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Dussehra Ravan Dahan: साल 2024 में कब मनाया जाएगा दशहरा, जाने शुभ मुहूर्त और दहन का समय इस लेख में।

Dussehra ravan dahan
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रावण दहन कब है 2024 जानें शुभ मुहूर्त, दहन का समय  (Dussehra Ravan Dahan): दशहरा (Dussehra), जिसे विजयादशमी (Vijayadashami) भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता, धर्म और न्याय की स्थापना का संदेश भी देता है। 

हिंदू धर्म के इस महत्वपूर्ण त्योहार को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दशहरे के दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध कर धर्म की पुनः स्थापना की थी, वहीं माता दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त कर शक्ति और साहस का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया था। इस दिन को मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और यह नवरात्रि के समापन का भी सूचक है। लेकिन क्या आपने यह जानने की कोशिश की है कि इस साल 2024 में दशहरा कब मनाया जाएगा? रावण दहन का सही समय क्या है? विजय मुहूर्त और अपराह्न काल का शुभ समय कब होगा? और सर्वार्थ सिद्धि योग का सबसे शुभ समय कब होगा? अगर इन सवालों के जवाब अब तक आपके पास नहीं हैं, तो चिंता मत कीजिए, हम इस लेख में आपको हर जानकारी विस्तार से देंगे।

यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं का संगम है, जो हमें सदैव सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः जीत सच्चाई और अच्छाई की होती है। तो आइए, इस पर्व की हर छोटी-बड़ी जानकारी को जानने के लिए पढ़ते रहें…

दशहरा रावण दहन क्या है? (Dussehra Ravan Dahan kya Hai)

दशहरा (Dussehra) रावण दहन हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। रावण दहन की परंपरा रामायण के उस प्रसंग से जुड़ी है, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त कराया। इस दिन बड़े-बड़े मैदानों में रावण, कुंभकर्ण, और मेघनाद के विशाल पुतलों का दहन किया जाता है, जो अहंकार, लालच और अधर्म का प्रतीक होते हैं। इस अवसर पर रामलीला का मंचन भी किया जाता है, जो भगवान राम के जीवन की घटनाओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।

2024 में दशहरा कब है? (2024 Mein Dashara kab Hai)

इस वर्ष 2024 में आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और यह तिथि 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी। इस आधार पर, उदयातिथि के अनुसार, दशहरा (Dussehra) का पर्व 12 अक्टूबर 2024 को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन विजय का प्रतीक है, जब बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।

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रावण दहन का शुभ मुहूर्त कब है? (Ravan Dahan ka Shubh Muhurat kab Hai)

दशहरा (Dussehra) पूजा का शुभ मुहूर्त- दोपहर 2:02 बजे से 2:48 बजे तक।

सर्वार्थ सिद्धि योगसुबह 5:25 बजे से 13 अक्टूबर सुबह 4:27 बजे तक।
विजयादशमी पर्व12 अक्टूबर
विजय मुहूर्त02:10 PM से 02:57 PM तक
कुल अवधि47 मिनट
अपराह्न पूजा का समयदोपहर 01:23 बजे से दोपहर 03:43 बजे
कुल अवधिकुल 140 मिनट
रावण दहन का समयशाम 5:54 बजे से 7:27 बजे तक 

Conclusion

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (रावण दहन कब है 2024 जानें शुभ मुहूर्त, दहन का समय) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. दशहरा क्या है?

दशहरा, जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है। यह दिन भगवान राम द्वारा रावण के वध और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर के नाश का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

2. रावण दहन क्यों किया जाता है?

रावण दहन बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध किया था, जो लंका का राजा था और जिसने माता सीता का अपहरण किया था। रावण अहंकार और अधर्म का प्रतीक है, और उसका दहन हमें सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

3. दशहरा का धार्मिक महत्व क्या है?

दशहरा का धार्मिक महत्व यह है कि यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि किसी भी परिस्थिति में सत्य और धर्म की हमेशा जीत होती है। भगवान राम ने रावण का वध करके यह सिद्ध किया कि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही विजय होती है।

4. रावण दहन कब और कैसे किया जाता है?

रावण दहन दशहरा के दिन शाम के समय किया जाता है। इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले बनाए जाते हैं और उनके अंदर आतिशबाजी रखी जाती है। इसके बाद, भगवान राम की भूमिका निभाने वाले कलाकारों द्वारा रावण का पुतला जलाया जाता है, जो बुराई के अंत का प्रतीक होता है।

5. रावण दहन की परंपरा कब से चली आ रही है?

रावण दहन की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। माना जाता है कि यह परंपरा त्रेतायुग से ही प्रारंभ हो गई थी, जब भगवान राम ने रावण का वध किया था। समय के साथ, यह एक प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन बन गया।

6. रावण दहन के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

रावण दहन के दौरान सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सतर्क रहना जरूरी है। इसके अलावा, रावण दहन के आयोजन में पर्यावरण का भी ध्यान रखा जाना चाहिए और आतिशबाजी का सीमित उपयोग किया जाना चाहिए।

7. दशहरा और रावण दहन से हमें क्या सीख मिलती है?

दशहरा और रावण दहन से हमें यह सिखने को मिलता है कि अहंकार, अधर्म और बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अंततः सत्य, धर्म और अच्छाई की ही जीत होती है। यह त्योहार हमें जीवन में नैतिकता और सद्गुणों का पालन करने की प्रेरणा देता है।

8. भारत में रावण दहन कहां-कहां प्रसिद्ध है?

रावण दहन पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन कुछ प्रमुख स्थान जैसे कि दिल्ली, वाराणसी, लखनऊ, और कोटा में इसके आयोजन बहुत प्रसिद्ध हैं। इन स्थानों पर लाखों की संख्या में लोग रावण दहन देखने के लिए एकत्रित होते हैं।

9. क्या रावण दहन केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा ही मनाया जाता है?

हालांकि रावण दहन का सीधा संबंध हिंदू धर्म से है, लेकिन इसे कई अन्य धर्मों के लोग भी देखना और आनंद लेना पसंद करते हैं। यह एक सांस्कृतिक और पारंपरिक आयोजन के रूप में देखा जाता है, जो सभी के लिए खुला होता है।