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Maha Mrityunjaya Mantra: महामृत्युंजय मंत्र जप से मिलेगा भगवान शिव से दीर्घायु का वरदान! जानिए जप के नियम, विधि व फायदे 

Maha Mrityunjaya Mantra
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महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम,विधि,फायदे (Maha Mrityunjaya Mantra): महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) – एक ऐसा मंत्र जिसमें अपार शक्ति समाहित है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जो मृत्यु के देवता और संहारक हैं। प्राचीन काल से ही इस मंत्र का जाप करने से लोग मृत्यु जैसी अनिष्ट घटनाओं से मुक्ति पाते आए हैं। महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) न सिर्फ मृत्यु से रक्षा करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार भी करता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे करें? क्या आप इस मंत्र के अद्भुत लाभों से परिचित होना चाहते हैं? क्या आप समझना चाहते हैं कि इस मंत्र को कब और कैसे जपना चाहिए? यदि हां, तो यह लेख आपके लिए ही है।

इस लेख में हम महामृत्युंजय मंत्र के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे…

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Table Of Content :-Maha Mrityunjaya Mantra

S.NOप्रश्न
1महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम
2महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है?
3महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
4महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि
5महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि pdf
6महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे
7सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे
8महामृत्युंजय मंत्र की लिरिक्स
9महामृत्युंजय मंत्र इन हिंदी pdf

महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम (Rules For Chanting The Mahamrityunjaya Mantra)

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महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) जाप करने के 3 प्रमुख नियम इस प्रकार हैं:

  • मंत्र का जाप संख्या: महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का जाप 108 बार करना चाहिए ताकि अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके। जाप करते समय रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना उचित माना जाता है। हालांकि, ध्यान रहे कि दोपहर 12 बजे के बाद मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। जाप पूरा करने के बाद हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • लघु महामृत्युंजय मंत्र का जाप: लघु महामृत्युंजय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का एक छोटा संस्करण है जिसे भगवान शिव (Lord Shiva) की सुरक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। सावन के महीने में लघु महामृत्युंजय मंत्र का 11 लाख बार जाप करने की सलाह दी जाती है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • मंत्र जाप का समय और विधि: महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का जाप संकट, दुर्घटना, असामयिक मृत्यु, गंभीर बीमारी, आर्थिक नुकसान, संपत्ति विवाद, कानूनी मुद्दों के समय और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा पाने के लिए किया जाता है। मंत्र का जाप इन चुनौतियों को दूर करने और शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करने में सहायक होता है। मंत्र का उच्चारण भक्ति और एकाग्रता के साथ करने से गहन आध्यात्मिक परिवर्तन लाया जा सकता है और मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध किया जा सकता है।

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महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब करना चाहिए? (When Should The Mahamrityunjaya Mantra Be Chanted)

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महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का जाप विशेष रूप से प्रातःकाल या संध्या के समय किया जाता है, जब वातावरण शुद्ध और शांति में होता है। इन समयों में मंत्र का प्रभाव अधिक होता है और मन भी एकाग्र रहता है। इसके अलावा, किसी विशेष पूजा, हवन या धार्मिक अनुष्ठान के समय भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है। संकट या बीमारी के समय, महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह मंत्र शरीर, मन और आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। सोमवार को, जो कि भगवान शिव (Lord Shiva) का दिन है, इस मंत्र का जाप विशेष फलदायी माना जाता है। इस मंत्र का निरंतर जाप आत्मिक शांति और आरोग्य प्रदान करता है।

महामृत्युंजय जाप कितने दिन का होता है? (For How Many Days Does Mahamrityunjaya Chanting Last)

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महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का जाप किसी विशेष अवधि के लिए किया जा सकता है, जैसे 11, 21, 51, या 108 दिनों तक, यह साधक की श्रद्धा और आवश्यकता पर निर्भर करता है। आमतौर पर, किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए 21 या 40 दिन का अनुष्ठान किया जाता है। इन दिनों में साधक प्रतिदिन निश्चित संख्या में मंत्र का जाप करता है, जैसे 108 बार या 1008 बार। यदि विशेष बीमारी, संकट, या बाधाओं से मुक्ति के लिए जाप किया जा रहा हो, तो इसे अधिक दिनों तक जारी रखा जा सकता है। नियमित जाप आत्मिक शांति और मानसिक शक्ति प्रदान करता है। प्रत्येक दिन का जाप विधिपूर्वक और एकाग्रता के साथ किया जाना चाहिए, ताकि मंत्र का पूर्ण प्रभाव प्राप्त हो सके।

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि (Method Of Chanting Mahamrityunjaya Mantra)

