फरवरी कैलेंडर 2025 (February Calendar 2025): फ़रवरी 2025 में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार आने वाले हैं, जो हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इन त्यौहारों में बसंत पंचमी, जया एकादशी, विश्वकर्मा जयंती, महाशिवरात्रि, और स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती शामिल हैं।
ये त्यौहार न केवल हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं, बल्कि हमें आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की प्राप्ति भी कराते हैं। इन त्यौहारों के महत्व और उनके पीछे की कहानियों को जानने से हमें अपनी जड़ों को समझने और अपनी संस्कृति को समृद्ध बनाने में मदद मिलती है। ये त्यौहार हमें अपने पूर्वजों की परंपराओं और मूल्यों को समझने का अवसर प्रदान करते हैं। साथ ही, ये त्यौहार हमें अपने समाज और परिवार के साथ जुड़ने का अवसर भी प्रदान करते हैं। इस लेख में, हम आपको फ़रवरी 2025 में आने वाले विशेष व्रत और त्यौहारों की एक पूरी लिस्ट प्रदान करेंगे, साथ ही हम आपको इन त्यौहारों के महत्व, उनके पीछे की कहानियों, और उनके आयोजन के तरीकों के बारे में भी बताएंगे।
इस विशेष लेख के जरिए हम आपको बताएंगे कि कौन सा त्यौहार किस तारीख को आएगा, और कैसे आप इन त्यौहारों को अपने घर और परिवार के साथ मना सकते हैं….
तारीख | दिन | त्यौहार |
01-02-2025 | शनिवार | गणेश जयंती चतुर्थी व्रत |
02-02-2025 | रविवार | बसंत पंचमी |
03-02-2025 | सोमवार | सोमवार व्रत षष्ठी |
04-02-2025 | मंगलवार | रथ सप्तमी |
05-02-2025 | बुधवार | बुध अष्टमी व्रत भीष्म अष्टमी |
06-02-2025 | गुरुवार | महानंदा नवमी |
07-02-2025 | शुक्रवार | रोहिणी व्रत |
08-02-2025 | शनिवार | जया एकादशी |
10-02-2025 | सोमवार | विश्वकर्मा जयंती प्रदोष व्रत |
12-02-2025 | बुधवार | कुंभ संक्रांति, गुरु रविदास जयंती |
14-02-2025 | शुक्रवार | वैलेंटाइन्स दिवस |
16-02-2025 | रविवार | संकष्टी चतुर्थी |
20-02-2025 | गुरुवार | कालाष्टमी |
22-02-2025 | शनिवार | श्री रामदास नवमी |
23-02-2025 | रविवार | स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती |
25-02-2025 | मंगलवार | महाशिवरात्रि |
26-02-2025 | बुधवार | भौम प्रदोष व्रत |
27-02-2025 | गुरुवार | अमावस्या |
28-02-2025 | शुक्रवार | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस |
हिन्दू कैलेंडर फरवरी, 2025 | February 2025 Hindu Calendar
ऊपर हम आपको फरवरी महीने के सभी त्योहारों की लिस्ट इमेज के माध्यम से प्राप्त करा रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि कौनसा त्यौहार किस तारीख को है और उसका शुभ मुहूर्त क्या है। आप इस इमेज को डाउनलोड कर सकते है और अपने मित्रो को शेयर कर सकते हैं।
बसंत पंचमी | Basant Panchami
बसंत पंचमी का दिन ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए समर्पित है। इसी दिन से बसंत ऋतु, जिसे सभी ऋतुओं का राजा कहा जाता है, का शुभ आगमन होता है। बसंत पंचमी से होली के पर्व की शुरुआत भी मानी जाती है, क्योंकि यह त्योहार होली से ठीक 40 दिन पहले आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस पावन दिन पर मां सरस्वती का जन्म हुआ था। वर्ष 2025 में यह शुभ पर्व 2 फरवरी, रविवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक – 2 फरवरी 2025
- दिन – रविवार
- प्रारंभ तिथि – 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट से
- समापन तिथि – 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक।
रथ सप्तमी | Ratha Saptami
रथ सप्तमी, जो भगवान सूर्य को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है, सूर्य जयंती के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता के प्रतीकात्मक रथ को, जिसे सात घोड़े खींचते हैं, विशेष पूजा और विधि-विधान के साथ घुमाया जाता है। आगामी वर्ष 2025 में, रथ सप्तमी का यह शुभ अवसर 4 फरवरी को पड़ेगा, जब श्रद्धालु सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने हेतु विशेष अनुष्ठानों का पालन करेंगे।
- दिनांक – 4 फरवरी 2025
- दिन – मंगलवार
महानंदा नवमी | Mahananda Navami
