Home शुभ मूहुर्त Anant Chaturdashi kab Hai 2024: अनंत चतुर्दशी कब है? जानें-शुभ मुहूर्त, महत्व...

Anant Chaturdashi kab Hai 2024: अनंत चतुर्दशी कब है? जानें-शुभ मुहूर्त, महत्व एवं पूजा विधि।

Anant Chaturdashi kab Hai
Join Telegram Channel Join Now

अनंत चतुर्दशी कब है (Anant Chaturdashi kab hai 2024): अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi)- एक पावन पर्व जो हमें अनंत काल से चली आ रही हमारी सनातन परंपराओं और आस्थाओं से जोड़ता है। यह त्योहार हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूप की पूजा की जाती है और उनसे अनंत सुख, समृद्धि और मोक्ष की कामना की जाती है। अनंत चतुर्दशी का व्रत और पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति के सभी कष्टों का निवारण होता है और उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को लगातार 14 वर्षों तक करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। 

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि साल 2024 में अनंत चतुर्दशी का पर्व कब मनाया जाएगा, इस व्रत का क्या महत्व है, पूजा की विधि क्या है और शुभ मुहूर्त कौन सा है। साथ ही हम इस पर्व से जुड़ी कुछ रोचक पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। तो चलिए, अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के इस पावन पर्व के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं…

अनंत चतुर्दशी व्रत कब है:- (Anant Chaturdashi Vrat kya Hai)

यह भी पढ़े:- अनंत चतुर्दशी व्रत कथा

2024 में अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) 17 सितंबर को मनाया जाएगा। यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के अनंत रूप की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और अनंत सूत्र बांधते हैं, जिसे अनंत रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। इसे कलाई पर बांधकर वे जीवन में सुख-समृद्धि और बुराइयों से मुक्ति की कामना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन में आने वाले सभी कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अनंत चतुर्दशी का पर्व गणेश विसर्जन के साथ भी जुड़ा होता है, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत का महत्त्व:- (Anant Chaturdashi Vrat ka Mahatva)

  • व्रत का महत्व: यह हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसका पालन करने से व्यक्तियों पर खुशी, शांति, सुरक्षा, और समृद्धि की वरदान स्वरूप बरसती है। इस त्योहार के पालन के समय भगवान विष्णु चौदह लोकों की सुरक्षा करते हैं।
  • अनंत धागा: व्रत के दौरान अनंत धागा को व्यक्ति के दाहिने हाथ में बांधा जाता है। यह धागा सूती होता है और उसमें चौदह गांठें होती हैं। इसे बांधने से माना जाता है कि व्यक्ति चौदह लोकों के संरक्षक भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर रहा है।
  • व्रत और कथा: अनंत चतुर्दशी के व्रत का पालन विभिन्न रीति-रिवाजों और पूजा-अर्चना के साथ किया जाता है। भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और अनंत व्रत कथा का पाठ करते हैं। यह त्योहार भगवान विष्णु की विजय का प्रतीक है, जिन्होंने दानव राजा नरकासुर को परास्त किया था, और माना जाता है कि इसे मनाने से बाधाओं और नकारात्मक प्रभावों को पार करने में मदद मिलती है।

अनंत चतुर्दशी व्रत पूजा विधि:-(Anant Chaturdashi Vrat Puja Vidhi)

अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) की पूजा विधि काफी विशेष और परंपरागत होती है। इसे निम्नलिखित सात चरणों में पूरा किया जाता है:

