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Famous Temples Of Bikaner: देश ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं बीकानेर के यह 11 मंदिर, जानिए इन सभी मंदिरों के बारे में

Famous Temples Of Bikaner
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Famous Temples Of Bikaner: बीकानेर, राजस्थान (Rajasthan) का एक ऐतिहासिक शहर, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। इस शहर की आध्यात्मिक छवि भी कम आकर्षक नहीं है। बीकानेर (Bikaner) के गौरवशाली अतीत और समृद्ध धार्मिक परंपराओं की गवाही देते हैं यहाँ के प्राचीन मंदिर। इन मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध है करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir), जो अपनी अनोखी चूहा आबादी के लिए विश्वभर में विख्यात है। हज़ारों श्रद्धालु इस अद्भुत मंदिर में माता के आशीर्वाद पाने आते हैं। लेकिन करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) के अलावा भी बीकानेर (Bikaner) में कई खूबसूरत मंदिर मौजूद हैं जो अपनी कलात्मक संरचनाओं और धार्मिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। बीकानेर (Bikaner) के इन दिव्य मंदिरों में भगवान विष्णु को समर्पित श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर (Laxminath Mandir), बीकानेर (Bikaner) के संस्थापक राव बीका (Rao Bika) द्वारा निर्मित बीकानेर का बड़ा मंदिर, जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ को समर्पित बंधेश्वर जी का जैन मंदिर जैसे कई प्रमुख मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों की जटिल वास्तुकला, सुंदर नक्काशी और आकर्षक चित्र देखते ही बनते हैं। 

तो आइए, हम आपको बीकानेर के इन 11 प्रसिद्ध मंदिरों की एक रोमांचक यात्रा पर ले चलते हैं। इस लेख में हम इन मंदिरों के इतिहास, वास्तुकला और धार्मिक महत्व पर गहराई से चर्चा करेंगे। साथ ही हम इन मंदिरों से जुड़ी रोचक किंवदंतियों और मान्यताओं पर भी प्रकाश डालेंगे। तो तैयार हो जाइए इस आध्यात्मिक सफर के लिए..!!

List of all 11 Temple 

S.NO मंदिरों के नामस्थान (बीकानेर)
1श्री लक्ष्मीनाथ मंदिरVaidya Mangaram Colony, Bikaner, Rajasthan 334004
2भंडासर जैन मंदिरOld Bikaner, Bikaner, Rajasthan 334001
3शिव बाड़ी मंदिरAmbedkar Colony, Bikaner, Shivbari Rural, Rajasthan 334003
4कोलायत मंदिरMDR 37, Kolayat, Rajasthan 334302
5कोडामदेश्वर मंदिरKodamdesar Bhairu Ji Temple, Kodamdesar, Rajasthan 334305
6गजनेर मंदिरBikaner district, Rajasthan 
7राज रतन बिहारी मंदिरKEM Rd, Chaukhunti Mohalla, Bikaner, Rajasthan 334001
8करणी माता मंदिरNH 89, Deshnok, Rajasthan 334801
9मुक्तिधाम मुकामNokha, Mukam, Rajasthan 334802
10तोलियासर भेरूजी मंदिरToliyasar, Tauliyasar, Rajasthan 331803
11नखत बन्ना मंदिरCharanwala, Rajasthan 334305, W553+JFW 

1. श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर (Lakshmi Nath Temple)

श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर (Shree Laxminath Mandir) राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भगवान विष्णु (Lord Vishnu)  और उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी को समर्पित है। मंदिर की स्थापना बीकानेर (Bikaner) के संस्थापक राव बीका जी (Rao Bika ji) ने 1488 ई. में की थी। 

मंदिर परिसर में भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की एक विशाल प्रतिमा है जो कि पाषाण से निर्मित है। मंदिर की वास्तुकला राजस्थानी शैली में है और इसमें जटिल नक्काशी और मूर्तिकला देखने को मिलती है। मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश (Lord Ganesh) और देवी सरस्वती की सुंदर प्रतिमाएं हैं।

मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विशेषकर, विद्यार्थियों के लिए यह मंदिर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है कि परीक्षा से पहले यहां माथा टेकने से सफलता मिलती है। 

मंदिर में प्रतिदिन आरती और पूजा होती है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। दीपावली और होली के त्योहारों पर यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं। मंदिर परिसर में एक बड़ा भोजनालय भी है जहां प्रसाद वितरित किया जाता है।

श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर (Shree Laxminath Mandir) न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण है। बीकानेर (Bikaner) के अन्य दर्शनीय स्थलों जैसे जूनागढ़ किला, करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) और ऊंट अनुसंधान केंद्र के साथ यह मंदिर शहर की सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है।

लक्ष्मीनाथ मंदिर के बारे में (About Lakshminath Temple)

लक्ष्मी नाथ मंदिर का फोन नंबर कोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है 
लक्ष्मीनाथ मंदिर का पता Vaidya Mangaram Colony, Bikaner, Rajasthan 334004
लक्ष्मीनाथ मंदिर में प्रवेश शुल्क मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
लक्ष्मीनाथ मंदिर की फेसबुक प्रोफाइल https://www.facebook.com/share/ZhvjfJTFrpynss9p/ 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी6.2 किलोमीटर 
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 2.5 किलोमीटर 
बीकानेर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 12.3 किलोमीटर
Google Map https://maps.app.goo.gl/RSX1fSnHAcp6M6Wc7

2. भांडासर जैन मंदिर (Bhandasar Jain Temple)

बीकानेर (Bikaner) के प्रसिद्ध भांडासर जैन मंदिर  (Bhandasar Jain Temple) का निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का निर्माण 1468 ई. में शुरू हुआ और 1541 ई. में पूरा हुआ। इस मंदिर को एक धनी व्यापारी भंडासा ओसवाल ने बनवाया था, जो जैन धर्म के अनुयायी थे। मंदिर का नाम भी इन्हीं के नाम पर रखा गया। 

भांडासर जैन मंदिर  (Bhandasar Jain Temple) पारंपरिक जैन शैली में बना है और पांचवें तीर्थंकर सुमतिनाथ को समर्पित है। यह अपनी जटिल नक्काशी, भित्ति चित्रों और फ्रेस्को के लिए जाना जाता है जो विभिन्न जैन पौराणिक कथाओं और देवताओं को दर्शाते हैं। मंदिर के अंदर सोने की पत्ती की पेंटिंग, आईना का काम और रंगीन पत्थर से सजावट की गई है।

भांडासर मंदिर (Bhandasar Mandir) की एक अनोखी विशेषता यह है कि इसके निर्माण में पानी की जगह 40,000 लीटर घी का इस्तेमाल किया गया था। यह प्राचीन भारतीय वास्तुकला में इस्तेमाल की जाने वाली एक पारंपरिक तकनीक है। मान्यता है कि घी के इस्तेमाल से मंदिर की नींव इतनी मजबूत हो गई कि वह भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकती है।

भांडासर जैन मंदिर के बारे में (About Bhandasar Jain Temple)

भांडासर जैन मंदिर का मोबाइल नंबर 1800111363
भांडासर जैन मंदिर का पता Old Bikaner, Bikaner, Rajasthan 334001
मंदिर में प्रवेश शुल्क मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी 2.5 किलोमीटर 
मंदिर की एयरपोर्ट से दूरी14 किलोमीटर 
बस स्टेशन से दूरी 5.6 किलोमीटर 
Google Map 

3. शिव बाड़ी मंदिर (Shiv Bari Temple)

भारतीय राज्य राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) नगर में स्थित शिव बाड़ी मंदिर (Shiv Bari Mandir) को जनेश्वर महादेव मंदिर (Janeshwar Mahadev Temple) के नाम से भी जाना जाता है। यह प्राचीन मंदिर अपने अद्वितीय परंपराओं और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर लगभग 300 वर्ष पुराना है और यहां दोपहर की आरती की विशेषता के लिए जाना जाता है, जो अन्य मंदिरों के विपरीत होती है, जहां केवल सुबह और शाम में आरती होती है। 

