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Chandra Darshan: अमावस्या के बाद करें चंद्र दर्शन, मिलेंगे चमत्कारी लाभ, और घर में आएगी खुशहाली 

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Chandra Darshan: हिंदू धर्म में त्योहारों और उत्सवों का विशेष महत्व है। प्रत्येक महीने में कोई न कोई पर्व या त्योहार अवश्य मनाया जाता है। इन्हीं महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है – चंद्र दर्शन । यह पर्व प्रत्येक महीने की अमावस्या के बाद आता है। हिंदुओं की मान्यता है कि अमावस्या के दिन चंद्रमा नहीं दिखता, अतः अमावस्या के बाद चंद्रमा के दर्शन का विशेष महत्व है।

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) को हिंदू धर्म में सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव की पूजा और दर्शन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, इस दिन किए गए उपवास और दान-पुण्य का विशेष फल मिलता है।  चंद्र देव को हिंदू धर्म में ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है। उपनिषदों में चंद्रमा को आत्मा का प्रतीक बताया गया है। दर्शन शास्त्र में भी चंद्र देव के महत्व का वर्णन मिलता है। अतः चंद्र दर्शन को आध्यात्मिक और दार्शनिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस लेख में हम चंद्र दर्शन के धार्मिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। साथ ही इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इसके लाभों के बारे में भी जानकारी देंगे। 

तो आइए जानते हैं कि क्यों है चंद्र दर्शन इतना खास और कैसे करें इस पावन अवसर का सद्उपयोग…

Table Of Content 

S.NOप्रश्न 
1चंद्र दर्शन कब है?
2चंद्र दर्शन क्या है?
3चंद्र दर्शन का महत्व
4चंद्र दर्शन के फायदे
5चंद्र दर्शन व्रत नियम
6चंद्र दर्शन व्रत कथा
7चंद्र दर्शन व्रत कथा पीडीएफ
8चंद्र दर्शन पारण समय

चंद्र दर्शन कब है? (Chandra Darshan Kab Hai)

2024 के वर्ष में, चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) का उत्सव 7 जून, शुक्रवार (Friday)  को मनाया जाएगा। यह परंपरा हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व रखती है, जिसमें अमावस्या (Amavasya) के बाद चंद्रमा के पुनः दर्शन की परंपरा को मनाया जाता है। चंद्र दर्शन का समय सूर्यास्त के तुरंत बाद सबसे उपयुक्त माना जाता है।

चंद्र दर्शन क्या है? (What is Chandra Darshan)

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan), या चंद्रायण, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अवसर है जब अमावस्या (Amavasya) के बाद नवचंद्र दिखाई देता है। भारत (India) में इस दिन को बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि चंद्र देव की पूजा करने से सुख, समृद्धि और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महिलाएं अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। पूजा में चंद्र मंत्र का जाप किया जाता है और चंद्र को अर्घ्य दिया जाता है। दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन से तीनों दोषों का संतुलन होता है जिससे स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

चंद्र दर्शन का महत्व? (Chandra Darshan Significance)

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसका विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। इसके दो प्रमुख महत्व इस प्रकार हैं:

  • आध्यात्मिक पवित्रता और मानसिक शांति: चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह व्यक्ति के मन को शुद्ध करता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, चंद्र देव को ज्ञान, पवित्रता और अच्छे इरादों का प्रतीक माना जाता है। चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा की पूजा और विशेष मंत्रों का जाप करने से मन के सभी नकारात्मक विचारों और बुरे इरादों को दूर करने में मदद मिलती है। साथ ही यह आध्यात्मिक विकास के लिए भी लाभकारी होता है। इस दिन गंगा के तट पर ध्यान करना और पूर्णिमा का अभ्यास करना भी आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  • स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति: चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है। ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार चंद्रमा सभी नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है और इसका मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। चंद्र दर्शन के दिन व्रत रखने से शरीर में काप, पित्त और वात के तत्वों का संतुलन बनता है जो सभी रोगों को दूर करने और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है। इसके अलावा, इस दिन चंद्र देव की पूजा करने और सभी अनुष्ठानों का पालन करने से व्यक्ति को अनंत सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

चंद्र दर्शन के फायदे (Chandra Darshan Benefits)

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो अमावस्या (Amavasya) के बाद चंद्रमा को पहली बार देखने पर किया जाता है। इसे बहुत शुभ माना जाता है और इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है।

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) करने से कई लाभ माने जाते हैं। इससे मन को शांति मिलती है और भावनात्मक संतुलन बना रहता है। चंद्र देव की कृपा से व्यक्ति की मनोदशा सकारात्मक होती है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और समृद्धि आती है। हिंदू ज्योतिष में चंद्रमा को एक ग्रह माना जाता है जिसका जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिनकी कुंडली में चंद्र की स्थिति अनुकूल नहीं है, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चंद्र दर्शन के दिन पूजा-अर्चना करने से इन नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

चंद्र दर्शन व्रत नियम (Chandra Darshan Fasting Rules)

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) के महत्वपूर्ण नियम इस प्रकार हैं:

