यों इतना महत्वपूर्ण है यह दिन? क्या है इस दिन का खास मुहूर्त? और कैसे हम इस दिन को सार्थक बना सकते हैं? चलिए, इन सभी प्रश्नों के उत्तर खोजते हैं…

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Table Of Content :-Hariyali Amavasya Kab Hai

S.NOप्रश्न
1हरियाली अमावस्या 2024 कब है?
2क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या?
3हरियाली अमावस्या का महत्व
4हरियाली अमावस्या कब है?
5हरियाली अमावस्या का शुभ मुहूर्त
6हरियाली अमावस्या उपाय

हरियाली अमावस्या 2024 कब है? (When is Hariyali Amavasya 2024)

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पवित्र सावन महीने के दौरान हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya Kab Hai) का पर्व विशेष महत्त्व रखता है और इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। श्रावण शिवरात्रि के अगले दिन पड़ने वाली हरियाली अमावस्या अक्सर हरियाली तीज से तीन दिन पूर्व आती है। इस बार हरियाली अमावस्या का शुभ अवसर रविवार, 4 अगस्त 2024 को है। हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के तीन दिन पश्चात हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रकृति से जुड़ने और उसके संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी उजागर करता है।

क्यों मनाई जाती है हरियाली अमावस्या? (Why is Hariyali Amavasya Celebrated)

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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya Kab Hai), जो श्रावण मास के दौरान मनाई जाती है, पेड़ों की पूजा और रोपण का दिन होता है। “हरियाली” का अर्थ होता है “हरितिमा”, और यह मौसम जब वातावरण हरा-भरा होता है, उसे मनाता है। हिंदू पुरानी कथाओं के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर वृक्ष रोपण करना हजारों यज्ञों का फल प्रदान करता है। वृक्षों की पूजा पार्यावरणिक संतुलन बनाए रखने और पार्यावरण की संरक्षा में महत्वपूर्ण होती है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा की जाती है, जो उनके विशेष आशीर्वाद लाती है

हरियाली अमावस्या महत्व (Hariyali Amavasya Significance)

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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) का महत्व दो मुख्य बिंदुओं में इस प्रकार है:

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व:

  • हरियाली अमावस्या को हिंदू पंचांग में श्रावण मास की अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Goddess Parvati) की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और देवता उन पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं। नारद पुराण के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन पितृ श्राद्ध, दान, होम और देव पूजा करने तथा वृक्षारोपण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। हिंदू संस्कृति में वृक्षों को देवता का स्वरूप माना जाता है और उन्हें लगाने से पूजा करने वालों की इच्छाएं पूरी होने का विश्वास है।
  • इस दिन कुंडली में कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि की क्रूर दृष्टि वाले लोग शिवलिंग पर जलाभिषेक, पंचामृत या रुद्राभिषेक करके अपनी समस्याओं से राहत पा सकते हैं। शाम को मंदिरों या नदी के किनारे देवताओं को तेल के दीपक अर्पित करने की भी परंपरा है।

पर्यावरण संरक्षण का महत्व:

  • हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya Kab Haiya) का वैज्ञानिक महत्व यह है कि यह पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर करता है, जो प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। पेड़ लगाना और उनकी देवता के रूप में पूजा करना पर्यावरण की रक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने का एक तरीका है।.इस दिन पीपल का पेड़ लगाने से हजारों यज्ञ करने से अधिक लाभ मिलने की मान्यता है। पीपल वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और शिव का निवास स्थान है, इसका दर्शन पापों का नाश करता है और इसका स्पर्श समृद्धि लाता है। शमी का पेड़ लगाने से शारीरिक शक्ति, बिल्व वृक्ष लगाने से भगवान शिव की कृपा, अशोक वृक्ष लगाने से जीवन के सभी दुखों का निवारण तथा अर्जुन, नारियल, बरगद (वट) और तुलसी के पेड़ लगाने से सुख-समृद्धि मिलती है।
  • हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) का त्योहार न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि पृथ्वी को हरा-भरा और टिकाऊ बनाने की प्रतिबद्धता भी है। यह हमें याद दिलाता है कि पेड़ प्रकृति का एक अनमोल उपहार हैं जो ऑक्सीजन प्रदान करते हैं और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। पेड़ लगाकर हम पृथ्वी को हरा-भरा और टिकाऊ बनाने में योगदान दे सकते हैं और साथ ही अपने धार्मिक कर्तव्यों को भी पूरा कर सकते हैं। 

हरियाली अमावस्या कब है? (Hariyali Amavasya kab Hai)

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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya), जिसे श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं, 2024 में 4 अगस्त को मनाई जाएगी। यह पर्व हिन्दू पंचांग के श्रावण मास का नया चंद्रमा होता है, जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है। इस दिन का महत्वपूर्णता धार्मिक और पर्यावरणीय दोनों हैं. इस दिन विशेष रूप से पेड़-पौधों का रोपण करने को महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक ज्योतिषीयों के अनुसार, आरोग्य, संतान, सुख, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विशेष पेड़-पौधे लगाने की परंपरा है। यह दिन पितृओं की शांति के लिए भी मनाया जाता है।

हरियाली अमावस्या शुभ मुहूर्त (Hariyali Amavasya Auspicious Time)