महाराजा गज सिंह (Maharaja Gaj Singh) के शासनकाल के दौरान मंदिर की स्थापना की गई थी, जिन्होंने बोहरा समुदाय को क्षेत्र से निकाला था। तब महाराजा ने भगवान शिव (Lord Shiv) की चार मूर्तियों, जिनमें जनेश्वर, काशी विश्वनाथ, नटराज, और फकीर शामिल थे, को एक साथ स्थापित किया। मंदिर बीकानेर (Bikaner) की एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थली है और देश भर से भक्तों को आकर्षित करता है।

शिव बाड़ी मंदिर (Shiv Bari Mandir) की अनोखी मान्यताओं, उसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व और उसके ऐतिहासिक प्रशासनिक संबंधों के कारण यह भक्तों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।

शिव बाड़ी मंदिर के बारे में ( About Shiv Bari Temple)

शिव बाड़ी मंदिर का फोन नंबर कोई आधिकारिक फोन नंबर नहीं है 
शिव बाड़ी मंदिर का पता Shivbari, Bikaner, Rajasthan 334001
शिव बाड़ी मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
मंदिर की रेलवे स्टेशन से दूरी 5.5 किलोमीटर 
मंदिर की एयरपोर्ट से दूरी20.5 किलोमीटर 
बस स्टेशन से दूरी          7.8 किलोमीटर 
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4.कोलायत मंदिर (Kolayat Temple)

कपिल मुनी मंदिर, जिसे कोलायत मंदिर (Kolayat Mandir) के नाम से भी जाना जाता है, बीकानेर (Bikaner) से लगभग 51 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सांख्य दर्शन के प्रचारक कपिल मुनि से जुड़ा हुआ है, जिन्हें हिंदू देवता विष्णु का पांचवां अवतार माना जाता है। कोलायत मंदिर बीकानेर (Bikaner) में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल और प्रमुख धार्मिक केंद्र है। मंदिर के स्नान घाट भक्तों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय हैं, जहां कई लोग कोलायत झील के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।

हिंदू पौराणिक परंपरा के अनुसार, कपिल मुनि ने एक बार मानव जाति को बुराई की चंगुल से मुक्त करने के उद्देश्य से गहन ध्यान किया था। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने मंदिर के पास एक प्राचीन पीपल के पेड़ के नीचे मोक्ष या आत्म-साक्षात्कार प्राप्त किया। उनके निधन के बाद, उनके शरीर को उसी वृक्ष के नीचे दाह संस्कार किया गया और दफनाया गया। 

कोलायत मंदिर की वास्तुकला शैली भव्य है, जिसका निर्माण बलुआ पत्थर और बलुआ पत्थर का उपयोग करके किया गया है। मंदिर में कपिल मुनि की एक प्रतिमा है। मंदिर भक्तों के लिए सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है, और 1-2 घंटे की यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी जाती है। कपिल मुनी मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है।

कोलायत मंदिर के बारे में (About Kolayat Temple) 

कोलायत मंदिर का फोन नंबर095099 19538 
कोलायत मंदिर का पताMDR 37, Kolayat, Rajasthan 334302
कोलायत मंदिर में प्रवेश शुल्क मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी51 किलोमीटर 
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 50 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी 18 किलोमीटर 
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5. कोडामदेश्वर मंदिर (Kodamdeshwar Mandir)

बीकानेर (Bikaner) के कोडामदेश्वर मंदिर (Kodamdeshwar Mandir) का इतिहास काफी पुराना और रोचक है। यह मंदिर 300 साल से भी अधिक पुराना है और इसका निर्माण 1737 ई. में महाराजा रायसिंह द्वारा करवाया गया था।

मंदिर शिव भगवान को समर्पित है और इसका वास्तुकला मुगल और राजपूत शैली का संगम है। मंदिर परिसर में कई मंदिर और छतरियां हैं जो पत्थर की नक्काशी और चित्रकारी से सजी हुई हैं। मुख्य मंदिर शिखर युक्त है और इसके ऊपर सोने का कलश है।