  • सही समय पर चंद्र दर्शन करना: चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) के लिए सबसे उपयुक्त समय अमावस्या के अगले दिन सूर्यास्त के तुरंत बाद का होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस समय चंद्रमा को देखने से सभी प्रकार के शुभ फल और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। 
  • चंद्र देव की पूजा करना: चंद्र दर्शन के दिन शाम के समय चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। इसमें चंद्र देव को अर्घ्य, रोली, तिलक, फूल और अन्य भेंट अर्पित की जाती है। पूजा के दौरान “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात्” मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • दान-पुण्य करना: चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) के दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य वस्तुएं दान करना अत्यंत पुण्य का काम माना जाता है। 

चंद्र दर्शन व्रत कथा (Chandra Darshan Vrat Katha)

चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) की पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है-

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) अपनी मूषक की सवारी के साथ भ्रमण कर रहे थे, मूषक की अतरंगी चाल ढाल के चलते भगवान गणेश जमीन पर गिर पड़े। 

हालांकि यह एक मामूली घटना थी लेकिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) को इस तरह से गिरते हुए देख चंद्रमा को हंसी आ गई चंद्रमा की इस हंसी पर भगवान गणेश अत्यधिक क्रोधित हो पड़े। क्रोध में भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दे दिया मैं और श्राप देते हुए भगवान गणेश ने कहा कि ‘आज के बाद तुम्हें कोई भी व्यक्ति देखना पसंद नहीं करेगा और तुम अपनी इस चमक- दमक को ही खो बैठोगे’ साथ ही भगवान गणेश ने यह भी कहा कि ‘अगर किसी ने तुम्हें देखा भी तो वह व्यक्ति कलंकित हो जाएगा और झूठे आरोपों में भी फंस जाएगा’। चंद्रमा भगवान गणेश के दिए श्राप से अत्यन्त दुखी हो गए और सभी देवताओं से माफ़ी मांगते हुए गुहार लगाई। चंद्रमा के आवाहन के बाद सभी देवताओं ने भगवान गणेश की पूजा कर चंद्र देव को दिए श्राप को वापस लेने का आग्रह किया। सभी देवताओं के आग्रह पर भगवान गणेश ने कहा, ‘मैं अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकता, लेकिन इसमें कुछ बदलाव कर सकता हूं। बदलाव करते हुए भगवान गणेश ने कहा कि इस श्राप को सिर्फ एक दिन के लिए ही मान्य होगा’ और यह दिन गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है इस दिन हम भगवान गणेश जी की पूजा करते हैं और उनके लिए विशेष आयोजन भी रखते हैं। 

इसीलिए गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ मानागया है। लेकिन अमावस्या के बाद नव चंद्रमा के दर्शन करना काफी अच्छा माना जाता है।

चंद्र दर्शन व्रत कथा पीडीएफ (Chandra Darshan Vrat Katha PDF)

अमावस्या (Amavasya) के बाद चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) करना अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इस विशेष लेख के जरिए हम आपसे चंद्र दर्शन व्रत की पावन कथा पीडीएफ (PDF) के जरिए साझा कर रहे हैं, तो इस पीडीएफ (PDF) को डाउनलोड (Download) करके चंद्र दर्शन की व्रत कथा कभी भी पढ़ सकते हैं।

चंद्र दर्शन पारण समय (Chandra Darshan Parana Time)

7 जून 2024 को चंद्र दर्शन का पारण समय सूर्यास्त के बाद चंद्रमा के दर्शन के तुरंत बाद होता है। इस दिन व्रत रखने वाले भक्त चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अपना व्रत खोलते हैं। 7 जून को चंद्रमा दर्शन के लिए शुभ समय सूर्यास्त के ठीक बाद है, जो लगभग 7:35 PM के आसपास है।

Conclusion:-

चंद्र दर्शन, धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ, एक सांस्कृतिक परंपरा भी है। यह त्योहार परिवार और दोस्तों को एक साथ लाता है, और खुशी और उत्सव का माहौल बनाता है।  चंद्र दर्शन के पावन त्यौहार से संबंधित हमारा यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया ऐसे ही और भी शानदार लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें

FAQ’S 

Q. चंद्र दर्शन क्या है?

Ans. चंद्र दर्शन एक हिंदू परंपरा है जिसमें अमावस्या के बाद चंद्र की पूजा की जाती है। इसे बड़े धार्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है।

Q. 2024 में चंद्र दर्शन का त्योहार कब मनाया जाएगा?

Ans. चंद्र दर्शन का त्योहार 2024 में 7 जून को मनाया जाएगा।

Q. चंद्र दर्शन का धार्मिक महत्व क्या है?

Ans. हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का बड़ा महत्व है। इस दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है और इसे शुभ माना जाता है।

Q. चंद्र दर्शन का सबसे अनुकूल समय क्या है?

Ans. चंद्र दर्शन का सबसे अनुकूल समय सूर्यास्त के तुरंत बाद माना जाता है।

Q. चंद्र दर्शन के दिन क्या किया जाता है?

Ans. चंद्र दर्शन के दिन भक्त चंद्र देव की पूजा करते हैं, और विशेष प्रार्थनाएं करते हैं।

Q. चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा को देखने का क्या महत्व है?

Ans. चंद्र दर्शन के दिन चंद्रमा को देखना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और खुशियाँ लाने का संकेत माना जाता है।