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Vastu Tips For East Facing Home Toilet in Hindi: क्या है पूर्व मुखी घर के शौचालय के लिए वास्तु टिप्स? पूर्व मुखी घर के शौचालय की दिशा क्या होनी चाहिए?

Vastu Tips for East Facing Home Toilet
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पूर्व मुखी घर के शौचालय के लिए वास्तु टिप्स (Vastu Tips For East Facing Home Toilet): पूर्व दिशा में मुख वाला घर हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। पूर्व दिशा में सूर्य का उदय होता है, जो प्रकाश और ऊर्जा का प्रतीक है। 

वास्तु शास्त्र (Vastu Tips ) के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित मकान में रहने वाले लोगों को जीवन में सफलता और खुशहाली मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पूर्व मुखी मकान में शौचालय की स्थिति और दिशा भी हमारे जीवन को प्रभावित करती है? शौचालय (Toilet) एक ऐसी जगह है जहां हम अपने शरीर के अवशिष्ट पदार्थों को त्याग करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शौचालय की गलत स्थिति और दिशा हमारे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा ला सकती है। इसलिए, पूर्व मुखी मकान में शौचालय की सही स्थिति और दिशा का होना बहुत महत्वपूर्ण है। क्या आप जानना चाहते हैं कि पूर्व मुखी मकान में शौचालय की सही दिशा और स्थिति क्या होनी चाहिए? क्या आप जानते हैं कि शौचालय के रंग का भी हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है? अगर आप इन सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। 

हम आपको बताएंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व मुखी मकान (Vastu Tips) में शौचालय कैसा होना चाहिए और इसकी दिशा और रंग का क्या महत्व है। तो चलिए, शुरू करते हैं इस रोचक यात्रा को वास्तु शास्त्र के रहस्यों की दुनिया में…

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Table Of Content :

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S.NOप्रश्न
1पूर्व दिशा के मकान का शौचालय कहाँ होना चाहिए?
2पूर्व दिशा के मकान का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए?
3पूर्व दिशा के मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट किस दिशा में होनी चाहिए?
4पूर्व दिशा के मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए?

पूर्व मुखी मकान का शौचालय कहाँ होना चाहिए? (Where Should The Toilet Be Located In An East Facing House)

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वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पूर्व मुखी मकान  में शौचालय का स्थान निर्धारित करना महत्वपूर्ण होता है। ऐसे मकान में शौचालय उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व, या दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। पूर्व दिशा में शौचालय बनाने से वित्तीय कठिनाइयों और व्यक्तिगत विकास में बाधा हो सकती है। शौचालय का दरवाजा मुख्य प्रवेश द्वार की दिशा में नहीं होना चाहिए। शौचालय का उपयोग करते समय, दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुँह करना चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का निर्माण रोका जा सकता ह।

पूर्व दिशा के मकान का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए? (In Which Direction Should The Toilet Be In An East Facing House)

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित मकान के लिए शौचालय का सबसे उपयुक्त स्थान पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इन दिशाओं में शौचालय बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। शौचालय का दरवाजा उत्तर या पूर्व की ओर खुलना चाहिए, जो ऊर्जा के प्रवेश और निकास के लिए शुभ माना जाता है। साथ ही, शौचालय रसोई या पूजा कक्ष के ठीक ऊपर या नीचे नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकता है।

पूर्व दिशा के मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट किस दिशा में होनी चाहिए? (In Which Direction Should The Toilet Seat Of a Toilet In An East Facing House Be)

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वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके रखनी चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। हालांकि, पूर्व दिशा में शौचालय होने से सामाजिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, इस दिशा में शौचालय होने पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। टॉयलेट सीट हमेशा साफ रखनी चाहिए और बाथरूम के फर्श से थोड़ी ऊंची होनी चाहिए।

पूर्व दिशा के मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए? (What Should Be The Colour of The Toilet In An East Facing House)

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वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पूर्व दिशा में स्थित मकान के शौचालय के लिए हल्के रंगों का उपयोग करना चाहिए। क्रीम, सफेद या हल्के पीले रंग इस दिशा के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। काले या गहरे नीले जैसे गहरे रंगों से बचना चाहिए क्योंकि उनका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, पूर्व या उत्तर-पूर्व दीवार पर दर्पण लगाना शुभ होता है। विद्युत उपकरणों को दक्षिण-पूर्व दीवार पर रखना चाहिए और एग्जॉस्ट फैन या वेंटिलेशन का मुँह पूर्व या उत्तर दीवार पर होना चाहिए।

Conclusion:-

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वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन करके, पूर्व मुखी घरों में शौचालय का निर्माण किया जा सकता है जो सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। हालांकि, छोटी-मोटी त्रुटियों से घर की सकारात्मकता पर कोई खास असर नहीं पड़ता। मुख्य बात घर में सद्भाव और सकारात्मक माहौल बनाए रखना है। पूर्व मुखी घरों (East Facing Home) में शौचालय की दिशा से संबंधित हमारे द्वारा दी गई सभी वास्तु उपाय अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ भी साझा करें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

Disclaimer- इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसे उपायों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी वास्तु टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

FAQ’s:- Vastu Tips For East Facing Home Toilet

Q. पूर्व मुखी घर में शौचालय कहाँ होना चाहिए? 

Ans. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व मुखी मकान में शौचालय उत्तर या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी शौचालय बनाया जा सकता है। हालांकि, पूर्व और दक्षिण दिशा में शौचालय का निर्माण वर्जित माना जाता है क्योंकि ये दिशाएं सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं।

Q. शौचालय का दरवाजा किस दिशा की ओर खुलना चाहिए? 

Ans. शौचालय का दरवाजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर नहीं खुलना चाहिए। इसके बजाय, दरवाजे को दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर खोलना उचित माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने में मदद मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।

Q. शौचालय में किस रंग का उपयोग करना चाहिए? 

Ans. शौचालय में हल्के और शांत रंगों का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। सफेद, क्रीम, बेज या पेस्टल शेड्स जैसे रंग सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं और वातावरण को शांत रखते हैं। चटख और भड़कीले रंगों से बचना चाहिए क्योंकि वे तनाव और असहजता पैदा कर सकते हैं।

Q. शौचालय में किस प्रकार की लाइटिंग का उपयोग करना चाहिए? 

Ans. शौचालय में प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। खिड़कियों या स्काईलाइट्स के माध्यम से प्राकृतिक प्रकाश को अंदर आने दें। कृत्रिम प्रकाश के लिए, गर्म और सौम्य रोशनी का उपयोग करें। बहुत तेज या फ्लोरोसेंट लाइटिंग से बचें क्योंकि वे तनाव और थकान पैदा कर सकती हैं।

Q. क्या शौचालय में पौधे रखना शुभ होता है?

Ans. हां, शौचालय में हवा को शुद्ध करने वाले पौधे रखना एक अच्छा विचार है। स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, बोस्टन फर्न और पीस लिली जैसे पौधे वायु को साफ करने और वातावरण को ताज़ा बनाए रखने में मदद करते हैं। हालांकि, पौधों को अच्छी तरह से देखभाल और संतुलित रखना सुनिश्चित करें।

Q. शौचालय की सफाई और रखरखाव का क्या महत्व है? 

Ans. शौचालय को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना बहुत महत्वपूरण है। एक गंदा या अस्वच्छ शौचालय नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।