महानंदा नवमी एक पवित्र व्रत है जो मां लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन-धान्य की स्थिरता आती है और दरिद्रता का नाश होता है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पालन करने से जीवन के कष्ट दूर हो जाते हैं और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस पावन तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने से अद्भुत पुण्य की प्राप्ति होती है। वर्ष 2025 में, यह शुभ दिन 6 फरवरी को मनाया जाएगा।
- दिनांक – 6 फरवरी 2025
- दिन – गुरुवार
भीष्म अष्टमी | Bhishma Ashtami
भीष्म अष्टमी का व्रत धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महाभारत के महानायक भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्यागे थे। इस पावन दिन को भीष्म पितामह की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। भीष्म अष्टमी सूर्य के उत्तरायण काल से जुड़ी है, क्योंकि इसी समय भीष्म ने अपनी इच्छामृत्यु का वरदान पूरा किया था। महाभारत में उनकी मृत्यु से जुड़ी एक कथा यह भी सिखाती है कि जीवन में की गई एक भूल कितनी गहरी छाप छोड़ सकती है। वर्ष 2025 में, यह विशेष तिथि 5 फरवरी को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जाएगी।
- दिनांक – 5 फरवरी 2025
- दिन – बुधवार
रोहिणी व्रत | Rohini Vrat
जैन धर्म में रोहिणी व्रत का विशेष महत्व है, जो महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यह व्रत न केवल जीवन में सुख-समृद्धि लाता है, बल्कि धन-संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होता है। जैन मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और सही विधि-विधान के साथ इस व्रत का पालन करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट और पीड़ाएं समाप्त हो सकती हैं। फरवरी माह में रोहिणी व्रत का पावन दिन 7 तारीख को मनाया जाएगा।
- दिनांक – 7 फरवरी 2025
- दिन – शुक्रवार
जया एकादशी | Jaya Ekadashi
जया एकादशी का व्रत माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को विशेष रूप से रखा जाता है। इस पावन व्रत का पालन करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। जया एकादशी के दिन कथा का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि का विस्तार होता है और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। वर्ष 2025 में, यह शुभ अवसर 8 फरवरी को भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक – 8 फरवरी 2025
- दिन – शनिवार
- प्रारंभ तिथि – रात्रि 09:26 बजे से
- समापन तिथि – 8 फरवरी 2025 को रात्रि 08:15 बजे तक।
संत रविदास जयंती | Sant Ravidas Jayanti
संत रविदास जयंती भारत के महान संत और समाज सुधारक गुरु रविदास जी की जयंती के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। यह पावन पर्व हर वर्ष माघ माह की पूर्णिमा को आता है और रैदास पंथ धर्म का मुख्य आयोजन बनता है। इस दिन अमृतवाणी गुरु रविदास जी का पाठ किया जाता है और उनके चित्र के साथ भव्य संगीत कीर्तन जुलूस नगर में निकाला जाता है। वर्ष 2025 में, गुरु रविदास जयंती 12 फरवरी को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाएगी।
- दिनांक – 12 फरवरी 2025
- दिन – बुधवार
संकष्टी चतुर्थी | Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी, जिसे संकटहर चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र दिन है। यह चंद्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यदि यह चतुर्थी मंगलवार को पड़े, तो इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी या अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है, जो विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना से सभी कष्ट और विघ्न दूर होते हैं। फरवरी माह में, यह पावन तिथि 16 फरवरी को मनाई जाएगी।
- दिनांक – 16 फरवरी 2025
- दिन – रविवार
श्री रामदास नवमी | Shri Ramdas Navami
श्री रामदास नवमी, संत रामदास स्वामी के समाधि दिवस के रूप में श्रद्धा और भक्ति से मनाई जाती है। यह पवित्र तिथि फाल्गुन महीने की कृष्ण नवमी को आती है और इसे ‘दास नवमी’ के नाम से भी जाना जाता है। संत रामदास स्वामी का जन्म महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के जांब गांव में हुआ था, और उनका असली नाम नारायण सूर्याजीपंत कुलकर्णी (ठोसर) था। बचपन में ही प्रभु रामचंद्र जी के दर्शन प्राप्त कर, उन्होंने अपना नाम रामदास रख लिया था। वर्ष 2025 में, यह विशेष दिन 22 फरवरी को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक – 22 फरवरी 2025
