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Vastu Tips For West Facing Home Toilet in Hindi: किस दिशा में होना चाहिए पश्चिम मुखी मकान का शौचालय? कौन से लाभ है, जानिए इस लेख में

Vastu Tips for West facing Home Toilet
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Vastu Tips For West Facing Home Toilet in Hindi: पश्चिम मुखी मकान में शौचालय की दिशा और रंग का चयन वास्तु शास्त्र के अनुसार एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय होता है। यह न केवल घर की ऊर्जा को प्रभावित करता है बल्कि सकारात्मकता और समृद्धि को भी बढ़ाता है। 

प्राचीन भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, शौचालय की सही स्थिति और रंग का चयन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। अक्सर लोग इस विषय में जानकारी के अभाव में गलत निर्णय ले लेते हैं, जिससे घर की सकारात्मकता और समृद्धि प्रभावित हो सकती है। इसलिए, वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना आवश्यक है। पश्चिम मुखी मकान में शौचालय की सही दिशा और रंग का चयन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि कैसे शौचालय की सही दिशा और रंग का चयन किया जाए ताकि आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन बना सके। सही दिशा और रंग का चयन आपके घर के शौचालय को न केवल सुंदर बनाता है, बल्कि आपके जीवन में शांति और समृद्धि भी लाता है। 

इस जानकारी के आधार पर, आप अपने घर की ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं और एक सुखद और समृद्ध जीवन जी सकते हैं…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1पश्चिम मुखी मकान का शौचालय कहां होना चाहिए
2पश्चिम मुखी मकान का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए
3पश्चिम मुखी मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए
4पश्चिम मुखी मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट की दिशा 

पश्चिम मुखी मकान का शौचालय कहां होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, शौचालय का स्थान और दिशा घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करती है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से दक्षिण-पश्चिम दिशा को विसर्जन के लिए उत्तम माना गया है। इसके अलावा, शौचालय का मुंह दक्षिण या पश्चिम की तरफ होना श्रेष्ठ माना जाता है। यदि यह संभव नहीं हो, तो पश्चिम की तरफ भी किया जा सकता है। यह जरूरी है कि हम वास्तु शास्त्र के निर्देशों का पालन करें, ताकि हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके।

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पश्चिम मुखी मकान का शौचालय किस दिशा में होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पश्चिम मुखी मकान में शौचालय की सबसे उपयुक्त दिशा उत्तर या उत्तर-पश्चिम होती है। पूर्व दिशा में भी शौचालय बनाया जा सकता है। हालांकि, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा में शौचालय का निर्माण वर्जित माना जाता है, क्योंकि इससे निवासियों के स्वास्थ्य और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, वास्तु के नियमों के अनुसार, शौचालय का दरवाजा उत्तर या दक्षिण दिशा की ओर खुलना चाहिए। शौचालय (Toilet) का क्षेत्रफल घर के कुल क्षेत्रफल का 1/8 से अधिक नहीं होना चाहिए। साथ ही, शौचालय में पर्याप्त प्रकाश और वेंटिलेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

इन वास्तु सिद्धांतों का पालन करके, पश्चिम मुखी घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखा जा सकता है और निवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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पश्चिम मुखी मकान के शौचालय का रंग कैसा होना चाहिए? 

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) अनुसार पश्चिम मुखी मकान के शौचालय का रंग चुनना महत्वपूर्ण होता है। पश्चिम मुखी मकान के शौचालय में  हल्के रंगों का चयन करना अच्छा माना जाता है। विशेष रूप से सफेद, क्रीम, या हल्का नीला रंग शान्ति और समंजस्य का वातावरण बनाने में सहायक होते हैं। ये रंग शुभ माने जाते हैं और शौचालय में एक सुखद और शांत वातावरण बनाने में मदद करते हैं। इसलिए, पश्चिम मुखी मकान के शौचालय में इन हल्के रंगों का उपयोग करना वास्तु शास्त्र के अनुरूप और अनुशासित माना जाता है।

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पश्चिम मुखी मकान के शौचालय की टॉयलेट सीट की दिशा 

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, पश्चिम मुखी मकान में शौचालय की टॉयलेट सीट की दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। टॉयलेट सीट हमेशा उत्तर या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। शौच करते समय व्यक्ति का मुख दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसलिए, पश्चिम मुखी मकान में टॉयलेट सीट इस प्रकार लगानी चाहिए कि उस पर बैठने से व्यक्ति का मुख दक्षिण या पश्चिम की ओर हो। ऐसा करने से शौचालय से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को फैलने से रोका जा सकता है और घर में सकारात्मकता बनी रहती है।

Conclusion:-

पश्चिम मुखी मकान (West Facing Home) में शौचालय का स्थान और रंग वास्तु शास्त्र के अनुसार चुनना महत्वपूर्ण है। दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में हल्के रंग का शौचालय सबसे उपयुक्त होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और निवासियों के स्वास्थ्य, करियर और रिश्तों पर अच्छा असर पड़ता है। पश्चिम मुखी मकान (South facing house) में शौचालय की दिशा से संबंधित हमारे द्वारा दी गई सभी वास्तु उपाय अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी प्रियजनों के साथ भी साझा करें और हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।

Disclaimer- इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसे उपायों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी वास्तु टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s

Q. पश्चिम मुखी मकान में शौचालय किस दिशा में होना चाहिए? 

Ans. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम मुखी मकान में शौचालय का निर्माण उत्तर या पश्चिम दिशा में करना शुभ माना जाता है। इन दिशाओं में बना शौचालय सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ देता है।

Q. क्या दक्षिण या पूर्व दिशा में शौचालय बनाना वर्जित है? 

Ans. हाँ, पश्चिम मुखी मकान में दक्षिण या पूर्व दिशा में शौचालय का निर्माण वास्तु के विपरीत माना जाता है। इन दिशाओं में शौचालय बनाने से आर्थिक समस्याएं, बीमारियाँ और पारिवारिक कलह हो सकते हैं।

Q. शौचालय का दरवाजा किस दिशा की ओर खुलना चाहिए? 

Ans. पश्चिम मुखी मकान में शौचालय का दरवाजा उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर खुलना चाहिए। दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर खुलने वाला दरवाजा वास्तु के प्रतिकूल माना जाता है।

Q. शौचालय में कौन से रंग का प्रयोग करना चाहिए? 

Ans. वास्तु के अनुसार, शौचालय में हल्के और शांत रंगों का प्रयोग करना शुभ होता है। सफेद, क्रीम, हल्का नीला या हरा रंग शौचालय के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ये रंग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

Q. शौचालय में किन रंगों से बचना चाहिए? 

Ans. शौचालय में काले, लाल और गहरे रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ये रंग नकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं और शौचालय की शुद्धता को प्रभावित करते हैं। इसलिए इन रंगों से परहेज करना उचित होगा।

Q. पश्चिम मुखी मकान में शौचालय की सीट किस दिशा में होनी चाहिए? 

Ans. शौचालय की सीट दक्षिण या पश्चिम दिशा में होनी चाहिए। उत्तर या पूर्व दिशा में सीट होने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सीट का मुंह दक्षिण या पश्चिम की ओर होना वास्तु के अनुकूल माना जाता है।