फिरोज़ा रत्न पहनने की विधि (Firoza Ratna ehenne ki Vidhi) फिरोजा – एक ऐसा रत्न जिसकी चमक और रंग में छिपा है जादू। यह नीले-हरे रंग का एक खूबसूरत और आकर्षक पत्थर है, जो न सिर्फ अपनी सुंदरता से दिल को मोह लेता है, बल्कि अपनी अद्भुत ऊर्जा और गुणों से जीवन में खुशियां भी लाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस जादुई पत्थर को पहनने का सही तरीका क्या है? कब और कैसे पहनें तो यह अपना असली जादू दिखाता है? कैसे पहचानें कि आपका फिरोजा असली है या नकली? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह लेख जरूर पढ़ना चाहिए।
फिरोजा को धारण करने से पहले उसकी असलियत परखना बहुत जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि आप महंगा दाम देकर नकली फिरोजा खरीद लाएं और उसका कोई लाभ न मिले। इसके अलावा फिरोजा पहनने का सही मुहूर्त, दिन और विधि भी जानना चाहिए। वरना गलत तरीके से पहनने पर इसका उल्टा असर भी पड़ सकता है। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि कैसे फिरोजा का चयन करें, कब और कैसे इसे पहनें, और इसके पीछे क्या मंत्र और विधि अपनाएं।
इस लेख में हम आपको फिरोजा के बारे में वह सब कुछ बताएंगे जो आपको जानना जरूरी है। तो देर किस बात की, आई शुरू करते हैं यह बेहद खास लेख….
यहां पढ़े सभी राशि रत्न पहनने की विधिया:-
नीलम रत्न पहनने की विधि | पन्ना रत्न पहनने की विधि | पुखराज रत्न पहनने की विधि |
मूंगा रत्न पहनने की विधि | गोमेद रत्न पहनने की विधि | लहसुनिया रत्न पहनने की विधि |
फिरोज़ा रत्न पहनने की विधि | हीरा रत्न |
फिरोज़ा रत्न क्या है | Firoza Ratna kya Hai
फिरोजा रत्न, जिसे अंग्रेज़ी में (Turquoise) कहा जाता है, एक बेहद आकर्षक बहुमूल्य पत्थर है, जो मुख्य रूप से नीले और हरे रंगों में पाया जाता है। यह रत्न तांबा और एल्युमिनियम के संयोजन से बनता है, जो इसे एक अनोखा रंग और चमक प्रदान करता है। ज्योतिष के अनुसार, फिरोजा शनि और बृहस्पति ग्रहों से जुड़ा होता है और इसे पहनने से सौभाग्य, समृद्धि, और मानसिक शांति मिलती है। इसके अलावा, फिरोजा नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है। विभिन्न प्रकारों में उपलब्ध, यह रत्न अपने अद्वितीय गुणों और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, जो इसे जीवन में सकारात्मकता लाने वाला माना जाता है।
असली फिरोज़ा की पहचान कैसे करें | Asli Firoza ki Pehchan kaise kare
फिरोजा रत्न की असलियत का पता लगाना एक कौशल है, लेकिन कुछ सरल संकेतों के माध्यम से आप इसकी पहचान कर सकते हैं।
- रंग: असली फिरोजा हल्के नीले से गहरे हरे-नीले रंग में चमकता है।
- पारदर्शिता: उच्च गुणवत्ता वाला फिरोजा नीले रंग की साफ लाइट को प्रकट करता है।
- सर्टिफिकेट: यदि आपके पास रत्न के साथ सर्टिफिकेट है, तो यह उसकी प्रामाणिकता का प्रमाण है।
- वजन और आकार: वास्तविक फिरोजा का वजन और आकार संतुलित और समान होते हैं।
- चिह्न और दाग: असली फिरोजा में कोई चिह्न या दाग नहीं होते हैं।
- स्पर्श: जब आप असली फिरोजा को छूते हैं, तो यह ठंडा महसूस होता है।
- दाम: फिरोजा की कीमत उसके वजन, उत्पत्ति, स्पष्टता, कट, आकार और रंग पर निर्भर करती है।
फिरोज़ा धारण करने का समय | Firoza Dharan karne ka Samay
- फिरोजा रत्न को गुरुवार और शुक्रवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है। इसे पहनने से पहले कच्चे दूध और गंगाजल के मिश्रण से शुद्ध करना आवश्यक है।
फिरोज़ा रत्न पहनने की विधि | Firoza Ratna Pehne ki Vidhi
फिरोजा रत्न धारण करने की विधि:
- धारण का समय और शुद्धिकरण: फिरोजा रत्न को गुरुवार और शुक्रवार के दिन सुबह के समय धारण करना शुभ होता है। इसे पहनने से पहले गंगाजल और कच्चे दूध के मिश्रण में डुबोकर शुद्ध करना आवश्यक है।
- धातु और पहनने का तरीका: इस रत्न को सोने या तांबे की धातु में जड़वाकर पहनना उत्तम माना जाता है। इसे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी के रूप में धारण करना सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा, ब्रेसलेट या लॉकेट के रूप में भी इसे पहना जा सकता है।
- संपर्क से बचाव: फिरोजा रत्न को धारण करते समय इसे साबुन या अन्य रसायनों से बचाना चाहिए। स्नान या हाथ धोते समय इसे उतारकर सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए, अन्यथा इसका रंग फीका पड़ सकता है।