- दिन – शनिवार
महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती | Maharishi Dayanand Saraswati Jayanthi
महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती हर साल श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाती है। यह विशेष दिन उनके महान योगदानों को याद करते हुए मनाया जाता है। महर्षि दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था। उनका असली नाम मूल शंकर तिवारी था। वे एक महान समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक थे, जिन्होंने भारतीय समाज में शिक्षा, समानता और धार्मिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए। वर्ष 2025 में महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती 23 फरवरी को मनाई जाएगी।
- दिनांक – 23 फरवरी 2025
- दिन – रविवार
महाशिवरात्रि | Mahashivratri
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि केवल भगवान शिव की आराधना का दिन नहीं, बल्कि शिव और माता पार्वती के मिलन का भी पावन अवसर है। फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव ने वैराग्य त्यागकर गृहस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाया था और माता पार्वती से विवाह किया था। इस कारण महाशिवरात्रि हर साल शिव और गौरी के विवाहोत्सव के रूप में मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह दिव्य पर्व 25 फरवरी को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा।
- दिनांक – 25 फरवरी 2025
- दिन – मंगलवार
भौम प्रदोष व्रत | Bhauma Pradosh Vrat
भौम प्रदोष व्रत, जो विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, लेकिन जब यह त्रयोदशी मंगलवार को पड़ती है, तो इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है। ‘भौम’ का अर्थ है मंगल और ‘प्रदोष’ का अर्थ है त्रयोदशी। यह व्रत भगवान शिव की पूजा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए खास होता है। वर्ष 2025 में, यह पावन व्रत 26 फरवरी, मंगलवार को मनाया जाएगा।
- दिनांक – 26 फरवरी 2025
- दिन – बुधवार
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस | National Science Day
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है, जो ‘रमन प्रभाव’ की खोज की याद दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य विज्ञान के योगदान को उजागर करना और यह समझाना है कि कैसे विज्ञान हमारे जीवन को बेहतर बना सकता है। यह दिवस लोगों में विज्ञान की अहमियत के प्रति जागरूकता फैलाने का एक अहम अवसर है, ताकि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और विचारधारा को बढ़ावा दिया जा सके।
- दिनांक – 28 फरवरी 2025
- दिन – शुक्रवार
Conclusion
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया (फ़रवरी 2025 के व्रत एवं त्यौहार) यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में किसी तरह का सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर दर्ज करें, हम जल्द से जल्द जवाब देने का प्रयास करेंगे। बाकि ऐसे ही रोमांचक लेख के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर दोबारा विज़िट करें, धन्यवाद
FAQ’s
Q. बसंत पंचमी का त्योहार किस देवी की पूजा के लिए समर्पित है?
Ans: बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है, जो ज्ञान और संगीत की देवी मानी जाती हैं।
Q. रथ सप्तमी का पर्व किस भगवान को समर्पित होता है?
Ans: रथ सप्तमी भगवान सूर्य को समर्पित होता है और इसे सूर्य जयंती भी कहा जाता है।
Q. महानंदा नवमी पर किसकी पूजा की जाती है?
Ans: महानंदा नवमी पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, जिससे घर में धन-धान्य की स्थिरता आती है।
Q. भीष्म अष्टमी कब मनाई जाती है और किसे समर्पित है?
Ans: भीष्म अष्टमी माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है और इसे भीष्म पितामह की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है।
Q. रोहिणी व्रत का महत्व किस धर्म में है?
Ans: रोहिणी व्रत का विशेष महत्व जैन धर्म में है, और यह महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
Q. जया एकादशी किस दिन मनाई जाती है?
Ans: जया एकादशी माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है, जिससे पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।