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Pehli baar Karva Chauth kaise kare: पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाएं ध्यान में रखें यह सभी नियम, वरना नहीं मिलेगा शुभ फल।

Pehli baar Karva Chauth kaise kare
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पहली बार करवा चौथ कैसे करें? (Pehli bar Karva Chauth kaise kare): करवा चौथ (Karva Chauth) का त्योहार हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है। यह एक ऐसा व्रत है जिसमें पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक यह पर्व दांपत्य जीवन में मधुरता लाता है। लेकिन पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं के मन में कई सवाल उठते हैं। व्रत की सही विधि क्या है? पूजा में किन चीज़ों का इस्तेमाल करना चाहिए? किन नियमों का पालन करना ज़रूरी है? ऐसे अनेक प्रश्न हैं जो उन्हें परेशान कर सकते हैं। इसलिए इस लेख में हम विस्तार से समझाएंगे कि पहली बार करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को किन बातों का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। साथ ही, हम आपको व्रत की पूरी विधि और पूजा में शामिल सभी ज़रूरी सामग्री के बारे में भी बताएंगे।

तो चलिए, करवा चौथ (Karva Chauth) के इस ख़ास मौके पर एक नई शुरुआत करने वाली सभी सुहागनों को कुछ ख़ास टिप्स देते हैं ताकि उनका पहला करवा चौथ व्रत बिना किसी परेशानी के, पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ संपन्न हो सके…

करवा चौथ क्या है? (Karva Chauth kya Hai)

Karva Chauth kya Hai

करवा चौथ (Karva Chauth) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह पर्व कार्तिक मास की चतुर्थी को आता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रमा दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का नाम “करवा” (मिट्टी का बर्तन) और “चौथ” (चतुर्थी) से लिया गया है। करवे का उपयोग पूजा में जल अर्पित करने और कथा सुनने के लिए किया जाता है। महिलाएं दिनभर व्रत रखकर शाम को सुंदर साज-श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक विधि से शिव-पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं। रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया जाता है। 

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करवा चौथ कब है? (Karva Chauth kab Hai)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ (Karva Chauth) का पवित्र व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष, 2024 में यह विशेष अवसर रविवार, 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे से प्रारंभ होगा और अगले दिन, सोमवार 21 अक्टूबर को सूर्योदय से पहले, 4:16 बजे समाप्त होगा। व्रति महिलाएं इस दिन सुबह 6:25 बजे व्रत का संकल्प लेंगी। पूजा का यह अनुष्ठान चंद्रमा के उदय के साथ पूरी होगी, जिसमें चंद्रमा के दर्शन करने के बाद व्रत का समापन होगा।

पहली बार करवा चौथ कैसे करें? (Pehli Baar Karva Chauth kaise karen)

Pehli Baar Karva Chauth kaise karen

पहली बार करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाओं को निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

सरगी का महत्व और सेवन

करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत सूर्योदय से पहले सरगी खाकर शुरू किया जाता है। यह व्रत का पहला कदम होता है, जो दिन भर के उपवासी व्रत के लिए ऊर्जा प्रदान करता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सरगी का सेवन करना चाहिए। यह परंपरा है कि सास अपनी बहु को सरगी देती हैं, और सरगी में सात खास चीजों का सेवन विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इन चीजों में मीठा, फल, सूखे मेवे और अन्य ताजे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं, जो व्रति को दिन भर के उपवास के लिए तैयार करते हैं।

संध्या पूजन और व्रत कथा

करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत शाम के समय पूजा और व्रत कथा के साथ विशेष महत्व रखता है। चंद्रमा के निकलने के बाद, महिलाएं व्रत कथा सुनती हैं और पूजा करती हैं। पूजा में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। व्रत कथा में करवा चौथ के व्रत का महत्व और इसके पुण्य लाभ के बारे में बताया जाता है, जिससे व्रति की श्रद्धा और भक्ति में वृद्धि होती है।

चंद्रमा और पति के दर्शन

करवा चौथ (Karva Chauth) की पूजा के दौरान, महिलाएं छलनी से चंद्रमा को देखती हैं, जो एक महत्वपूर्ण रस्म होती है। चंद्रमा को देखने के बाद, पत्नी अपने पति का चेहरा देखती हैं, जो इस व्रत का एक अहम हिस्सा है। इस दौरान पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना की जाती है। यह एक भावनात्मक और आध्यात्मिक क्षण होता है।