मंदिर के मुख्य द्वार पर हाथियों की आकृतियां उकेरी गई हैं। अंदर जाने पर नंदी, गणेश और कार्तिकेय की प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है जिसे पवित्र जल से अभिषेक किया जाता है। कहा जाता है कि महाराजा रायसिंह (Maharaja Raisingh)  ने एक सपने में भगवान शंकर के दर्शन किए थे जिसके बाद उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया। नवरात्रि और महाशिवरात्रि पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर के पास एक कुंड भी है जिसे महाराजा रायसिंह (Maharaja Raisingh) ने बनवाया था। इसके जल को पवित्र माना जाता है। श्रद्धालु यहां स्नान करके पुण्य अर्जित करते हैं।

कोडामदेश्वर मंदिर बीकानेर (Bikaner) शहर के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसकी कलात्मक वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के कारण यह पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। मंदिर का संरक्षण राजस्थान सरकार द्वारा किया जाता है।

कोडामदेश्वर मंदिर के बारे में (About Kodamdeshwara Temple)

कोडामदेश्वर मंदिर का फोन नंबर9414015129
कोडामदेश्वर मंदिर का पताKodamdesar Bhairu Ji Temple, Kodamdesar, Rajasthan 334305
कोडामदेश्वर मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी5.0 किलोमीटर
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी15 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी25.9 किलोमीटर
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गजनेर मंदिर बीकानेर | Gajner Temple Bikaner

गजनेर मंदिर (Gajner Temple)  बीकानेर (Bikaner) से लगभग 32 किलोमीटर दूर गजनेर झील के किनारे स्थित है। यह एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में बीकानेर (Bikaner) के शासक राव बीका (Rao Bika) द्वारा करवाया गया था। 

मंदिर राजस्थानी वास्तुकला शैली में पत्थर से निर्मित है। इसमें विशाल प्रवेश द्वार, स्तंभ और मूर्तियों से सजी दीवारें हैं। मंदिर परिसर में एक विशाल आंगन और कुंड भी है। मुख्य गर्भगृह में भगवान विष्णु की काले पत्थर की प्रतिमा है। 

मंदिर का वास्तुकला और कलाकृतियां उस समय की शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना हैं। यहाँ नक्काशीदार खंभे, मेहराब और छतरियां देखने लायक हैं। मंदिर दीवारों पर हिंदू पौराणिक कथाओं के चित्र उकेरे गए हैं। 

प्रतिवर्ष यहाँ कार्तिक पूर्णिमा पर एक बड़ा मेला लगता है जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह मंदिर पर्यटकों के लिए भी एक लोकप्रिय स्थल है। गजनेर मंदिर (Gajner Temple) अपनी वास्तुकला, कला और धार्मिक महत्व के कारण बीकानेर (Bikaner) के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। यह शहर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

गजनेर मंदिर के बारे में (About Gajner Temple)

मंदिर का फोन नंबर919910900630
मंदिर का पताBikaner district, Rajasthan
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/share/1fPEiH4xCPw9Tz81/
मंदिर में प्रवेश शुल्कमंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी11.4 किलोमीटर
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी3.1 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी1.1 किलोमीटर
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/b4DBSHE9USLkyoP46

7. राज रतन बिहारी मंदिर (Raj Ratan Bihari Temple)

Raj Ratan Bihari Temple

बीकानेर (Bikaner) के प्रसिद्ध राज रतन बिहारी मंदिर (Raj Ratan Bihari Temple) का इतिहास करीब 300 वर्ष पुराना है। यह मंदिर बीकानेर (Bikaner) के राठौड़ शासक महाराजा राय सिंह द्वितीय (1574-1612) के शासनकाल में बनवाया गया था। मंदिर में भगवान कृष्ण की प्रतिमा विराजमान है जिसे महाराजा राय सिंह द्वारा वृंदावन से लाया गया था। 

मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा छोटे-छोटे कई मंदिर भी हैं जो राधा-कृष्ण, बलराम, माता यशोदा और अन्य देवी-देवताओं को समर्पित हैं। मंदिर की वास्तुकला अत्यंत खूबसूरत और आकर्षक है। यहां हर साल जन्माष्टमी, होली और दीपावली जैसे त्योहारों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं। मंदिर में नित्य आरती, भोग और सेवा का विशेष महत्व है। मंदिर में मौजूद भगवान कृष्ण की प्रतिमा पर सोने और चांदी के आभूषण सजाए जाते हैं। मंदिर की दीवारों पर भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी घटनाओं के सुंदर चित्र बने हुए हैं। राज रतन बिहारी मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही पर्यटकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है। 

बीकानेर (Bikaner) शहर की शान है और यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अध्यात्म और कला का अनूठा अनुभव प्रदान करता है।

राज रतन बिहारी मंदिर के बारे में (About Raj Ratan Bihari Temple) 

राजरतन बिहारी मंदिर का फोन नंबरमंदिर का आधिकारिक फोन नंबर नहीं है
राजरतन बिहारी मंदिर का पताChaukhunti Mohalla, Bikaner, Rajasthan 334001
मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटhttps://devasthan.rajasthan.gov.in/images/Bikaner/RajRatanBihariji.htm
मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/share/FhYjV7KVDEGSFBxp/?mibextid=qi2Omg
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी3.4 किलोमीटर
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी14 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी3.1 किलोमीटर
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/5yoN5P3KZScrzMPLA

8. करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir)

करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir), जिसे चूहों का मंदिर भी कहा जाता है, राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) से लगभग 30 किलोमीटर दूर देशनोक में स्थित एक अनूठा मंदिर है। यह मंदिर करणी माता को समर्पित है, जो एक महिला ऋषि थीं और 1387 में हिंदू रथ जाति में जन्मी थीं। वह जोधपुर (Jodhpur) और बीकानेर (Bikaner) के शाही परिवारों की कुलदेवी मानी जाती हैं। 

करणी माता मंदिर (Karni Mata Mandir) अपने 20,000 काले चूहों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें कबास कहा जाता है। मान्यता है कि ये चूहे एक निकटवर्ती युद्ध से भागे सैनिकों की सेना हैं। किंवदंती के अनुसार, करणी माता ने इन सैनिकों को उन्हें चूहों में बदलकर जीवन का दूसरा मौका दिया। हजारों चूहों की उपस्थिति के बावजूद, मंदिर में कभी प्लेग या दुर्गंध का एक भी मामला सामने नहीं आया है। यदि कोई मंदिर में किसी चूहे को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे मंदिर को एक सोने का चूहा मूर्ति दान करना होता है।

हजारों काले चूहों के बीच कुछ सफेद चूहे भी हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है। मंदिर सुबह 4 बजे से जनता के लिए खुला होता है। मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में दो वार्षिक मेले आयोजित किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि चूहों द्वारा खाया गया भोजन भक्तों को सौभाग्य और सम्मान प्रदान करता है।

करणी माता मंदिर के बारे में (About Karni Mata Temple)

करणी माता मंदिर का फोन नंबर01512226701 
करणी माता मंदिर का पताNH 89, Deshnok, Rajasthan 334801
करणी माता मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट https://matakarnitemple.com/ 
करणी माता मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/share/QMgdEwRPyLtVmmax/?mibextid=qi2Omg 
करणी माता मंदिर की इंस्टाग्राम प्रोफाइल https://www.instagram.com/karnimataji?igsh=dXpxNDlwN2hheHA5 
Google Maphttps://maps.app.goo.gl/G21eBUf5pCc3KGwa6
जयपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 349 किलोमीटर दूर
जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी330 किलोमीटर दूर 
निकटतम बस स्टैंड से मंदिर की दूरी30 किलोमीटर 

9. मुक्तिधाम मुकाम (Muktidham Bishnoi Mandir)