- शुभ मुहूर्त और मंत्र उच्चारण: रत्न को धारण करने से पहले किसी शुभ मुहूर्त का चयन करना चाहिए। ज्योतिषीय सलाह लेकर इस पर चंदन या केसर का तिलक लगाकर मंत्र का उच्चारण करना शुभ फल प्रदान करता है।
फिरोज़ा रत्न धारण करने का मंत्र | Firoza Ratna Dharan karne ka Mantra
फिरोजा रत्न धारण करने से पहले बृहस्पति के प्रमुख मंत्र ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं सा: गुरुवे नम:’ का जाप 108 बार करें।
फिरोज़ा रत्न धारण करने का शुभ मुहूर्त | Firoza Ratna Dharan karne ka Shubh Muhurt
फिरोजा रत्न को पहनने का सर्वश्रेष्ठ समय गुरुवार और शुक्रवार का दिन होता है। विशेष रूप से, इसे सुबह के समय धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे इसकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिकतम हो सके।
फिरोज़ा रत्न किस उंगली में पहने | Firoza Ratna kis Ungli Mein Pehne
फिरोजा रत्न को पहनने के लिए गुरुवार और शुक्रवार के दिन का चयन सबसे अच्छा होता है। इसे सुबह की बेला में अनामिका उंगली में धारण करना शुभ माना जाता है।
फिरोज़ा रत्न किस राशि को पहनना चाहिए | Firoza Ratna Kis Rashi ko Pehenna Chahiye
फिरोजा रत्न का संबंध गुरु बृहस्पति से है और यह अपनी गहरी नीली रंगत के लिए जाना जाता है। धनु और मीन राशि के जातक इसे धारण कर सकते हैं, क्योंकि इन राशियों पर गुरु ग्रह का प्रभाव होता है।
फिरोजा रत्न किस राशि को नहीं पहनना चाहिए | Firoza Ratna kis Rashi ko Nahi Pehenna Chahiye
ज्योतिष के अनुसार, धनु राशि के जातक फिरोजा रत्न धारण कर सकते हैं। इसके साथ ही, मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के लोग भी इस रत्न का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन अन्य राशि के जातकों को ज्योतिषीय सलाह के बिना इसे पहनना उचित नहीं है।
यहां पढ़े सभी राशिाफल :-
मीन राशि | वॄश्चिक राशि | धनु राशि |
कन्या राशि | मकर राशि | सिंह राशि |
मेष राशि | तुला राशि | कुंभ राशि |
कर्क राशि | मिथुन राशि | वृषभ राशि |
Conclusion:-Firoza Ratna Pehenne ki Vidhi
आशा करते हैं की ( फिरोज़ा रत्न – पहनने की विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कौन पहन सकता है, कौन नहीं) से संबंधित यह बेहद खास लेख आपको पसंद आया होगा अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
Disclaimer: इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां इंटरनेट पर आधारित है। हम आपको बता दें कि janbhakti.in ऐसी मान्यताओं की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।
FAQ’s:-Firoza Ratna Pehenne ki Vidhi
Q. फिरोज़ा रत्न क्या है?
Ans: फिरोज़ा रत्न, जिसे अंग्रेज़ी में टरक्वॉइज़ कहा जाता है, एक आकर्षक बहुमूल्य पत्थर है जो मुख्य रूप से नीले और हरे रंगों में पाया जाता है। यह तांबा और एल्युमिनियम के संयोजन से बनता है और इसे सौभाग्य और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है।
Q. असली फिरोज़ा की पहचान कैसे करें?
Ans: असली फिरोज़ा की पहचान उसके हल्के नीले से गहरे हरे रंग, पारदर्शिता, और वजन से की जा सकती है। असली पत्थर में कोई चिह्न या दाग नहीं होते हैं और यह छूने पर ठंडा महसूस होता है।
Q. फिरोज़ा रत्न धारण करने का शुभ समय क्या है?
Ans: फिरोज़ा रत्न को गुरुवार और शुक्रवार के दिन पहनना शुभ माना जाता है। इसे सुबह के समय पहनने से इसकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिकतम होता है।
Q. फिरोज़ा रत्न को पहनने की विधि क्या है?
Ans: फिरोज़ा रत्न को सोने या तांबे की धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए। इसे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी के रूप में धारण करना सर्वोत्तम होता है।
Q. फिरोज़ा रत्न धारण करने का मंत्र क्या है?
Ans: फिरोजा रत्न धारण करने से पहले बृहस्पति के मंत्र ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रूं सा: गुरुवे नम:’ का जाप 108 बार करना चाहिए। यह मंत्र धारण के लिए शुभ फल प्रदान करता है।
Q. फिरोज़ा रत्न किस राशि के लिए शुभ है?
Ans: फिरोजा रत्न धनु और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ है, क्योंकि इन राशियों पर गुरु बृहस्पति का प्रभाव होता है। ये जातक इसे धारण कर सकते हैं।