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Vastu Tips For Kitchen: अगर आपकी रसोई में है, वास्तु दोष तो घर में आ सकती हैं बड़ी परेशानियां, आज ही आजमाएं वास्तु शास्त्र के यह खास उपाय

Vastu Tips For Kitchen
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Vastu Tips for Kitchen: रसोई घर (Kitchen) का एक ऐसा कमरा होता है जहां से पूरे घर में खुशहाली और समृद्धि का संचार होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर की गलत दिशा या गलत डिजाइन आपके जीवन में नकारात्मकता और समस्याएं ला सकती है? 

जी हां, वास्तु शास्त्र के मुताबिक रसोई घर में मौजूद वास्तु दोष (Vastu Dosh) न सिर्फ आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि आपके करियर, रिश्तों और आर्थिक स्थिति पर भी बुरा असर डाल सकते हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है! हमारे इस लेख में हम आपको रसोई घर से जुड़े कुछ प्रमुख वास्तु दोषों के बारे में बताएंगे और साथ ही उन्हें दूर करने के आसान उपाय भी सुझाएंगे। चाहे आप एक नई रसोई का निर्माण कर रहे हों या पुरानी रसोई में बदलाव लाना चाहते हों, हमारे वास्तु टिप्स आपकी रसोई में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करेंगे। तो आइए जानते हैं कि कैसे आप अपनी रसोई को वास्तु अनुकूल बनाकर अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं। लेख को अंत तक पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगे कि रसोई में वास्तु का कितना महत्व होता है और उसे अनदेखा करने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। 

हम आपको वास्तु सम्मत रसोई बनाने की दिशा में कदम-दर-कदम मार्गदर्शन देंगे ताकि आप एक सुखद और समृद्ध जीवन जी सकें। तो चलिए शुरू करते हैं इस रोमांचक सफर को…

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Table Of Content 

S.NOप्रश्न
1रसोई के लिए वास्तु शास्त्र युक्तियाँ हिंदी में
2किचन में सिंक किस दिशा में होना चाहिए
3रसोई घर किस दिशा में होना चाहिए
4किचन का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए
5किचन में चूल्हा किस दिशा में होना चाहिए
6पश्चिम दिशा में किचन हो तो क्या करें
7रसोई घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए
8वास्तु के अनुसार किचन का कलर
9रसोई घर का वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय
10रसोई के लिए हिंदी में वास्तु टिप्स 

रसोई के लिए वास्तु शास्त्र युक्तियाँ हिंदी में (Vastu Shastra Tips For Kitchen In Hindi)

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, रसोई का स्थान और उसकी व्यवस्था एक घर की सुख-समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है, अग्नेय कोण (साउथ-ईस्ट) रसोई बनाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है, जबकि वायव्य कोण (नार्थ-वेस्ट) दूसरा उत्तम स्थान होता है।  रसोई (Kitchen) में उचित प्रकाश और वायुमंडल की व्यवस्था करनी चाहिए। रसोई का नकारात्मक प्रभाव टालने के लिए, उसे ईशान कोण (नार्थ-ईस्ट), ब्रह्मस्थान (घर का केंद्र), और नैरुत्य कोण (साउथ-वेस्ट) में नहीं बनाना चाहिए। रसोई की सफाई और व्यवस्था सुनिश्चित करने और वास्तु दोष से बचने के लिए, इसे सदा स्वच्छ और व्यवस्थित रखना चाहिए। इन सब बातों का पालन करके, हम अपने घर को सुख और समृद्धि की ओर ले जा सकते हैं।

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किचन में सिंक किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार किचन सिंक की सही दिशा घर में सुख-समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किचन सिंक को हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए। जब आप इस दिशा में बर्तन साफ करते हैं तो आपका मुंह उत्तर की ओर होना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

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रसोई घर किस दिशा में होना चाहिए ?