Muktidham Bishnoi Mandir

मुक्तिधाम मुकाम (Muktidham Bishnoi Mandir), बीकानेर (Bikaner) में स्थित, बिश्नोई समाज के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह स्थल गुरु जम्भेश्वर भगवान की पवित्र समाधि का स्थल है, जो बिश्नोई सम्प्रदाय के संस्थापक थे। गुरु जम्भेश्वर ने अपनी मृत्यु से पहले निर्देश दिए थे कि उनकी समाधि एक खेजड़ी वृक्ष के नीचे निर्मित की जानी चाहिए, और उनके अनुयायियों को वहां एक त्रिशूल (त्रिदेंत) और धुना (मिट्टी का बर्तन) दिव्य संकेत के रूप में मिलेगा। 

मुकाम मंदिर (Mukam Mandir) का निर्माण और विस्तार समय के साथ हुआ है, और यह अब समाधि के ऊपर एक शानदार मंदिर, जिसे निज मंदिर कहा जाता है, के साथ विस्तृत हो गया है। मंदिर परिसर फाल्गुन और अशोज के हिंदू महीनों की अमावस्या (नया चंद्रमा) की रातों पर आयोजित दो वार्षिक मेलों का स्थल है, जो भक्तों की बड़ी संख्या को आकर्षित करते हैं।

फाल्गुन मेला कई वर्षों से हर साल आयोजित होता आ रहा है, जबकि अशोज मेला संत वीरहोजी ने 1648 में शुरू किया था। हाल के वर्षों में, मंदिर ने नियमित आधार पर आगंतुकों की संख्या में वृद्धि देखी है, जिनमें से कई लोग अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने और मंदिर की धार्मिक कर्मकांड में भाग लेने के लिए आते हैं।

मुक्ति धाम बिश्नोई मंदिर के बारे में (About Mukti Dham Bishnoi Temple)

मुक्तिधाम बिश्नोई मंदिर का फोन नंबर+917998100029
मुक्तिधाम बिश्नोई मंदिर का पताNokha, Mukam, Rajasthan 334802 
मुक्तिधाम मंदिर की आधिकारिक वेबसाइटhttps://www.temple.bishnoism.org/2021/01/guru-jambheshwar-mandir-mukam.html 
मुक्तिधाम मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/mukam29 
मुक्तिधाम बिश्नोई मंदिर की ई-मेल आईडीbishnoisamaj108@gmail.com 
मुक्तिधाम बिश्नोई मंदिर की जयपुर रेलवे स्टेशन से दूरी332.1 किलोमीटर
मुक्तिधाम बिश्नोई मंदिर की जयपुर एयरपोर्ट से दूरी347.5 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी81.3 किलोमीटर 
Google Map https://maps.app.goo.gl/3hjcWZZPW2b84jEC7

10. तोलियासर भेरूजी मंदिर (Toliyasar Bheruji Mandir)

Toliyasar Bheruji Mandir

बीकानेर (Bikaner) जिले की श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव तोलियासर स्थित विख्यात तोलियासर भेरूजी मंदिर अपनी पवित्रता और आस्था के लिए जाना जाता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि धर्म, साहित्य, कला और पर्यटन के उभरते केंद्र के रूप में भी जाना जाता है।

इतिहास के पन्नों में झांकने पर, इसके बारे में विशेष तथ्यों का उल्लेख नहीं मिलता है, लेकिन यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना कई शताब्दियों पहले हुई थी. इस मंदिर की विशेषता इसकी वास्तुकला है, जो राजस्थानी शैली को प्रदर्शित करती है। आज भी अपनी आस्था, संस्कृति और इतिहास के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो बीकानेर के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।

तोलियासर भेरूजी मंदिर के बारे में (About Toliyasar Bheruji Temple)