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हरियाली अमावस्या, जो कि पर्यावरण प्रेमियों और धार्मिक आस्थावानों के लिए विशेष महत्व रखती है, इस वर्ष रविवार, 4 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। यह विशेष दिन 3 अगस्त 2024 को दोपहर 3:50 बजे से प्रारंभ होकर, 4 अगस्त 2024 को शाम 4:42 बजे अपने पूर्ण स्वरूप में रहेगा। यह समयावधि न केवल पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रकृति के प्रति हमारे प्रेम और समर्पण को भी प्रकट करती है। 

तिथि प्रारंभ3 अगस्त 2024 को दोपहर 3:50 बजे से
तिथि समापन4 अगस्त 2024 को शाम 4:42 तक

हरियाली अमावस्या उपाय (Hariyali Amavasya 2024 Upay) 

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हरियाली अमावस्या के कुछ प्रमुख उपाय इस प्रकार हैं:

  • पितृ दोष के निवारण के लिए: पवित्र नदी के तट पर अपने पूर्वजों को तर्पण और अन्य संस्कार अर्पित करें। पितृ सूक्त, भगवद्गीता, गरुड़ पुराण, गजेंद्र मोक्ष, रुचि कृत पितृ स्तोत्र, पितृ गायत्री, पितृ कवच, और पितृ देव चालीसा और आरती का पाठ करें।
  • धन-संपदा आकर्षित करने के लिए: आटे और गुड़ के बने गोले से मछलियों को खिलाएं। यह घर में धन और समृद्धि लाने का विश्वास है।
  • अचानक आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए: अपने घर के पास चींटियों को गुड़ मिश्रित सूखा आटा अर्पित करें। यह उपाय सभी प्रकार की बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने के लिए कहा जाता है।
  • पेड़ लगाना: पीपल, बरगद, केला, नींबू और तुलसी जैसे पवित्र पेड़ लगाना इस दिन बहुत शुभ माना जाता है।
  • हनुमान पूजा: विभिन्न समस्याओं और बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए हनुमान पूजा करें। हनुमान मंदिर जाएं, हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली तेल अर्पित करें।
  • लक्ष्मी यात्रा: गेहूं के आटे के घी के दीपक को नदी में विसर्जित करके लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • शनि दोष के उपाय: शनि देव के मंदिर जाकर दीपक अर्पित करके उन्हें प्रसन्न करें और शनि दोष से राहत पाएं।
  • समृद्धि के लिए: चावल, फूल और सिंदूर से भरी पूजा थाली पर स्वस्तिक या ‘ॐ’ प्रतीक और महालक्ष्मी यंत्र रखें। अपने घर में लक्ष्मी को आमंत्रित करने और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए विधि-विधान से पूजा करें।
  • विष्णु मंत्रों का जाप: यदि संभव हो तो इस दिन श्रीमद्भागवत गीता और भगवद्गीता के पवित्र श्लोकों का पाठ करें जिससे जीवन की सभी समस्याओं का समाधान हो सके।
  • इच्छा पूर्ति के लिए: अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए सफेद फूल, बेलपत्र, भांग और धतूरा से भगवान शिव की पूजा करें। श्रावण अमावस्या पर शिव पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

इन उपायों और अनुष्ठानों का पालन करके, व्यक्ति भगवान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है और अपने जीवन में शांति, समृद्धि और खुशी सुनिश्चित कर सकता है।

Conclusion:-Hariyali Amavasya Kab Hai

हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) हिंदू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 2024 में यह त्योहार समृद्धि, खुशियां और मनोकामनाओं की पूर्ति लेकर आएगा। इस दिन व्रत रखना, पूजा-अर्चना और विधि-विधान करना शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेखा अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी परिजनों के साथ अवश्य साझा करें। व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s

Q. हरियाली अमावस्या 2024 कब मनाई जाएगी?

Ans. हरियाली अमावस्या 2024 रविवार, 04 अगस्त को मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 03 अगस्त 2024 को दोपहर 03:50 बजे शुरू होगी और 04 अगस्त 2024 को शाम 04:42 बजे समाप्त होगी।

Q. हरियाली अमावस्या का क्या महत्व है? 

Ans. हरियाली अमावस्या को अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन शिव भक्तों के लिए भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पौधे लगाए जाते हैं।

Q. हरियाली अमावस्या को हरियाली का त्योहार क्यों कहा जाता है? 

Ans. हरियाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि सावन के महीने में चारों तरफ हरियाली होती है। इसलिए इस त्योहार को हरियाली का त्योहार कहा जाता है।

Q. हरियाली अमावस्या के दिन कौन से कार्य करने चाहिए? 

Ans. हरियाली अमावस्या के दिन दान, ध्यान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना, घर में गंगाजल छिड़कना, शिवलिंग का अभिषेक करना और शिव पूजा करनी चाहिए।

Q. हरियाली अमावस्या पर कौन से पौधे लगाने चाहिए? 

Ans. वैदिक ज्योतिषियों के अनुसार, आरोग्य प्राप्ति के लिए नीम, संतान के लिए केला, सुख के लिए तुलसी और लक्ष्मी के लिए आंवले का पौधा लगाने की परंपरा है। इसके अलावा लक्ष्मी प्राप्ति के लिए बिल्वपत्र, आरोग्य के लिए अर्जुन, सौभाग्य के लिए अशोक आदि के पौधे लगाए जाते हैं।