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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी कब है?, क्या है इसकी पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, और इसका महत्व? 

Rama Ekadashi 2024
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रमा एकादशी कब है तिथि,शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजन सामग्री और महत्व (Rama Ekadashi 2024): हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) की आराधना और पूजा का अवसर है, जो हमें अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्रदान करता है। रमा एकादशी का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी अवसर है। इस दिन, भगवान विष्णु की पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है, और हमारे पापों का नाश होता है। 

वर्ष 2024 में, रमा एकादशी एक विशेष दिन होगा जब भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर होगा। इस दिन, भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है,Rama Ekadashi 2024 और हमारे जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति होती है। लेकिन रमा एकादशी की पूजन विधि और महत्व क्या है? कौन-कौन सी सामग्री इस दिन प्रयोग में आती है? और इसका शुभ मुहूर्त क्या है? इन सभी सवालों के जवाब इस लेख में मिलेंगे। रमा एकादशी का महत्व पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है। इस दिन, भगवान विष्णु की पूजा करने से हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति आती है, और हमारे पापों का नाश होता है।

यह लेख आपको रमा एकादशी के महत्व को समझने और इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करेगा। तो आइए, रमा एकादशी से संबंधित इस विशेष लेख को अंत तक पढ़ें…

रमा एकादशी क्या है? (Rama Ekadashi kya Hai)

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी (Rama Ekadashi) के नाम से जाना जाता है, जो मां लक्ष्मी के नाम पर प्रसिद्ध है, क्योंकि लक्ष्मी जी का नाम रमा भी है। कार्तिक महीना भगवान विष्णु के लिए अत्यंत प्रिय माना जाता है और यह एकादशी दिवाली के ठीक पहले आती है। इस पवित्र दिन का व्रत रखने से भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह एकादशी हर साल भक्तों को समृद्धि और ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्रदान करती है।

रमा एकादशी कब है? (Rama Ekadashi kab Hai)

रमा एकादशी 27 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी। यह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। एकादशी व्रत रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

रमा एकादशी व्रत का महत्व क्या है? (Rama Ekadashi Vrat ka Mahatva kya Hai)

रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट होता है:

  • भगवान विष्णु का प्रिय व्रत: रमा एकादशी को भगवान विष्णु के सभी व्रतों में सबसे प्रिय माना जाता है। पद्म पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत का पालन करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस व्रत को पूरे मन से मनाना वाजपेयी यज्ञ करने के समान फलदायी माना जाता है।
  • सर्वोत्तम एकादशी: रमा एकादशी (Rama Ekadashi) को रंभा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है और इसे सभी एकादशियों में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दीपावली से चार दिन पहले आती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार एकादशी व्रत सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है।
  • मुक्ति का मार्ग: राजा मुचुकुंद और उनकी पुत्री चंद्रभागा की कथा रमा एकादशी के महत्व को दर्शाती है। यह कथा सिखाती है कि हर कर्म का एक परिणाम होता है और सच्चे मन से व्रत का पालन करने से मोक्ष और सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।

रमा एकादशी पूजन विधि (Rama Ekadashi Puja Vidhi)

रमा एकादशी की पूजन सामग्री कुछ इस प्रकार है: 

  • स्नान और वस्त्र चयन: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के कपड़े पहनें। पीला रंग व्रत और पूजा की शुभता का प्रतीक है, जो आपके मन को शुद्ध और पवित्र बनाता है।
  • संकल्प और स्थापना: हाथ में जल लेकर रमा एकादशी व्रत और भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा का संकल्प लें। इसके बाद, शुभ मुहूर्त में भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को एक पवित्र स्थान पर स्थापित करें। यह पूजा के लिए एक आदर्श प्रारंभिक कदम है।
  • पूजा सामग्री की अर्पण: भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) को अक्षत् (चिंरोटे हुए चावल), पीले फूल, धूप, दीप, गंध, हल्दी, तुलसी के पत्ते, और पंचामृत अर्पित करें। ये सभी सामग्री पूजा की पवित्रता और समर्पण को दर्शाते हैं।
  • भोग अर्पण: श्रीहरि को गुड़, चने की दाल, और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। यह भोग भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए अर्पित किया जाता है और पूजा के महत्त्व को बढ़ाता है।
  • मंत्र उच्चारण: पूजा के दौरान, सभी सामग्री अर्पित करते समय “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का उच्चारण करें। यह मंत्र पूजा की शक्ति को बढ़ाता है और भगवान विष्णु की कृपा को आकर्षित करता है।

रमा एकादशी व्रत पूजन सामग्री (Rama Ekadashi Vrat Pujan Samagri)

रमा एकादशी व्रत के लिए 21 पूजन सामग्री की सूची इस प्रकार है:

श्री विष्णु जी की मूर्ति या चित्र
गंगाजल
तुलसी के पत्ते
चंदन
कुमकुम या सिंदूर
फूल – गुलाब, कमल, चमेली
अक्षत (साबुत चावल)
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण)
पान, सुपारी, लौंग, इलायची
मिष्ठान या मिठाई
फल जैसे केला, सेब
नारियल
दीपक और घी
धूपबत्ती
कपूर
आरती की थाली
पुष्पमाला
रोली या अबीर
कलश
पीले वस्त्र
दक्षिणा (भेंट)

रमा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Rama Ekadashi ka Shubh Muhurat)

रमा एकादशी के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है: 

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक है। गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक और निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक है।

विजय मुहूर्तदोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्तशाम 05 बजकर 39 मिनट से 06 बजकर 05 मिनट तक
निशिता मुहूर्तरात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

Conclusion:-Rama Ekadashi 2024

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (रमा एकादशी 2024) Rama Ekadashi 2024 यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद 

FAQ’s:-Rama Ekadashi 2024

1. रमा एकादशी 2024 कब है?
रमा एकादशी 2024 में 1 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को आता है और इसे करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

2. रमा एकादशी का क्या महत्व है?
रमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। इसे करने से धन, सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्ति होती है।

3. रमा एकादशी व्रत कैसे करना चाहिए?
रमा एकादशी का व्रत निर्जल या फलाहार करके किया जा सकता है। इस दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और दिनभर भजन, कीर्तन एवं ध्यान में समय बिताना चाहिए। रात को जागरण का भी महत्व है और अगले दिन द्वादशी के दिन व्रत का पारण किया जाता है।

4. क्या रमा एकादशी व्रत के कुछ विशेष नियम हैं?
हां, रमा एकादशी व्रत के दौरान लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन से बचना चाहिए। व्रतधारी को क्रोध, झूठ और बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए।

5. रमा एकादशी की कथा क्या है?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रमा एकादशी की कथा राजा मुचुकुन्द से जुड़ी है। उनके राज्य में ललित नाम का एक व्यक्ति था जिसने अपने पापों के कारण पत्नी के श्राप से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत को किया। व्रत के प्रभाव से उसे श्राप से मुक्ति मिली और भगवान विष्णु ने उसे आशीर्वाद दिया।

6. क्या रमा एकादशी व्रत के दिन दान करना जरूरी है?
रमा एकादशी के दिन व्रत के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। अन्न, वस्त्र और धन का दान करना उत्तम माना जाता है।