लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित | लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित pdf (Laxmi Pujan Vidhi 2024 ): दिवाली (Diwali), जिसे दीपों का पर्व कहा जाता है, भारत में सबसे अधिक धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक समृद्धि, प्रकाश और जीवन में नई शुरुआत का प्रतीक है। जब आसमान में जगमगाते दीपों की कतारें और पटाखों की गूंज सुनाई देती है, तब हर हृदय में एक विशेष ऊर्जा और उल्लास का संचार होता है।
दिवाली का पर्व मुख्य रूप से धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि, समृद्धि के देवता गणेश की पूजा के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन, शुभ मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजन करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि और शांति का प्रवेश होता है। लेकिन सही विधि और मंत्रों का पालन किए बिना पूजन अधूरा रह सकता है। इसलिए, यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि 2024 में दिवाली कब है और इस वर्ष गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है। इस लेख में, हम आपको दिवाली 2024 की सही तारीख के साथ-साथ लक्ष्मी पूजन की सही विधि और पूजा के दौरान बोले जाने वाले मंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। लक्ष्मी पूजन की सही विधि का पालन करते हुए, आप देवी लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि इस दिवाली आपके जीवन में धन और समृद्धि का आगमन हो, तो इस लेख में बताए गए पूजन विधि और मंत्रों का पालन करें।
यह जानकारी न सिर्फ आपके पूजन को सफल बनाएगी, बल्कि आपके घर में समृद्धि और सौभाग्य की स्थायी उपस्थिति भी सुनिश्चित करेगी…
दिवाली 2024 कब है? (Diwali 2024 kab Hai)
31 अक्टूबर की सुबह 4 बजे, उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष भस्मारती के दौरान दीपावली का भव्य आयोजन किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव होगा। इसी दिन, श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भी प्रदोषकाल में दीपावली मनाई जाएगी, जो भक्तों को दिव्य अनुभूति प्रदान करेगी। धर्मशास्त्रों के अनुसार, 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना पूर्णतः शास्त्रों के अनुरूप है, जिससे यह दिन अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व धारण करता है। इसलिए समस्त देशवासियों को इस अवसर पर 31 अक्टूबर 2024 की रात को दीपावली का पर्व हर्षोल्लास से मनाना चाहिए।
दिवाली लक्ष्मी पूजन 2024 (Diwali Laxmi Pujan 2024)
दिवाली (Diwali), जिसे रोशनी का त्यौहार भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इस दिवस लक्ष्मी पूजन की जाती है, जो धन और समृद्धि की देवी, मां लक्ष्मी की उपासना करने का समय होता है। इसे दीपावली की रात्रि में शुभ मुहूर्त में किया जाता है। इस पूजा के द्वारा, लोग अपने जीवन में धन, खुशी और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की कृपा मांगते हैं। उन्हें विश्वास होता है कि इस पूजा के सही तरीके और शुभ समय में करने से पूरे साल भर अच्छी किस्मत, धन और सफलता मिलती है। इस पूजा की विधि में घर की सफाई, चौकी की स्थापना, मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों की स्थापना, प्रार्थना, और आरती शामिल होती है। इसे सामान्यतः परिवार के सभी सदस्यों ने साथ मिलकर किया जाता है।
दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजा मुहूर्त (Diwali Lakshmi-Ganesh Puja Muhurat)
निशिता मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश पूजा रात में 11: 39 PM से रात 12:31 बजे तक की जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 6:27 बजे से रात 8:32 बजे तक है।
निशिता मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश पूजा | रात में 11: 39 PM से रात 12:31 बजे तक |
पूजा का शुभ मुहूर्त | 31 अक्टूबर को शाम 6:27 बजे से रात 8:32 बजे तक |
लक्ष्मी पूजन विधि (Laxmi Pujan Vidhi)
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन करने के 6 मुख्य चरण इस प्रकार हैं:
