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10 Famous Temples Of Bhopal: ये हैं भोपाल के 10 सबसे खूबसूरत मंदिर, जहां आप ले सकते हैं विरासत की वास्तुकला का आनंद

10 Famous Temples Of Bhopal
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10 Famous Temples of Bhopal: ये हैं भोपाल के 10 सबसे खूबसूरत मंदिर, जहां आप ले सकते हैं विरासत की वास्तुकला का आनंद

भोपाल के 10 प्रसिद्ध मंदिर (10 Famous Temples of Bhopal): भोपाल, मध्य प्रदेश की राजधानी, एक शहर है जो अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर हिंदू मंदिरों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जो भक्तजनों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

भोपाल (Bhopal)10 Famous Temples Of Bhopal में स्थित प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की बात करें, तो यहां पर कई ऐसे मंदिर हैं जो अपनी वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में से कुछ प्राचीन काल से हैं, जबकि कुछ नए बनाए गए हैं। लेकिन सभी मंदिरों में एक बात समान है, और वह है भक्तजनों की श्रद्धा और आस्था। यहां पर पूजा और अनुष्ठान के दौरान एक अद्वितीय ऊर्जा का अनुभव होता है, जो भक्तजनों को आकर्षित करती है। भोपाल के मंदिरों की विशेषता यह है कि वे न केवल धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं, बल्कि वे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी जाने जाते हैं। यहां के मंदिरों में आप मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को देख सकते हैं। इस लेख में, हम भोपाल के 10 प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों के बारे में जानेंगे, जो अपनी विशेषताओं और महत्व के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों की यात्रा करके, आप न केवल धार्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे, बल्कि आप मध्य प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को भी जान पाएंगे। 

तो आइए, भोपाल के इन प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की यात्रा पर चलें और इनके महत्व को समझें…

List of 10 Famous Temples Of Bhopal

S.NOमंदिर
1लक्ष्मीनारायण मंदिर
2इस्कॉन मंदिर
3हिंगलाज माता मंदिर
4गुफा मंदिर लालघाटी
5गायत्री मंदिर
6कर्फ्यू वाली माता मंदिर
7श्री कालिका मंदिर
8भोजेश्वर मंदिर
9मनुआभान टेकरी मंदिर
10खेड़ापति हनुमान मंदिर

1. लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxmi Narayan Mandir)

Laxmi Narayan Mandir

भोपाल के मालवीय नगर क्षेत्र में अरेरा पहाड़ियों के निकट स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर (Laxmi Narayan Mandir), जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, अपनी भव्यता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर, भोपाल की झील के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जो एक संग्रहालय के साथ आता है। संग्रहालय में मध्यप्रदेश के रायसेन, सेहोर, मंदसौर, और सहडोल जैसी जगहों से लाई गईं शिव, विष्णु और अन्य अवतारों की प्राचीन पत्थर की मूर्तियों को प्रदर्शित किया गया है। 

  • सोमवार को छोड़कर, संग्रहालय प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
  • भोपाल के लक्ष्मी नारायण मंदिर तक पहुंचने के लिए भोपाल रेलवे स्टेशन उतरने के बाद या राजा भोज हवाई अड्डा पहुंचने के बाद, आप टैक्सी, ऑटो या सार्वजनिक बस से जा सकते हैं।

2. इस्कॉन मंदिर (ISKCON Mandir)  

ISKCON Mandir

भोपाल में स्थित इस्कॉन मंदिर (ISKCON Mandir), भगवान कृष्ण को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। हरे कृष्ण लैंड, एनआर कॉलेज के पास, रायसेन रोड और पटेल नगर में स्थित इस मंदिर की स्थापना 1966 में श्री अभयचरणारविन्द भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपादजी ने न्यूयॉर्क सिटी में की थी। इस्कॉन मंदिर सुबह 4:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। यहाँ जन्माष्टमी और गौरी पूर्णिमा जैसे त्योहार बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं, जो मंदिर के आध्यात्मिक वातावरण को और भी समृद्ध बनाते हैं। भक्त इस शांतिपूर्ण स्थल पर आकर एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