रसोई घर (Kitchen) वास्तु (Vastu) के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण में होना शुभ माना जाता है। यदि ऐसा संभव न हो तो उत्तर-पूर्व दिशा में गणेश जी की तस्वीर लगाएं। चूल्हा दक्षिण-पूर्व में और पानी उत्तर-पूर्व में रखें। भोजन बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खड़े हों। गैस दक्षिण-पूर्व में रखें। रसोई का रंग पीला, नारंगी या गेरुआ रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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किचन का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, किचन (Kitchen) का दरवाजा उत्तर, पूर्व, या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। दक्षिण दिशा कुछ कम शुभ मानी जाती है, जिससे नकरात्मक ऊर्जा पैदा हो सकती है और समृद्धि में बाधा डाल सकती है। हालांकि, अगर किचन घर के दक्षिण-पूर्व कोने में स्थित है, तो दरवाजा दक्षिण की ओर मुँह कर सकता है, क्योंकि यह अग्नि, अग्नि देवता की दिशा है। अंततः, किचन के दरवाजे की दिशा घर की समग्र लेआउट, ऊर्जा और निवासियों की विशेष आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगी।

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किचन में चूल्हा किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, किचन में गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। इससे भोजन का स्वाद बढ़ता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

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पश्चिम दिशा में किचन हो तो क्या करें ?

अगर आपका किचन पश्चिम दिशा में है तो वास्तु के अनुसार आप निम्न उपाय कर सकते हैं:

  • गैस स्टोव या चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा (आग्नेय कोण) में रखें ताकि खाना बनाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर रहे। यह शुभ माना जाता है।
  • सिंक उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सिंक को गैस स्टोव से दूर रखें क्योंकि पानी और आग विपरीत तत्व माने जाते हैं।
  • किचन की दीवारों का रंग हल्का नारंगी या क्रीम कलर रखें। काले और नीले रंग से बचें क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का वास माना जाता है।
  • किचन में दक्षिण-पूर्व दिशा में एक लाल बल्ब लगाएं और इसे हमेशा जलते रहने दें। यह वास्तु दोष को दूर करने में मदद करेगा।
  • मसाले, बर्तन, चावल, दाल, आटा आदि दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।

वास्तु के अनुसार किचन का कलर

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, किचन का रंग चुनते समय दिशाओं और तत्वों का ध्यान रखना चाहिए। दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित किचन के लिए नारंगी, पीला या लाल रंग उपयुक्त होता है, क्योंकि ये रंग अग्नि तत्व से जुड़े हैं और ऊर्जा व उत्साह को बढ़ावा देते हैं। यदि किचन छोटा हो, तो हल्के रंग जैसे गुलाबी, नारंगी, पीला या सफेद का इस्तेमाल करना चाहिए। किचन की उत्तरी दीवार पर हरा रंग और पश्चिमी दीवार पर नीला रंग लगाना शुभ माना जाता है। किचन में सफेद रंग का प्रयोग भी अच्छा विकल्प है, बशर्ते नियमित सफाई की जाए।

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रसोई घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए ?

वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, किचन का दरवाजा उत्तर, पूर्व, या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। दक्षिण दिशा कम शुभ मानी जाती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि में बाधा हो सकती है। हालांकि, अगर किचन दक्षिण-पूर्व कोने में है, तो दरवाजा दक्षिण की ओर हो सकता है। अंतिम निर्णय घर की समग्र लेआउट और निवासियों की आवश्यकताओं पर निर्भर करता है।

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रसोई घर का वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय

रसोई घर (Kitchen) के वास्तु दोष का निवारण करने के लिए तीन सरल उपाय:

  • मां अन्नपूर्णा की मूर्ति स्थापित करें: रसोई में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या तस्वीर रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और भोजन की समृद्धि बनी रहती है।
  • उपयुक्त रंगों का प्रयोग करें: रसोई की दीवारों और कैबिनेट्स को हल्के रंगों में रंगें, जैसे कि हल्का पीला, हरा या क्रीम, जो सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।
  • नींबू और मिर्ची का तोरण लगाएं: रसोई के दरवाजे पर नींबू और मिर्ची का तोरण लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

रसोई के लिए हिंदी में वास्तु टिप्स (Vastu Tips In Hindi For Kitchen)