- सबसे पहले अपने घर को अच्छी तरह साफ़-सुथरा करें। गंगाजल या गंगा नदी के पानी से घर में चारों ओर छिड़काव करके घर को शुद्ध करें। फिर एक ऊंचे मंच पर लाल कपड़ा बिछाएं और उसके मध्य में एक मुट्ठी गेहूं रखें।
- मंच के मध्य भाग में एक कलश स्थापित करें जिसे 75% पानी से भरा हो। इस कलश के ऊपर सुपारी, गेंदे के फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने रखें। कलश में पाँच आम के पत्ते रखकर उन्हें कलश की ग्रीवा भाग में गोलाकार व्यवस्थित करें।
- कलश पर एक छोटी पूजा की थाली रखें और उस पर चावल की ढेरी या एक छोटा पहाड़ बनाएं। हल्दी से इसके ऊपर एक कमल का चित्र बनाएं और उसके मध्य में देवी लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें। देवी के सामने कुछ सिक्के भी रखें। कलश की दाहिनी ओर दक्षिण-पश्चिम दिशा में गणेश जी की प्रतिमा भी स्थापित करें।
- अब कुछ पुस्तकें और आपके व्यवसाय या धन से सम्बंधित वस्तुएं भी मंच पर रखें। दीपक जलाकर उन्हें हल्दी, कुमकुम और चावल के साथ एक थाली में रखें। इसके बाद कलश और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर तिलक लगाकर पूजा शुरू करें।
- अपने हाथ जोड़कर आंखें बंद करके कुछ मिनट ध्यान लगाएं और देवी लक्ष्मी का आह्वान करें। आप दीवाली पूजा के विशेष मंत्र का उच्चारण भी कर सकते हैं। फिर देवी की प्रतिमा पर फूल और चावल चढ़ाएं। देवी को पंचामृत से स्नान कराएं और फूलों की माला पहनाएं।
- अंत में, देवी लक्ष्मी को नारियल, सुपारी, मिठाइयां, फल और कुछ धन भी अर्पित करें। “लक्ष्मी पूजा आरती” गाकर देवी की आराधना करें। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
लक्ष्मी पूजन मंत्र (Laxmi Pujan Mantra)
यहां प्रस्तुत मंत्रों का प्रभाव अद्भुत है और ये जीवन में आर्थिक समृद्धि, सुख, और सफलता प्रदान करते हैं। इन मंत्रों के जाप के साथ ध्यान और विधिवत पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
- ॐ धनाय नमः -इस मंत्र का जाप शुक्रवार को कमल गट्टे की माला से करने पर धन की प्राप्ति होती है। यह व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को मजबूत करता है।
- धनाय नमो नमः– देवी मां के इस मंत्र का 11 बार रोजाना जाप करने से जन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
- ओम लक्ष्मी नमः– इस मंत्र का कुशा के आसन पर जाप करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती।
- ॐ हीं हीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नमः– इस मंत्र का जाप किसी भी शुभ कार्य से पहले करना चाहिए, जिससे कार्य में सफलता मिलती है।
- लक्ष्मी नारायण नमः– इस मंत्र के जाप से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है।
- पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संसये तन्मे भजति पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्:-108 बार स्फटिक माला से इस मंत्र का जाप करने से घर में हमेशा अन्न और धन बना रहता है।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नार:-मां लक्ष्मी की चांदी या अष्टधातु की मूर्ति की पूजा के साथ इस मंत्र का जाप सफलता दिलाता है।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः– शुक्रवार के दिन 108 बार इस मंत्र का जाप करने से मां चैभव लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- ॐ हीं श्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे थन पूरये, धन पूस्ये, चिताएं दूररी-दूस्खे स्वाहाः– कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इस मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी है।
- के ही प्रि हुं फट:-किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें।
- इन सभी मंत्रों का विधिपूर्वक और श्रद्धा से जाप करने से जीवन में सुख, शांति, और धन का आगमन होता है।
लक्ष्मी पूजन सामग्री लिस्ट (Laxmi Pujan Samagri List)
लक्ष्मी पूजन सामग्री लिस्ट:
1. माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई मूर्तियाँ
2. आरती की थाली, दीपक और बत्तियाँ
3. रोली, सिंदूर, कुमकुम, हल्दी