  • मंदिर में दर्शन का समय सुबह 4:30 से दोपहर 1:30 तक है फिर मंदिर को शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक दर्शन के लिए खोला जाता है।
  • भोपाल की इस्कॉन मंदिर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से कैब या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर हनुमान जी के मंदिर के पास स्थित है।

3. हिंगलाज माता मंदिर (Hinglaj Mata Mandir)

Hinglaj Mata Mandir

भोपाल के हिंगलाज माता मंदिर (Hinglaj Mata Mandir) एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है, जो मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है। यह मंदिर हिंगलाज माता, जो भगवान शिव की पत्नी पार्वती का एक रूप है, को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था और यह अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। मंदिर में एक भव्य गर्भगृह है, जहां हिंगलाज माता की मूर्ति स्थापित है। यहां पर नवरात्रि और अन्य हिंदू त्योहारों के दौरान विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। भक्तजन यहां पर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।

  • भोपाल के हिंगलाज माता मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है, मंदिर में 24 घंटे में से कभी भी किसी समय दर्शन कर सकते हैं।

4. गुफा मंदिर लालघाटी (Gufa Mandir Lalghati)

Gufa Mandir Lalghati

भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल गुफा मंदिर (Gufa Mandir), लालघाटी क्षेत्र में स्थित है और शहर के केंद्र से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर यात्रियों और दर्शकों का आकर्षण बना हुआ है। इस मंदिर की खोज 1949 में श्री महंत नारायणदास जी त्यागी ने की थी, और इसका पुनर्निर्माण 2 अप्रैल 1965 को उनके द्वारा ही कराया गया। गुफा मंदिर और इसके आश्रम परिसर को सात प्राकृतिक गुफाओं ने घेर रखा है, जिससे इसका नाम गुफा मंदिर पड़ा। इनमें से एक गुफा में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जबकि शेष गुफाओं में संस्कृत के विद्यार्थी निवास करते हैं।

  • मंदिर में दर्शन का समय सुबह 06:00 बजे से रात 07:00 बजे तक है।
  • भोपाल के गुफा मंदिर लालघाटी पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर लालघाटी क्षेत्र में स्थित है।

5. गायत्री मंदिर (Gayatri Mandir)

Gayatri Mandir

गायत्री शक्तिपीठ (Gayatri Mandir) भोपाल में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो माता गायत्री को समर्पित है। यह शहर के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित है और अपनी सुंदर वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर में गणेश, शिव और दुर्गा जैसे अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यह हरियाली से घिरा हुआ है और श्रद्धालुओं व आगंतुकों के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करता है। मंदिर पूरे वर्ष विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है जैसे योग कक्षाएं, आध्यात्मिक प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम। हाल ही में गुरु पूर्णिमा पर यहाँ 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजित किया गया था।

  •  मंदिर में दर्शन का समय सुबह 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक है।
  • भोपाल के प्रसिद्ध गायत्री मंदिर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर, बरखेड़ी के पास स्थित है और प्रमुख मार्ग पर है।

6. कर्फ्यू वाली माता मंदिर (Curfew Wali Mata Mandir)

Curfew Wali Mata Mandir

भोपाल का कर्फ्यू वाली माता का मंदिर (Curfew wali Mata Mandir) अपनी अनोखी कहानी के कारण प्रसिद्ध है। 1981 में जयपुर से लाई गई माता की मूर्ति को सोमवारा चौराहे पर स्थापित किया गया था। स्थापना के दौरान छठवीं तिथि को विवाद हुआ, जिससे क्षेत्र में कर्फ्यू लगाना पड़ा। एक माह बाद मंदिर स्थापना की अनुमति मिली, जिससे इसका नाम “कर्फ्यू वाली माता का मंदिर” पड़ा। नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, और लोग नारियल में अर्जी लिखकर माता से मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं।

  • मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:30 तक है, और फिर शाम 5:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक है
  • भोपाल के कर्फ्यू वाली माता मंदिर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर कोलार रोड पर स्थित है, जो प्रमुख सड़क से जुड़ा है|

7. श्री कालिका मंदिर (Shri Kalika Mandir)