भारतीय वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, रसोई घर की योजना और स्थिति का घर के ऊर्जा क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसकी सर्वश्रेष्ठ दिशा दक्षिण-पूर्व होती है, जो अग्नि तत्व से जुड़ी होती है। रसोई को बाथरूम या बेडरूम के ऊपर या नीचे नहीं रखना चाहिए, और इसका मुख्य द्वार उत्तर-पूर्व कोने में नहीं होना चाहिए। रसोई में काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए, इसके बजाय हल्के रंगों का उपयोग करें। रसोई के उपकरणों, जैसे कि फ्रिज और सिंक, की योजना भी महत्वपूर्ण होती है। इन टिप्स का पालन करके, आप अपने रसोई और पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।

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Conclusion:- 

किचन के वास्तु दोष से निजात पाने के लिए सबसे जरूरी है – सकारात्मक सोच और परिवार के बीच प्रेम का माहौल। वास्तु टिप्स तो एक मार्गदर्शक हैं, लेकिन खुशहाल जीवन के लिए हमें अपनी सोच और रिश्तों में बदलाव लाना होगा। किचन को साफ और व्यवस्थित रखें, लेकिन साथ ही दिल से भी नकारात्मकता दूर करें।अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इस अपने परिवारजनों के साथ जरुर साझा करें साथ ही हमारे अन्य सभी आर्टिकल्स को भी जरूर पढ़ें और अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो उसे कॉमेंट बॉक्स में जाकर जरुर पूछे, हम आपके सभी प्रश्नों का जवाब देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट जन भक्ति पर रोज़ाना विज़िट करें ।

Disclaimer:  इस लेख के द्वारा दी गई सभी जानकारियां मान्यताओं पर आधारित है। हम आपको बता दें कि जन भक्ति ऐसे उपायों की पुष्टि नहीं करता है, इसलिए इन सभी वास्तु टिप्स को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें ।

FAQ’s

Q. क्या मेन गेट के सामने किचन होना वास्तु दोष माना जाता है? 

Ans. हां, वास्तु शास्त्र के अनुसार मेन गेट के ठीक सामने किचन होना घर के सदस्यों के लिए अशुभ माना जाता है। इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए मेन गेट और किचन के बीच पर्दा लगाने की सलाह दी जाती है।

Q. किचन में मंदिर होने से क्या नुकसान हो सकते हैं? 

Ans. किचन के अंदर मंदिर होने से वहां रहने वाले लोग गरम दिमाग के हो सकते हैं और परिवार के किसी सदस्य को रक्त संबंधी शिकायत भी हो सकती है। इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए मंदिर को किचन से हटा कर कहीं और स्थापित करने की सलाह दी जाती है।

Q. किचन और बाथरूम का एक सीध में होने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं? 

Ans. वास्तु शास्त्र के मुताबिक यदि किचन और बाथरूम एक सीध में हैं तो वहां रहने वालों का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता और जीवन में अशांति बनी रहती है। इस दोष को दूर करने के लिए बाथरूम में कटोरी भर नमक रखने और समय-समय पर बदलते रहने का उपाय बताया गया है।

Q. किचन के अंदर ही स्टोर रूम होने से क्या परेशानी हो सकती है? 

Ans. वास्तु के अनुसार अगर किचन के अंदर ही स्टोर रूम है तो गृहस्वामी को अपनी नौकरी या व्यापार में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए स्टोर रूम में चांदी का सिक्का रखने का उपाय सुझाया जाता है।

Q. किचन में वास्तु के अनुसार अग्नि-पानी की सुविधाएं न होने से क्या असर पड़ता है? 

Ans. यदि किचन में अग्नि-पानी जैसी सुविधाएं वास्तु के हिसाब से नहीं हैं तो इससे घर के सदस्यों के स्वास्थ्य और व्यापार पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस दोष को दूर करने के लिए भोजन का भोग सबसे पहले भगवान को लगाने का उपाय किया जा सकता है।

Q. बिना स्नान किए किचन में प्रवेश करने से क्या होता है?

Ans. बिना स्नान किचन में जाने से किचन में नकारात्मक ऊर्जा आती है और घर के सदस्यों में चिड़चिड़ापन और आलस्य बढ़ने लगता है। इस वास्तु दोष से बचने के लिए हमेशा स्नान करने के बाद ही किचन में प्रवेश करना चाहिए।