4. कलावा, माउली
5. चावल, सुपारी, पान के पत्ते, आम के पत्ते
6. गुलाल, गंगाजल
7. चंदन
8. धूप, कपूर
9. कपास, फूल
10. नारियल
11. मिठाई, फल
12. दो माला
13. केसर
14. खील, बताशे
15. गुड़, सुपारी, पान
16. पानी से भरा कलश
17. मूर्तियों के लिए लाल या पीला कपड़ा
18. दीपक जलाने के लिए घी
19. अमर कल, धनिया के बीज, इमली
20. माता सरस्वती की फोटो या मूर्ति
यह भी पढ़े:- 1.भाई दूज 2.नए कपड़े किस दिन नहीं पहनना चाहिए 3. गोवर्धन पूजा 4. धनतेरस कहानी 5. दशहरा शस्त्र पूजा 6.रावण दहन 7.धनतेरस पूजा 8. धनतेरस खरीदारी 9. दिवाली शुभ मुहूर्त 10. श्री राम के वंशज 11. लक्ष्मी जी आरती 12. लक्ष्मी पूजन विधि 13. चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर 14. शारदीय नवरात्रि 15. दुर्गा आरती 16. देवी कात्यायनी 17. दुर्गा स्तोत्र 18. दुर्गा चालीसा 19.दुर्गा के 108 नाम 20. नौ देवियों बीज मंत्र 21. शरद पूर्णिमा 22. रमा एकादशी व्रत कथा 23. शरद पूर्णिमा आरती 24. नवरात्रि के 9 दिन नौ रंगो 25. माँ दुर्गा के नौ रूप 26. विजयदशमी 27. रावण का परिवार 28.दशहरा 29. धनतेरस 30. दशहरा शस्त्र पूजा 31. रावण दहन 32. धनतेरस पूजा 33. करवा चौथ आरती 34. धनतेरस खरीदारी 35.करवा चौथ कहानी 36. पहली बार करवा चौथ कैसे करें 37. करवा चौथ व्रत खाना 38. करवा चौथ शुभकामनाएं 39. देवी शैलपुत्री कहानी 40. देवी ब्रह्मचारिणी कहानी 41. देवी चंद्रघंटा कहानी 42. करवा चौथ पूजन विधि सामग्री 43. माता कुष्मांडा पूजा 44. माता स्कंदमाता कहानी 45. माता कालरात्रि कहानी 46. माता महागौरी कहानी 47. माता सिद्धिदात्री कहानी
Conclusion:-Laxmi Pujan Vidhi 2024
आशा करते हैं की (दिवाली 2024 : लक्ष्मी पूजन विधि मंत्र सहित) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s:-Laxmi Pujan Vidhi 2024
1. दिवाली क्या है और इसका महत्व क्या है?
दिवाली रोशनी का त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इसके अलावा, इसे मां लक्ष्मी की पूजा और समृद्धि व खुशहाली के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
2. दिवाली कितने दिन का त्योहार होता है?
दिवाली 5 दिनों का त्योहार है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज तक चलता है। इस दौरान हर दिन का अपना खास महत्व होता है:
- धनतेरस: पहला दिन, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए।
- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली): दूसरा दिन, बुराई पर अच्छाई की जीत।
- दिवाली: तीसरा दिन, लक्ष्मी पूजन और रोशनी का मुख्य पर्व।
- गोवर्धन पूजा: चौथा दिन, भगवान कृष्ण की पूजा।
- भाई दूज: पांचवां दिन, भाई-बहन के रिश्ते का त्योहार।
3. 2024 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
2024 में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर 2024 को शाम 6:30 से रात 8:30 तक है। इस समय माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, समृद्धि और शांति का वास होता है।
4. दिवाली के दौरान कौन-कौन से त्योहारी रिवाज़ होते हैं?
दिवाली पर घरों की सफाई, सजावट, दीप जलाना, मिठाई बांटना, पटाखे फोड़ना और लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों को दीयों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाते हैं। इसके अलावा, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहार और मिठाइयों का आदान-प्रदान भी किया जाता है।
5. दिवाली के दौरान पर्यावरण का ध्यान कैसे रखा जा सकता है?
दिवाली को पर्यावरण-सुरक्षित बनाने के लिए पटाखों के इस्तेमाल से बचना चाहिए या कम प्रदूषण वाले पटाखों का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा, दीयों का प्रयोग करना और बिजली की खपत कम करने वाले लाइट्स का इस्तेमाल करना पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
6. दिवाली 2024 की तारीख को लेकर कोई खास तैयारी कब से शुरू की जाए?
दिवाली की तैयारियां धनतेरस से शुरू हो जाती हैं, जो दिवाली से दो दिन पहले आता है। घर की सफाई, खरीदारी, और सजावट इस समय शुरू होती हैं ताकि मुख्य दिन पर सब कुछ तैयार हो।