हरियाली अमावस्या व्रत कथा (SAwan Hariyali Amavasya Vrat Katha): हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से अनेक लाभ मिलते हैं। हरियाली अमावस्या की एक प्राचीन कथा भी है जो इस पर्व के महत्व को दर्शाती है। क्या आप जानना चाहते हैं कि हरियाली अमावस्या की व्रत कथा क्या है? यदि नहीं, तो यह लेख आपके लिए है। इस लेख में हम विस्तार से हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) की व्रत कथा के बारे में जानेंगे। साथ ही, हम एक विशेष पीडीएफ भी साझा करेंगे जिसमें इस कथा को अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया है।
तो चलिए इस लेख के जरिए हम हरियाली अमावस्या की व्रत कथा के बारे में जानते हैं, यह लेख न केवल ज्ञानवर्धक होगा बल्कि आपकी आध्यात्मिक यात्रा को भी समृद्ध करेगा…
Table Of Content :-SAwan Hariyali Amavasya Vrat Katha
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S.NO | प्रश्न |
1 | हरियाली अमावस्या की व्रत कथा |
2 | हरियाली अमावस्या व्रत कथा पीडीएफ |
हरियाली अमावस्या की व्रत कथा (Hariyali Amavasya Fasting Story)
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बहुत समय पहले की बात है, एक प्रतापी राजा का शासन था, जिनका एक बेटा और बहू थी। एक दिन बहू ने चोरी-छुपे मिठाई खा ली और दोष चूहे पर मढ़ दिया। चूहा इस आरोप से बेहद क्रोधित हुआ और उसने बदला लेने की ठान ली। एक दिन, जब राजा के यहां कुछ मेहमान आए हुए थे और राजा के कमरे में सो रहे थे, तो चूहे ने रानी की साड़ी चुपके से वहां रख दी। सुबह जब मेहमानों की नींद खुली और उन्होंने रानी की साड़ी देखी, तो सभी हैरान रह गए। राजा को जब इस बात का पता चला, तो उन्होंने अपनी बहू को महल से निकाल दिया।
अब रानी हर शाम दिया जलाकर ज्वार उगाने का काम करती और पूजा के बाद गुड़धानी का प्रसाद बांटती। एक दिन, राजा उसी रास्ते से गुजरे और उन्होंने उन दीयों की रौशनी देखी। महल लौटकर राजा ने सैनिकों को जंगल में जाकर वहां की जाँच करने का आदेश दिया। सैनिक जब उस पीपल के पेड़ के नीचे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दीये आपस में बातें कर रहे थे, अपनी-अपनी कहानियाँ साझा कर रहे थे। एक शांत से दीये से सभी ने उसकी कहानी पूछी। उस दीये ने बताया कि वह रानी का दीया है और उसने सारी घटना विस्तार से सुनाई। उसने बताया कि रानी ने मिठाई चोरी कर आरोप चूहे पर लगा दिया था, उसके बाद चूहे ने रानी से बदला लेने के लिए उसकी साड़ी राजा के कमरे में जाकर रख दी लेकिन रानी इस बार रानी बेकसूर थी लेकिन फिर भी उसे महल से बाहर निकाल दिया गया था फिर भी वह सजा भुगत रही है।
सैनिकों ने सारी बात राजा को बताई। राजा ने रानी को वापस महल बुलवाया, जहां रानी फिर से खुशी-खुशी रहने लगी।
हरियाली अमावस्या व्रत कथा पीडीएफ (Hariyali Amavasya Vrat Katha PDF)
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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) की व्रत कथा से संबंधित यह बेहद खास पीडीएफ हम आपसे इस लेख के जरिए साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड करने के बाद आप हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) की व्रत कथा को श्रद्धा पूर्वक पढ़ सकते हैं।
हरियाली अमावस्या व्रत कथा PDF DownloadSummary :-SAwan Hariyali Amavasya Vrat Katha
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हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) हिंदू संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 2024 में यह त्योहार समृद्धि, खुशियां और मनोकामनाओं की पूर्ति लेकर आएगा। इस दिन व्रत रखना, पूजा-अर्चना और विधि-विधान करना शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या के पावन त्योहार से संबंधित यह विशेष लेखा अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे इस लेख को अपने सभी परिजनों के साथ अवश्य साझा करें। व्रत एवं त्योहार से संबंधित और भी लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:-SAwan Hariyali Amavasya Vrat Katha
Q. हरियाली अमावस्या 2024 कब मनाई जाएगी?
Ans. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) 2024 श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाएगी। इस साल यह 4 अगस्त 2024 को पड़ रही है।
Q. हरियाली अमावस्या पर क्या किया जाता है?
Ans. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन पौधरोपण करना भी शुभ माना जाता है। पेड़-पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
Q. हरियाली अमावस्या के दिन कौन से पौधे लगाने चाहिए?
Ans. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) पर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए तुलसी, आंवला, बेल और केले का वृक्ष लगाना चाहिए। आरोग्य के लिए ब्राह्मी, अर्जुन, आँवला आदि लगाएं। संतान प्राप्ति के लिए पीपल, नीम, नागकेशर जैसे पौधे उपयुक्त हैं।
Q. हरियाली अमावस्या पर चंद्रमा की स्थिति कैसी होती है?
Ans. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के दिन चंद्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है। यह स्थिति तांत्रिक अनुष्ठानों और पूजा के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से आत्मा की शुद्धि होती है और समृद्धि मिलती है।
Q. हरियाली अमावस्या का पितृ पक्ष से क्या संबंध है?
Ans. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) के दिन पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस तिथि के स्वामी पितृदेव हैं, इसलिए इस दिन पितृ तर्पण करने का विशेष महत्व है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
Q. हरियाली अमावस्या के बाद कौन से महत्वपूर्ण त्योहार शुरू होते हैं?
Ans. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हरियाली अमावस्या के बाद से होली तक महत्वपूर्ण त्योहार शुरू होते हैं। यह दिन मानसून के मौसम की शुरुआत का भी प्रतीक है और श्रावण मास में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।