Shri Kalika Mandir

भोपाल, 10 Famous Temples Of Bhopal मध्यप्रदेश स्थित कालिका मंदिर (Shri Kalika Mandir) की स्थापना 1967 में स्व. शिवनारायण सिंह बघवार द्वारा की गई थी। प्रारंभ में यह मंदिर एक छोटी मढ़िया के रूप में था, लेकिन भक्तों की अटूट श्रद्धा के चलते इसका विस्तार होते-होते आज यह भव्य रूप धारण कर चुका है। मंदिर का 108 फीट ऊंचा शिखर इसकी शोभा बढ़ाता है। यहां मां के गर्भगृह के पीछे मन्नत मांगने के लिए धागा बांधा जाता है, जिसे पूरी होने पर श्रद्धालु स्वयं खोलने आते हैं। नवरात्रि के दौरान, विशेष सजावट और अनुष्ठानों के माध्यम से मंदिर की भव्यता और भी बढ़ जाती है। तालाब के किनारे स्थित चबूतरे पर भी विशेष मौकों पर अनुष्ठान होते हैं, जो भक्तों की श्रद्धा का केंद्र हैं।

  • भोपाल का श्री कालिका मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6:00 बजे से रात 12:00 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है
  • भोपाल में स्थित श्री कालिका मंदिर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर भेल क्षेत्र में स्थित है, भेल द्वार के पास।

8. भोजेश्वर मंदिर (Bholeshwar Mandir)

Bholeshwar Mandir

भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर भोजपुर गाँव में स्थित भोजेश्वर मन्दिर  (Bholeshwar Mandir), अपनी अद्वितीयता और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। बेतवा नदी के किनारे, विन्ध्य पर्वतमालाओं के बीच बसे इस मन्दिर का निर्माण धार के परमार राजा भोज (1010-1053 ई॰) ने कराया था, जिसके कारण इसे भोजपुर मन्दिर या भोजेश्वर मन्दिर कहा जाता है। मन्दिर में स्थित शिवलिंग की प्रतिष्ठा भी राजा भोज द्वारा ही की गई थी। हालांकि, कुछ लोक कथाओं के अनुसार, यहाँ का मूल मन्दिर पांडवों द्वारा स्थापित माना जाता है। इसे “उत्तर भारत का सोमनाथ” के रूप में भी जाना जाता है, जो इसकी महत्ता और ऐतिहासिकता को और बढ़ा देता है।

  • भोजेश्वर मंदिर में दर्शन का समय निश्चित है और यह समय सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक का है।
  • भोपाल के भोजेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर भोजपुर के पास स्थित है, जो भोपाल शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

9. मनुआभान टेकरी मंदिर (Manuabhan Tekri Mandir)

Manuabhan Tekri Mandir

मनुआभान टेकरी (Manuabhan Tekri Mandir), भोपाल में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जिसका इतिहास 150 साल से भी पुराना है। 550 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह टेकरी श्वेतांबर जैन समाज के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। मान्यता है कि यहां महावीर स्वामी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी, जिसे मंदिर में स्थापित किया गया। पहले इस टेकरी तक पहुंचने का मार्ग कठिन और जर्जर था। मनुआभान, राजा भोज के दरबारी थे, जिन्होंने बाद में सांसारिक जीवन त्यागकर भगवत सिद्धि प्राप्त की और मानतुंगाचार्य कहलाए। उन्हीं के नाम पर इस टेकरी का नाम मनुआभान टेकरी पड़ा।

  • भोपाल का मनुआभान टेकरी मंदिर दर्शन के लिए सुबह 10:00 बजे से रात 07:00 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है
  • भोपाल के मनुआभान टेकरी मंदिर पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। यह मंदिर टेकरी हिल्स पर स्थित है और शहर के मध्य से करीब 10 किलोमीटर दूर है।

10. खेड़ापति हनुमान मंदिर (Khedapati Hanuman Mandir)