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महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) की जाप विधि में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  • स्नान और शुद्धता: स्वच्छ स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।
  • स्थान और दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके शांत और पवित्र स्थान पर बैठें।
  • पूजा सामग्री: भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं और फूल, जल, और धूप अर्पित करें।
  • मंत्र जाप: रुद्राक्ष माला का उपयोग करते हुए 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। मंत्र उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध हो।
  • एकाग्रता: मंत्र जाप के दौरान एकाग्र रहें और भगवान शिव का ध्यान करें।
  • समाप्ति: जाप के बाद भगवान शिव की आरती करें और उन्हें प्रसाद अर्पित करें। स्वयं और परिवार की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें।

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि PDF (Mahamrityunjaya Mantra Chanting Method PDF)

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महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) जाप विधि हम आपसे इस पीडीएफ (PDF) के जरिए साझा कर रहे हैं, इस पीडीएफ को डाउनलोड (Download) करने के बाद आप महामृत्युंजय मंत्र के जब की विधि को सरलता पूर्वक पढ़ सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि PDF Download

महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे (Mahamrityunjaya Mantra Ke Fayde)

महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) जाप करने के अनेक लाभ होते हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर लाभ प्रदान करते हैं। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे मृत्यु पर विजय पाने वाला मंत्र कहा जाता है।

  • शारीरिक लाभ: यह मंत्र जाप शरीर के रोगों को दूर करने में सहायक होता है। नियमित जाप से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। यह मंत्र तनाव और चिंता को कम कर मानसिक शांति प्रदान करता है।
  • मानसिक लाभ: मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है। जाप करने से मन स्थिर और शांत होता है, जिससे जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है। 
  • आध्यात्मिक लाभ: महामृत्युंजय मंत्र आत्मा को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर करता है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। जाप के दौरान ध्यान करने से आत्मिक शांति और मुक्ति का अनुभव होता है।

सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे (Benefits Of Chanting 1.25 Lakh Mahamrityunjaya Mantras)

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सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) जाप करने के अनेक लाभ होते हैं। यह जाप व्यक्ति को गंभीर बीमारियों और जीवन की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इस विशेष अनुष्ठान से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। यह मंत्र मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, यह जाप आत्मा की शुद्धि करता है और भगवान शिव (Lord Shiva) की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन माना जाता है। नियमित जाप से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे दैवीय शक्ति का अनुभव होता है। 

महामृत्युंजय मंत्र की लिरिक्स (Maha Mrityunjaya Mantra Lyrics)

  • “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥”

Conclusion:-Maha Mrityunjaya Mantra

महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) का जप करना हर व्यक्ति के लिए लाभदायक है और इसे दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। महामृत्युंजय मंत्र से संबंधित यह बेहद महत्वपूर्ण लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध ऐसे ही और भी धार्मिक लेख जरूर पढ़िए साथ ही साथ हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोजाना विजिट करिए।

FAQ’s:-Maha Mrityunjaya Mantra

Q. महामृत्युंजय मंत्र का क्या महत्व है?

उत्तर: महामृत्युंजय मंत्र को जीवन में शांति, स्वास्थ्य, और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंत्र शिवजी की स्तुति के रूप में जाना जाता है और इसे जपने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शांति प्राप्त होती है।

Q. महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण कैसे किया जाना चाहिए?

Ans. महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट ध्वनि में करना चाहिए। इसे बैठकर, ध्यानपूर्वक और निरंतर जपना चाहिए। इस मंत्र का जाप प्रातःकाल या संध्याकाल में किया जाना सबसे शुभ माना जाता है।

Q. महामृत्युंजय मंत्र जपने के क्या नियम हैं?

Ans. इस मंत्र का जप करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मंत्र का जाप एकांत और शांत वातावरण में किया जाना चाहिए। जाप से पूर्व शिवजी की पूजा और ध्यान करना लाभकारी होता है।

Q. महामृत्युंजय मंत्र के जप से क्या लाभ होते हैं?

Ans. महामृत्युंजय मंत्र के जप से मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य, और दीर्घायु प्राप्त होती है। यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।

Q. महामृत्युंजय मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

Ans. इस मंत्र का जाप प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व और संध्याकाल में सूर्यास्त के समय करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, किसी विशेष रोग या संकट के समय भी इस मंत्र का जाप लाभकारी होता है।

Q. महामृत्युंजय मंत्र की कितनी माला जपनी चाहिए?

Ans. सामान्यतः महामृत्युंजय मंत्र की एक माला (108 मंत्र) जपनी चाहिए। विशेष अवसरों पर या किसी विशेष समस्या के समाधान के लिए तीन या अधिक मालाओं का जप करना लाभकारी होता है।