व्रत का पारण

व्रत का पारण उस समय होता है जब चंद्रमा के दर्शन और पूजा के बाद पति अपनी पत्नी को पानी पिलाकर व्रत का पारण करते हैं। यह पारण व्रत की समाप्ति का संकेत होता है। पारण के बाद, व्रति को सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। इस भोजन में हल्का और पौष्टिक भोजन शामिल किया जाता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और व्रत को पूर्ण करता है।

16 शृंगार का महत्व

करवा चौथ का व्रत (Karva Chauth Vrat) सुहागिन महिलाओं द्वारा रखा जाता है, और इस दिन महिलाओं का 16 शृंगार करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शृंगार उनके पति के प्रति श्रद्धा और प्यार का प्रतीक होता है। महिलाएं सुहाग से संबंधित वस्त्र पहनकर, आभूषण पहनकर और सजा-धजा कर करवा की पूजा करती हैं। 16 शृंगार को सौंदर्य और सुहाग की शक्ति के रूप में देखा जाता है, जो महिला के सौभाग्य को बढ़ाता है।

मेहंदी लगाना 

करवा चौथ (Karva Chauth) पर मेहंदी लगाना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। मेहंदी का रंग और उसकी खुशबू शुभता का प्रतीक मानी जाती है, और हर शुभ कार्य में इसका उपयोग होता है। करवा चौथ पर मेहंदी लगाना महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, चाहे उन्होंने व्रत रखा हो या नहीं। यह पारंपरिक रिवाज महिलाओं की सजा-संवरी को बढ़ावा देता है और इस दिन की खुशी और उमंग को और भी बढ़ा देता है।

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Conclusion:-Pehli baar Karva Chauth kaise kare

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (करवा चौथ व्रत कथा) Pehli baar Karva Chauth kaise kare यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s:-Pehli baar Karva Chauth kaise kare

1. करवा चौथ क्या है?

करवा चौथ एक हिंदू त्यौहार है जो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और इसे चंद्रमा के दर्शन के बाद उपवास के साथ मनाया जाता है।

2. पहली बार करवा चौथ कैसे करें?

पहली बार करवा चौथ मनाने के लिए निम्नलिखित कदम उठाएं:

  • तिथि और समय जानें: करवा चौथ की सही तिथि और चंद्रमा के दर्शन का समय जानें। यह जानकारी कैलेंडर या इंटरनेट से प्राप्त की जा सकती है।
  • साज-सज्जा करें: अपने घर को अच्छे से सजाएं। इस दिन विशेष रूप से पूजा की थाली सजाई जाती है जिसमें करवे, मिठाई, फल और अन्य पूजा सामग्री होती है।
  • उपवास का पालन करें: करवा चौथ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले सেহरी लें और उसके बाद उपवास रखें। आप दिनभर पानी नहीं पी सकतीं। केवल रात में चंद्रमा को देखकर ही अपना उपवास तोड़ें।

3. क्या पहनें?

पहली बार करवा चौथ मनाते समय पारंपरिक कपड़े पहनना अच्छा होता है। साड़ी या सूट पहनने का प्रचलन है। आप अपने पसंदीदा रंगों का चयन कर सकती हैं।

4. पूजा विधि क्या है?

  • पूजा के लिए एक मंडप बनाएं और वहां करवे रखें।
  • पूजा में आमंत्रित सभी महिलाओं के साथ बैठकर करवा चौथ की कथा सुनें।
  • फिर चंद्रमा को देखकर अपने पति का नाम लेकर प्रार्थना करें।

5. क्या करना है चंद्रमा के दर्शन के बाद?

चंद्रमा के दर्शन के बाद अपने पति को पानी और मिठाई दें। इस समय आप दोनों एक-दूसरे के साथ खुशियां बांट सकते हैं।

6. क्या उपहार देना चाहिए?

पहली बार करवा चौथ मनाते समय पति द्वारा पत्नी को उपहार देना एक अच्छा विचार है। यह उपहार कुछ खास हो सकता है, जैसे ज्वेलरी, कपड़े या व्यक्तिगत उपहार।

7. क्या खास है पहली बार मनाना?

पहली बार करवा चौथ मनाना एक विशेष अनुभव है। यह आपके विवाह की नई शुरुआत को दर्शाता है और आपके रिश्ते में प्यार और समर्पण को बढ़ाता है।