Khedapati Hanuman Mandir

मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित 600 साल पुराना श्री सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर (Khedapati Hanuman Mandir) अपनी चमत्कारी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर के सामने से गुजरने वाली ट्रेन की गति स्वतः धीमी हो जाती है। यह अनोखा मंदिर इसलिए भी अद्वितीय है क्योंकि हनुमानजी की प्रतिमा में भगवान श्रीगणेशजी भी विराजित हैं। वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्यागकर इस स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और 24 वर्षों की कठिन तपस्या के बाद सिद्धियां प्राप्त कीं। यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत सिद्ध माना जाता है, और दूर-दूर से श्रद्धालु हनुमानजी के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं।

  • खेड़ापति हनुमान मंदिर में दर्शन का समय निश्चित है और यह समय सुबह 7:00 बजे से रात  9:00 बजे तक का है।
  • खेड़ापति हनुमान मंदिर तक पहुंचने के लिए, आप भोपाल रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो ले सकते हैं। मंदिर, करोंद क्षेत्र में स्थित है, जो भोपाल शहर के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में है।

Conclusion:-10 Famous Temples Of Bhopal

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (भोपाल के प्रसिद्ध मंदिर) 10 Famous Temples of Bhopal यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s

1. भोपाल के 10 प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन से हैं?
Ans: भोपाल के 10 प्रसिद्ध मंदिरों में लक्ष्मी नारायण मंदिर, काली मंदिर, गुफा मंदिर, मनुआभान टेकरी मंदिर, बिरला मंदिर, इस्कॉन मंदिर, करुणाधाम आश्रम, साईं बाबा मंदिर, हनुमान मंदिर और कर्बला मंदिर शामिल हैं।

2. लक्ष्मी नारायण मंदिर का महत्व क्या है?
Ans: लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भोपाल के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को समर्पित है और इसकी वास्तुकला बेहद खूबसूरत है।

3. गुफा मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
Ans: गुफा मंदिर, जिसे मंदिर सिंघनाद गुफा के नाम से भी जाना जाता है, अपनी अद्वितीय संरचना के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है, जिससे यह धार्मिक और प्राकृतिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।

4. इस्कॉन मंदिर में क्या विशेष है?
Ans: इस्कॉन मंदिर, जिसे कृष्ण भक्तों के लिए विशेष रूप से बनाया गया है, भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा का केंद्र है। यहां नियमित रूप से भक्ति संगीत, कीर्तन और सत्संग का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव का हिस्सा बनते हैं।

5. मनुआभान टेकरी मंदिर की विशेषताएं क्या हैं?
Ans: मनुआभान टेकरी मंदिर एक ऊंचे पर्वत पर स्थित है, जहां से पूरे भोपाल का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। यह मंदिर जैन तीर्थंकर भगवान महावीर को समर्पित है और यहां पहुंचने के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है।

6. क्या भोपाल में साईं बाबा मंदिर भी है?
Ans: जी हां, भोपाल में साईं बाबा मंदिर भी है, जो श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां हर गुरुवार को विशेष आरती और भंडारे का आयोजन किया जाता है।

7. भोपाल के मंदिरों में दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
Ans: भोपाल के मंदिरों में दर्शन के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है, जब मौसम सुहावना होता है। इसके अलावा, त्योहारों के दौरान मंदिरों की सजावट और पूजा-अर्चना देखने लायक होती है।

8. क्या भोपाल के मंदिरों में कोई प्रवेश शुल्क है?
Ans: भोपाल के अधिकतर मंदिरों में प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन कुछ मंदिरों में दर्शन के विशेष अवसरों पर मामूली शुल्क लिया जा सकता है।

9. क्या इन मंदिरों में फोटोग्राफी की अनुमति है?
Ans: अधिकतर मंदिरों में फोटोग्राफी की अनुमति होती है, लेकिन कुछ मंदिरों के अंदरूनी हिस्सों में फोटोग्राफी प्रतिबंधित हो सकती है। इसलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले वहां के नियमों का पालन करना चाहिए।

10. भोपाल के मंदिरों तक कैसे पहुंचें?
Ans: भोपाल के मंदिरों तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन, जैसे ऑटो-रिक्शा, टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं। इसके अलावा, आप निजी वाहन का भी उपयोग कर सकते हैं। भोपाल का राजाभोज हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन देश के विभिन्न हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।