  • व्रत की तैयारी: व्रत की शुरुआत पूजा थाली की तैयारी से होती है, जिसमें कलश, नारियल, फूल, अगरबत्ती, और भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति शामिल होती है।
  • पूजा का आयोजन: पूजा का आयोजन पूजा स्थल की सफाई के साथ शुरु होता है, उसके बाद भगवान विष्णु का आह्वान मंत्रों के जप के माध्यम से किया जाता है। इसके बाद अनंत सूत्र को भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के चारों ओर बांधा जाता है।
  • मंत्र का जप: अनंत सूत्र मंत्र का जप किया जाता है जिससे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। मंत्र है: “अनंत सर्व नागानामाधिपतये सर्वकामाधुक, सदाभूतये वशत्कराय, भूतभ्रुतभव्यभवत्प्रभुतये, भूतकृतभूतभव्यसंहर्त्रे भूतात्माय नमः।”
  • प्रार्थना करें: मंत्र जप के बाद, भगवान विष्णु से प्रार्थना की जाती है, उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन की मांग की जाती है।
  • व्रत का पालन करें: व्रत में उपवास और कुछ खाद्य पदार्थों और क्रियाओं से परहेज करने का पालन किया जाता है। व्रत अगले दिन तोड़ा जाता है, जब भगवान विष्णु को प्रार्थना और पूजा की जाती है।
  • अनंत सूत्र बंधन का आयोजन करें: अनंत सूत्र एक पवित्र धागा होता है जो व्रत के दौरान कलाई या गले में बांधा जाता है। इसका विश्वास किया जाता है कि यह अच्छी किस्मत, समृद्धि, और बुराई से सुरक्षा ला सकता है।
  • व्रत का समापन: व्रत का समापन भगवान विष्णु की आरती करके और उन्हें प्रसाद चढ़ाकर किया जाता है। अनंत सूत्र को फिर से हटाकर एक पवित्र स्थान पर रखा जाता है।

अनंत चतुर्दशी व्रत शुभ मुहूर्त:- (Anant Chaturdashi Vrat Shubh Muhurat)

अनंत चतुर्दशी व्रत 17 सितंबर (मंगलवार) 2024 को मनाया जायेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:07 बजे से रात 11:44 बजे तक रहेगा, मुहूर्त की कुल अवधि 05 घंटे 37 मिनट है।

अनंत चतुर्दशी व्रत तिथि17 सितंबर (मंगलवार) 2024
पूजा का शुभ मुहूर्तसुबह 06:07 बजे से रात 11:44 बजे तक।
शुभ मुहूर्त की कुल अवधि05 घंटे 37 मिनट।

Conclusion:-Anant Chaturdashi kab Hai

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (अनंत चतुर्दशी व्रत) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइटजन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद

FAQ’s

Q. 2024 में अनंत चतुर्दशी व्रत कब मनाया जाएगा?

Ans. 2024 में अनंत चतुर्दशी व्रत 17 सितंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा।

Q.अनंत चतुर्दशी का महत्व क्या है?

Ans. अनंत चतुर्दशी का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है, और लोग अनंत व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भक्त को समृद्धि, शांति और मुक्ति (मोक्ष) की प्राप्ति होती है।

Q.अनंत चतुर्दशी पर क्या करें?

Ans.अनंत चतुर्दशी का दिन गणेश चतुर्थी का अंतिम दिन होता है, जिस दिन गणपति बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। यह दिन भगवान गणेश को विदाई देने और अगले साल पुनः आने की कामना के साथ मनाया जाता है।

Q.अनंत चतुर्दशी गणेश चतुर्थी से कैसे जुड़ी है?

Ans.अनंत चतुर्दशी का दिन गणेश चतुर्थी का अंतिम दिन होता है, जिस दिन गणपति बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। यह दिन भगवान गणेश को विदाई देने और अगले साल पुनः आने की कामना के साथ मनाया जाता है।

Q. अनंत चतुर्दशी व्रत के दौरान कौन-सा धागा बांधा जाता है?

Ans. अनंत चतुर्दशी व्रत (Anant Chaturdashi Vrat) के दौरान अनंत धागा बांधा जाता है, जिसमें चौदह गांठें होती हैं और यह भगवान विष्णु का आशीर्वाद माना जाता है।

Q. अनंत सूत्र का महत्व क्या है?

Ans. अनंत सूत्र को कलाई या गले में बांधने से जीवन में अच्छी किस्मत, समृद्धि, और बुराई से सुरक्षा मिलती है, इसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद माना जाता है।