तोलियासर भेरूजी मंदिर का फोन नंबर कोई आधिकारिक नंबर नहीं है 
तोलियासर भेरूजी मंदिर का पताToliyasar, Tauliyasar, Rajasthan 331803
मंदिर में प्रवेश शुल्क मंदिर में प्रवेश नि:शुल्क है 
एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी 80 किलोमीटर 
रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 15 किलोमीटर 
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी3.1 किलोमीटर 
Google Map 

11.नखत बन्ना मंदिर (Nakhat Banna Temple)

नखत बन्ना मंदिर (Nakhat Banna Temple), राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर (Bikaner) ज़िले में स्थित चारणवाला गांव में स्थापित है। यह मंदिर नखत बन्ना जी को समर्पित है, जो एक लोकप्रिय लोक देवता हैं। श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए दूर-दूर से आते हैं।

नखत बन्ना जी एक महान आध्यात्मिक व्यक्तित्व थे जिनका जन्म चारणवाला गांव में हुआ था। उनकी निष्ठा और समर्पण के कारण उन्हें सिद्ध पुरुष माना जाता है। मंदिर उनकी स्मृति में बनाया गया है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि नखत बन्ना जी के आशीर्वाद से यहां आने वाले भक्तों को सांप और बिच्छू के काटने से सुरक्षा मिलती है। इसलिए जहरीले सांप-बिच्छू के डंक का शिकार हुए लोग यहां आकर मन्नत मांगते हैं। मंदिर राजस्थानी वास्तुकला का सुंदर उदाहरण है। इसमें बारीक नक्काशी और मूर्तिकला देखने को मिलती है। मंदिर के चारों ओर हरियाली है जो इसे शांत वातावरण प्रदान करती है।

नखत बन्ना मंदिर के बारे में (About Nakhat Banna Temple)

नखत बन्ना मंदिर का फोन नंबर+91 8460115625
नखत बन्ना मंदिर का पताCharanwala, Rajasthan 334305, W553+JFW
जोधपुर एयरपोर्ट से नखत बन्ना मंदिर की दूरी481 किलोमीटर
जोधपुर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी339 किलोमीटर
बस स्टैंड से मंदिर की दूरी334 किलोमीटर 
नखत बन्ना मंदिर की फेसबुक प्रोफाइलhttps://www.facebook.com/share/aj8eToDpzxNrStVw/?mibextid=qi2Omg 
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Conclusion:

बीकानेर (Bikaner) के मंदिर शहर की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। ये मंदिर न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हैं। बीकानेर (Bikaner) के इन 11 प्रसिद्ध मंदिरों से संबंधित यह विशेष लेख अगर आपको पसंद आया हो तो कृपया हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी एक बार जरूर पढ़िए साथ ही अगर इस लेख से उत्पन्न आपके मन में कोई प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए, हम आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देने का हर संभव प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य विशेष लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट janbhakti.in पर रोजाना विजिट करें।

FAQ’s:

Q. बीकानेर के प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?

Ans. बीकानेर में जूनागढ़ किला, लालगढ़ पैलेस, जैन मंदिर और कर्णी माता मंदिर जैसे कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। ये स्थल शहर की संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। 

Q. बीकानेर का योगदान राजस्थान के एकीकरण में क्या था?

Ans. बीकानेर के शासक ने भारत में विलय संधि के अनुसार संघटन में भाग लेने का निर्णय किया, यह निर्णय राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Q. बीकानेर की आबादी कितनी है?

Ans. बीकानेर शहर की आबादी लगभग 6.44 लाख है, यह शहर राजस्थान राज्य के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है।

Q. बीकानेर की खासियत क्या है?

Ans. बीकानेर की खासियत उसके विशाल फोर्ट, राजपूताना आधारित संस्कृति और उसके विशेष घरेलू उत्पादों, जैसे कि बीकानेरी भुजिया और रसगुल्ले, में निहित है।

Q. बीकानेर की संस्कृति और इतिहास  क्या है?

Ans. बीकानेर अपनी विशाल फोर्ट, भव्य हवेलियों और अपनी विशेष राजपूत संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, यहाँ का इतिहास और संस्कृति यहाँ की स्थापना के समय से ही विकसित होती रही है।